जब से राजस्थान में लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 फरवरी को टोंक में एक विशाल रैली करके किया है. तब से यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर क्यों प्रधानमंत्री ने टोंक को चुना. क्या यह सीट विधानसभा चुनावों की तरह फिर से हॉट सीट होने वाली है या विधानसभा चुनावों में जिस लोकसभा की 8 में से 7 सीटों पर हार हुई हो. वहां जाकर प्रधानमंत्री क्या संदेश देना चाहते थे. टोंक से कोंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट विधायक है.
2014 में मोदी लहर में बीजेपी के सुखबीर जौनपुरिया 1 लाख 35 हजार से जीते थे. उन्होंने पूर्व क्रिकेटर अजहरुद्दीन को हराया था. वहीं इस बार वैभव गहलोत, नमोनारायण मीणा से लेकर सोशल मीडिया में प्रियंका गांधी तक का नाम टोंक से उछल रहा है.
वहीं बीजेपी ने यहां से आखिरी दो चुनावों में गुर्जर नेताओ को ही मैदान में उतारा है. ऐसे भी सुखबीर सिंह जौनापुरिया का दावा मजबूत है. पर इस सीट से जयपुर की राजकुमारी दिया कुमारी भी दावेदारी ठोंक रही हैं.
2018 में सचिन पायलट के टोंक से चुनाव लड़ने के बाद टोंक चर्चा में आया था और सचिन के सामने जब बीजेपी ने यूनुस खान को मैदान में उतारा तो सचिन बार-बार अपने भाषणों में टोंक में प्रचार में मोदी और योगी को बुलाते रहे, तंज कसते रहे. ऐसे में लोकसभा के लिए मोदी ने तो यहां आकर चुनाव प्रचार का आगाज कर दिया है. अब इंतजार है मुकाबले के लिए दावेदारों के नामों की घोषणा की. ऐसे में टोंक सीट प्रतिष्ठा की सीट बनती नजर आ रही है.