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चित्तौड़गढ़: 50 फीसदी अफीम काश्तकारों की अफीम वाटर मिक्सिंग निकली

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Published : Apr 8, 2021, 4:05 PM IST

50 फीसदी काश्तकारों की अफीम वॉटर मिक्सिंग कैटेगरी में निकली. जबकि काश्तकारों की माने तो वह लोग क्वालिटी का माल लेकर आए थे. प्रारंभिक तौर पर ओवन सिस्टम के आधार पर नारकोटिक्स अधिकारी क्वालिटी का आकलन करते हैं. प्रथम खंड में 113 किसानों की अफीम तोली गई. जिसमें से 63 किसानों की अफीम वाटर मिक्स कैटेगरी की निकली. वही द्वितीय खंड में 63 में से 35 वाटर मिक्स और 5 के परिणाम सस्पेक्टेड माने गए.

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चित्तौड़गढ़: 50 फीसदी अफीम काश्तकारों की अफीम वाटर मिक्सिंग निकली

चित्तौड़गढ़. बड़े उत्साह के साथ अफीम तुलाने पहुंचे काश्तकार फिलहाल चिंता से घिरे दिखाई दे रहे हैं. अब तक की तुलाई का परिणाम यह रहा कि करीब 50 फीसदी काश्तकारों की अफीम वॉटर मिक्सिंग कैटेगरी में निकली. जबकि काश्तकारों की माने तो वह लोग क्वालिटी का माल लेकर आए थे. अब यह वाटर मिक्सिंग का ठप्पा मौसम के चलते लगा या फिर ओवन की धार भोटी पड़ गई, किसान वास्तविक कारण समझ नहीं पा रहे हैं. फिलहाल किसानों की पूरी नजरें अब लेबोरेटरी पर टिक गई है. जहां से उन्हें राहत मिलने की उम्मीद है.

पढे़ं: सिवाना पुलिस ने अनार की आड़ में अफीम की खेती पकड़ी, 8824 पौधे बरामद

चित्तौड़गढ़ में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जाती है और लगभग 15,000 से अधिक काश्तकारों के पास पट्टे हैं. इस वर्ष की अफीम की तुलाई 8 अप्रैल से तीन खंडों में शुरू हुई. जिनमें से दो चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर और एक निंबाहेड़ा उपखंड मुख्यालय पर है. नारकोटिक्स ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि कल दोनों ही खंडों में 176 किसानों की अफीम तोली गई. प्रारंभिक तौर पर ओवन सिस्टम के आधार पर नारकोटिक्स अधिकारी क्वालिटी का आकलन करते हैं.

चित्तौड़गढ़ में अफीम तुलाई

पहले दिन के परिणाम चौंकाने वाले रहे. आंकड़े बताते हैं कि प्रथम खंड में 113 किसानों की अफीम तोली गई. जिसमें से 63 किसानों की अफीम वाटर मिक्स कैटेगरी की निकली. वही द्वितीय खंड में 63 में से 35 वाटर मिक्स और 5 के परिणाम सस्पेक्टेड माने गए. कुल मिलाकर 50 फीसदी काश्तकारों की अफीम वाटर मिक्सिंग निकली. जिसे लेकर काश्तकार चिंतित दिखाई दे रहे हैं. किसान समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर जांच में उनकी अफीम वाटर मिक्स कैसे निकली. जबकि वह वर्षों से काश्त कर रहे हैं और इस बार भी बेटर क्वालिटी की अफीम लेकर आए.

किसानों का कहना है कि तापमान लगातार बढ़ रहा है और पारा 40 डिग्री पार हो चुका है, ऐसे में अफीम के स्वत ही ढीली पड़ने की संभावना रहती है. इसके अलावा काश्तकारों ने ओवन सिस्टम से हुई जांच पर भी संदेह जताया है. फिलहाल वोटर मिक्सिंग का क्या कारण है, इसके वास्तविक कारणों का पता नहीं चल पाया है. अब किसानों की नजरें लेबोरेटरी में होने वाली जांच पर टिक गई हैं जहां की रिपोर्ट की अंतिम मानी जाती है.

