जयपुर . शहर में विभाग द्वारा सरकारी टैंकरों से पानी सप्लाई किया जाता है, उस पानी की शुद्धता को लेकर संशय बना हुआ है. सरकारी पानी की लेब्रोटरी में जांच होती है या नहीं ऐसी कोई रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास नहीं है. हालांकि जिला कलेक्टर का दावा है कि टैंकरों से जो सरकारी पानी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है फिल्टर किया हुआ पानी है.
जिला कलेक्टर ने कहा है कि पीएचईडी विभाग को पानी की जांच के लिए कहा गया है. उसकी रिपोर्ट भी जिला प्रशासन द्वारा आगामी दिनों में मंगाई जाएगी. पीएचईडी विभाग का दावा है कि गर्मी में प्रतिदिन 2200 टेंकर ट्रिप शहर में पानी सप्लाई किया जा रहा है. लेकिन इसकी शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है. यह टैंकर विभागीय स्तर पर पानी सप्लाई कर रहे हैं, लेकिन इस पानी की किसी प्रयोगशाला में जांच भी हो रही है या नहीं. इसके बारे में भी जनता को जानकारी नहीं है. जहां निजी टैंकरों से पानी सप्लाई किया जा रहा है उस पानी की जांच के कलक्टर ने सोमवार को आदेश जारी किए थे, लेकिन सरकारी पानी को लेकर ऐसी जांच के आदेश अभी तक नहीं किए गए हैं. जिला कलेक्टर से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि पीएचईडी विभाग को भी इस बारे में कहा गया है कि वह जल स्त्रोतों की जांच कराएं. इस पानी की जांच से दूर की बात है अभी तक सैंपल भी नहीं लिए गए हैं.
कलक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में नलकूपों से जो पानी सप्लाई किया जा रहा है, उस पेयजल की गुणवत्ता जांच की सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि जयपुर शहर में 732 नलकूप खोदे जाने हैं और इनमें से 556 नलकूप खोदे जा चुके हैं और 440 नलकूपों से पेयजल सप्लाई भी शुरू कर दी है. कलक्टर ने कहा कि पेयजल सप्लाई की शुद्धता की जांच विभाग अपने स्तर पर करता है जो पानी सप्लाई किया जा रहा है वह फिल्टर है, ऐसा विभाग का कहना है. उन्होंने कहा कि सरकारी टेंकर से जो पानी सप्लाई होता है, उसकी जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास नहीं आती है. कलक्टर ने भूजल विभाग और पीएचईडी को जल स्त्रोतों की जांच के लिए कहा है. इसकी जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन विभाग से मंगाएगा.