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सीमा पर ही नहीं, इस सैनिक स्कूल के छात्र चिकित्सा और लॉ के क्षेत्र में भी अपना लोहा मनवा रहे हैं...

चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल ने न सिर्फ जाबांज जवान दिए हैं, बल्कि स्कूल के 60 से अधिक छात्र डॉक्टर बनकर मानव सेवा में लगे हैं. वहीं, डॉक्टर्स डे पर सैनिक स्कूल के प्राचार्य ने सभी डॉक्टरों को शुभकामनाएं दी है.

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Published : Jul 1, 2020, 4:32 PM IST

राजस्थान न्यूज  Sainik School of Chittorgarh
डॉक्टर बन कर रहे मानव सेवा

चितौड़गढ़. जिला मुख्यालय स्थित सैनिक स्कूल से पढ़ कर निकले छात्र आज भारतीय सेना में अपना लोहा मनवा चुके हैं. वहीं कोरोना महामारी के समय स्कूल के कई छात्र डॉक्टर बन कर कोरोना योद्धा के रूप में मानवता की सेवा कर रहे हैं. बता दें कि इस स्कूल ने देश को 60 से अधिक डॉक्टर दिए हैं, जो राष्ट्र सेवा में लगे हैं.

डॉक्टर बन कर रहे मानव सेवा

स्कूल के प्राचार्य कर्नल राजेश राघव और उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कमांडर मनीष चौधरी ने डॉक्टर्स डे के इस अवसर पर सभी कोरोना योद्धाओं को शुभकामनाएं दी. स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी बाबूलाल शिवरान ने बताया कि यहां से पढ़कर निकले छात्र सिविल सेवा के साथ-साथ भारतीय सेना में भी डॉक्टर बन कर सेवा दे रहे हैं. कोरोना महामारी के बीच वो बखूबी काम कर रहे हैं. स्कूल के कई छात्र बड़े-बड़े चिकित्सा संस्थानों में काम कर रहे हैं.

बता दें कि सैनिक स्कूल चितौड़गढ़ 1961 से संचालित है. यहां से पढ़ कर निकले छात्र ने सेना के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी नाम कमाया है. जानकारी में सामने आया कि हाल ही के सालों में सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ से अध्ययन करके निकले छात्र भी चिकित्सक बनने की तैयारी में है.

यह भी पढ़ें. DOCTORS DAY: 'धरती के भगवान' को सलाम...Corona से हर रोज कर रहे दो-दो हाथ

वहीं, देश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में अभी पढ़ाई कर रहे हैं. आगामी सालों में यह भी चिकित्सा के क्षेत्र में सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ का नाम रोशन करेंगे. स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि स्कूल से निकले छात्र सिर्फ सेना में ही नहीं, चिकित्सा और लॉ के क्षेत्र में भी अपना लोहा मनवा रहे हैं.

डॉक्टर्स डे क्यों मनाते हैं...

भारत में 1991 से National Doctors Day मनाया जाता है. यह दिवस पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ. बिधानचंद्र राय के सम्मान में मनाया जाता है. इस साल कोरोना महामारी में डॉक्टर्स अपनी जान जोखिम में डालकर मानव सेवा कर रहे हैं. इसलिए उन्हें कोरोना वॉरियर कहकर सम्मान दिया जा रहा है.

चितौड़गढ़. जिला मुख्यालय स्थित सैनिक स्कूल से पढ़ कर निकले छात्र आज भारतीय सेना में अपना लोहा मनवा चुके हैं. वहीं कोरोना महामारी के समय स्कूल के कई छात्र डॉक्टर बन कर कोरोना योद्धा के रूप में मानवता की सेवा कर रहे हैं. बता दें कि इस स्कूल ने देश को 60 से अधिक डॉक्टर दिए हैं, जो राष्ट्र सेवा में लगे हैं.

डॉक्टर बन कर रहे मानव सेवा

स्कूल के प्राचार्य कर्नल राजेश राघव और उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कमांडर मनीष चौधरी ने डॉक्टर्स डे के इस अवसर पर सभी कोरोना योद्धाओं को शुभकामनाएं दी. स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी बाबूलाल शिवरान ने बताया कि यहां से पढ़कर निकले छात्र सिविल सेवा के साथ-साथ भारतीय सेना में भी डॉक्टर बन कर सेवा दे रहे हैं. कोरोना महामारी के बीच वो बखूबी काम कर रहे हैं. स्कूल के कई छात्र बड़े-बड़े चिकित्सा संस्थानों में काम कर रहे हैं.

बता दें कि सैनिक स्कूल चितौड़गढ़ 1961 से संचालित है. यहां से पढ़ कर निकले छात्र ने सेना के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी नाम कमाया है. जानकारी में सामने आया कि हाल ही के सालों में सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ से अध्ययन करके निकले छात्र भी चिकित्सक बनने की तैयारी में है.

यह भी पढ़ें. DOCTORS DAY: 'धरती के भगवान' को सलाम...Corona से हर रोज कर रहे दो-दो हाथ

वहीं, देश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में अभी पढ़ाई कर रहे हैं. आगामी सालों में यह भी चिकित्सा के क्षेत्र में सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ का नाम रोशन करेंगे. स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि स्कूल से निकले छात्र सिर्फ सेना में ही नहीं, चिकित्सा और लॉ के क्षेत्र में भी अपना लोहा मनवा रहे हैं.

डॉक्टर्स डे क्यों मनाते हैं...

भारत में 1991 से National Doctors Day मनाया जाता है. यह दिवस पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ. बिधानचंद्र राय के सम्मान में मनाया जाता है. इस साल कोरोना महामारी में डॉक्टर्स अपनी जान जोखिम में डालकर मानव सेवा कर रहे हैं. इसलिए उन्हें कोरोना वॉरियर कहकर सम्मान दिया जा रहा है.

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