बिगड़ जाता है औसत

अफीम नीति के तहत वाटर मिक्सिंग फर्स्ट आने पर प्रति किलो 215 ग्राम, सेकंड में 258, थर्ड में 301 तथा फोर्थ में 344 ग्राम अफीम की कटौती की जाती है. इसके चलते किसान की औसत बिगड़ने की आशंका बढ़ जाती है. जबकि पट्टा औसत के आधार पर ही जारी किया जाता है.

चित्तौड़गढ़. बड़े उत्साह के साथ अफीम तुलाने पहुंचे काश्तकार फिलहाल चिंता से घिरे दिखाई दे रहे हैं. अब तक की तुलाई का परिणाम यह रहा कि करीब 50 फीसदी काश्तकारों की अफीम वॉटर मिक्सिंग कैटेगरी में निकली. जबकि काश्तकारों की माने तो वह लोग क्वालिटी का माल लेकर आए थे. अब यह वाटर मिक्सिंग का ठप्पा मौसम के चलते लगा या फिर ओवन की धार भोटी पड़ गई, किसान वास्तविक कारण समझ नहीं पा रहे हैं. फिलहाल किसानों की पूरी नजरें अब लेबोरेटरी पर टिक गई है. जहां से उन्हें राहत मिलने की उम्मीद है.

पढे़ं: सिवाना पुलिस ने अनार की आड़ में अफीम की खेती पकड़ी, 8824 पौधे बरामद

चित्तौड़गढ़ में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जाती है और लगभग 15,000 से अधिक काश्तकारों के पास पट्टे हैं. इस वर्ष की अफीम की तुलाई 8 अप्रैल से तीन खंडों में शुरू हुई. जिनमें से दो चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर और एक निंबाहेड़ा उपखंड मुख्यालय पर है. नारकोटिक्स ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि कल दोनों ही खंडों में 176 किसानों की अफीम तोली गई. प्रारंभिक तौर पर ओवन सिस्टम के आधार पर नारकोटिक्स अधिकारी क्वालिटी का आकलन करते हैं.

चित्तौड़गढ़ में अफीम तुलाई

पहले दिन के परिणाम चौंकाने वाले रहे. आंकड़े बताते हैं कि प्रथम खंड में 113 किसानों की अफीम तोली गई. जिसमें से 63 किसानों की अफीम वाटर मिक्स कैटेगरी की निकली. वही द्वितीय खंड में 63 में से 35 वाटर मिक्स और 5 के परिणाम सस्पेक्टेड माने गए. कुल मिलाकर 50 फीसदी काश्तकारों की अफीम वाटर मिक्सिंग निकली. जिसे लेकर काश्तकार चिंतित दिखाई दे रहे हैं. किसान समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर जांच में उनकी अफीम वाटर मिक्स कैसे निकली. जबकि वह वर्षों से काश्त कर रहे हैं और इस बार भी बेटर क्वालिटी की अफीम लेकर आए.

किसानों का कहना है कि तापमान लगातार बढ़ रहा है और पारा 40 डिग्री पार हो चुका है, ऐसे में अफीम के स्वत ही ढीली पड़ने की संभावना रहती है. इसके अलावा काश्तकारों ने ओवन सिस्टम से हुई जांच पर भी संदेह जताया है. फिलहाल वोटर मिक्सिंग का क्या कारण है, इसके वास्तविक कारणों का पता नहीं चल पाया है. अब किसानों की नजरें लेबोरेटरी में होने वाली जांच पर टिक गई हैं जहां की रिपोर्ट की अंतिम मानी जाती है.

बिगड़ जाता है औसत

अफीम नीति के तहत वाटर मिक्सिंग फर्स्ट आने पर प्रति किलो 215 ग्राम, सेकंड में 258, थर्ड में 301 तथा फोर्थ में 344 ग्राम अफीम की कटौती की जाती है. इसके चलते किसान की औसत बिगड़ने की आशंका बढ़ जाती है. जबकि पट्टा औसत के आधार पर ही जारी किया जाता है.

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