जयपुर. राजस्थान की संस्कृति, संस्कार और परंपराओं से दान की प्रेरणा मिलती है. भावी पीढ़ी भी इन गौरवशाली परंपराओं को आत्मसात करें. इसके लिए राज्य सरकार वैदिक संस्कार और शिक्षा बोर्ड की स्थापना करने जा रही है. इस संबंध में एक एक्सपर्ट कमेटी भी बनाई गई है. संस्कृत शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने ये जानकारी दी. साथ ही बीजेपी की ओर से शब्द, रंग और महापुरुषों के कब्जे की कोशिश पर इसे कांग्रेस सरकार का जवाब बताया.
कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में वैदिक संस्कार और शिक्षा बोर्ड के स्थापना की घोषणा की थी और अब इसी घोषणा को धरातल पर उतारने की तैयारी की जा रही है. शुक्रवार को भामाशाह सम्मान समारोह के दौरान सूबे के मुखिया अशोक गहलोत ने भी इस पर अपनी स्वीकृति दी. वहीं संस्कृत शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने बताया कि संस्कृत शिक्षा विभाग ने वैदिक संस्कार और शिक्षा बोर्ड के गठन की तैयारी शुरू कर दी है. इसके उद्देश्य और कार्यप्रणाली के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई गई है.
उन्होंने कहा कि वेद विज्ञान के जरिए आर्थिक विकास को गति कैसे मिले इस पर भी मंथन किया जायेगा. इस दौरान उन्होंने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वो शब्द, रंग, महापुरुषों पर कब्जा करने की कोशिश करते हैं. उसी का जवाब कांग्रेस सरकार ने दिया है. वहीं संस्कृत शिक्षा मंत्री ने महात्मा गांधी को भी हर शिक्षा में पढ़ाने की वकालात की. उन्होंने कहा कि गांधी को हर शिक्षा में पढ़ाना चाहिए. यदि मूल्यपरक और भारतीय संस्कृति की बात करते हैं, तो स्कूली शिक्षा तो क्या तकनीकी शिक्षा में भी गांधी को पढ़ाया जाना चाहिए.
बहरहाल, संस्कृत शिक्षा को लेकर हमेशा से प्रदेश की राजनीति गरमाई रहती है. माना जाता रहा है कि बीजेपी संस्कृत से ज्यादा जुड़ाव रखती है. लेकिन, इस मिथक को तोड़ते हुए कांग्रेस सरकार ने अब वैदिक संस्कार और शिक्षा बोर्ड के गठन की तैयारी शुरू की है.