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चित्तौड़गढ़ में 33 और कौओं की हुई मौत, कुल संख्या पहुंची 117

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Published : Jan 7, 2021, 11:01 PM IST

चित्तौड़गढ़ में कौऔं की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को जिले में 33 और कौवें मृत हालत में मिले हैं. जिसके बाद मृत कौऔं की संख्या 117 पर पहुंच गई है.

चित्तौड़गढ़ की खबर
चित्तौड़गढ़ में 33 और कौओं की हुई मौत

चित्तौड़गढ़. सरकार कोरोना महामारी से निपट भी नहीं पाई कि पक्षियों के सामने नया संकट खड़ा हो गया. कौऔं की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में गुरुवार को 33 और कौवें मृत हालत में मिले हैं. इसके साथ ही मृत कौऔं की संख्या एक 117 हो गई हैं. पशुपालन विभाग कौऔं के मरने के बारे में किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा है. फिलहाल विभाग बर्ड फ्लू के आधार पर कदम उठा रहा है.

चित्तौड़गढ़ में 33 और कौओं की हुई मौत

वहीं, गुरुवार को निंबाहेड़ा इलाके में 32 कौवें मृत मिले हैं. अन्य जगहों से भी कौऔं के मरने की सूचना पहुंची. बुधवार शाम तक 84 कौऔं के मरने की सूचना थी. इस प्रकार अब तक इस अज्ञात बीमारी से 117 कौऔं की अकाल मौत हो टुकी है. विभाग का मानना है कि प्रारंभिक तौर पर बर्ड फ्लू जैसे कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं. गर्दन मुड़ने और शरीर में ऐठन के अलावा पक्षी मर रहे हैं. जबकि बर्ड फ्लू में डायरिया आदि के लक्षण भी दिखाई देते हैं.

संयुक्त निदेशक पशुपालन डॉ. नेत्रपाल सिंह के अनुसार इंफेक्शन से अन्य पक्षियों और जानवरों को बचाने के लिए पूरे मापदंड के अनुसार 3 फीट गड्ढा खोदकर इफेक्टेड पक्षियों को दफनाया जा रहा है. गंगरार और चित्तौड़गढ़ में 5 पोल्ट्री फार्म है. जिनके संचालकों को इंफेक्शन रोकने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. साथ ही पोल्ट्री फार्म के प्रवेश द्वार पर चूने का पानी रखने और अंदर बाहर जाने के लिए अलग-अलग चप्पल के इस्तेमाल से इंफेक्शन को कारगर तरीके से रोका जा सकता है.

पढ़ें: कृषि आदान विक्रय केंद्रों का किया निरीक्षण, अनियमितता पर 190 कृषि आदान विक्रेताओं को नोटिस जारी

इस बारे में हमने पोल्ट्री फार्म संचालकों के साथ-साथ कम संख्या में मुर्गी पालन करने वालों को भी समझाया जा रहा है. राज्य सरकार के दिशा निर्देश अनुसार फील्ड कर्मचारियों को जहां-जहां मुर्गी पालन हो रहा है. संबंधित लोगों को गाइडलाइन से अवगत कराया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि मृत पक्षियों के सैंपल भोपाल में भेजे गए हैं. वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही इनकी मौत के कारणों के बारे में कुछ कहा जा सकेगा.

चित्तौड़गढ़. सरकार कोरोना महामारी से निपट भी नहीं पाई कि पक्षियों के सामने नया संकट खड़ा हो गया. कौऔं की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में गुरुवार को 33 और कौवें मृत हालत में मिले हैं. इसके साथ ही मृत कौऔं की संख्या एक 117 हो गई हैं. पशुपालन विभाग कौऔं के मरने के बारे में किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा है. फिलहाल विभाग बर्ड फ्लू के आधार पर कदम उठा रहा है.

चित्तौड़गढ़ में 33 और कौओं की हुई मौत

वहीं, गुरुवार को निंबाहेड़ा इलाके में 32 कौवें मृत मिले हैं. अन्य जगहों से भी कौऔं के मरने की सूचना पहुंची. बुधवार शाम तक 84 कौऔं के मरने की सूचना थी. इस प्रकार अब तक इस अज्ञात बीमारी से 117 कौऔं की अकाल मौत हो टुकी है. विभाग का मानना है कि प्रारंभिक तौर पर बर्ड फ्लू जैसे कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं. गर्दन मुड़ने और शरीर में ऐठन के अलावा पक्षी मर रहे हैं. जबकि बर्ड फ्लू में डायरिया आदि के लक्षण भी दिखाई देते हैं.

संयुक्त निदेशक पशुपालन डॉ. नेत्रपाल सिंह के अनुसार इंफेक्शन से अन्य पक्षियों और जानवरों को बचाने के लिए पूरे मापदंड के अनुसार 3 फीट गड्ढा खोदकर इफेक्टेड पक्षियों को दफनाया जा रहा है. गंगरार और चित्तौड़गढ़ में 5 पोल्ट्री फार्म है. जिनके संचालकों को इंफेक्शन रोकने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. साथ ही पोल्ट्री फार्म के प्रवेश द्वार पर चूने का पानी रखने और अंदर बाहर जाने के लिए अलग-अलग चप्पल के इस्तेमाल से इंफेक्शन को कारगर तरीके से रोका जा सकता है.

पढ़ें: कृषि आदान विक्रय केंद्रों का किया निरीक्षण, अनियमितता पर 190 कृषि आदान विक्रेताओं को नोटिस जारी

इस बारे में हमने पोल्ट्री फार्म संचालकों के साथ-साथ कम संख्या में मुर्गी पालन करने वालों को भी समझाया जा रहा है. राज्य सरकार के दिशा निर्देश अनुसार फील्ड कर्मचारियों को जहां-जहां मुर्गी पालन हो रहा है. संबंधित लोगों को गाइडलाइन से अवगत कराया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि मृत पक्षियों के सैंपल भोपाल में भेजे गए हैं. वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही इनकी मौत के कारणों के बारे में कुछ कहा जा सकेगा.

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