चित्तौड़गढ़. रावतभाटा में राजस्थान परमाणु बिजलीघर मार्ग पर गुरुवार को सुबह हुए हादसे में घायल अर्जुन कहार ने उपचार के दौरान कोटा मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया. शुक्रवार सुबह मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपा गया. परिजनों एवं कहार समाज ने रावतभाटा के मुख्य बालाराम चौराहे पर शव रखकर जाम लगा दिया और नारेबाजी शुरू कर दी. कहार समाज ने शव को लेकर प्रदर्शन शुरू किया.
कहार समाज ने की मुआवजे मांगः सूचना पर एसडीएम दीपक सिंह खटाना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र मिश्रा, पुलिस उप अधीक्षक सहित बड़ी संख्या में पुलिस जवान मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने परिजनों से बात कर समझाइश का प्रयास किया, लेकिन परिजनों ने मौके पर मुआवजा देने की मांग करते हुए प्रशासन की बात नहीं मानी. जाम लगने की वजह से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एंबुलेंस को जाने के लिए रास्ता देने की बात कही. जाम में परमाणु बिजलीघर की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों की बस को भी रोका गया.
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पालिका अध्यक्ष दीपिका तिल्लानी और उनके पति पूर्व पालिका अध्यक्ष धर्मेंद्र तिल्लानी भी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ धरने पर बैठ गए. जाम से परेशान लोगों ने पैदल जाना शुरू किया. वहीं परमाणु बिजलीघर की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान भी पैदल जाम स्थल से आगे निकले. जवानों के लिए दूसरी तरफ बस का प्रबंध किया गया. तब जाकर सीआईएसएफ जवान अपनी ड्यूटी पर पहुंचे.
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अंततः दोपहर बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने कक्ष में एलएनटी कंपनी के अधिकारियों को बुलाया गया और दोनों ही पक्षों के बीच बातचीत शुरू कराई गई. समाज के लोगों का कहना था कि मृतकों के परिवार के आर्थिक हालात खराब हैं. ऐसे में 50 लाख मुआवजा राशि दिलवाई जाए और परिवार के लोगों में से एक सदस्य को नौकरी दिलवाई जाए. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोनों ही पक्षों के बीच बातचीत करवाई जा रही है और जल्द ही समाधान निकल आएगा.