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गहलोत सरकार को दुश्मनी निकालनी है तो भाजपा और मुझ से निकाले...वृद्धों, दिव्यांगों, विधवाओं और बच्चों से नहीं - मदन दिलावर - Congress

भारतीय जनता पार्टी के रामगंजमंडी सीट से विधायक मदन दिलावर ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला किया है. उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार से कहा कि अगर दुश्मनी निकालनी है तो भाजपा और मदन दिलावर से निकाले, ना कि गरीबों, बच्चों और महिलाओं से.

मदन दिलावर, विधायक, रामगंजमंडी
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Published : Apr 1, 2019, 3:19 PM IST

कोटा. रामगंज मंजी से विधायक मदन दिलावर ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले 3 महीने से सामाजिक सुरक्षा की पेंशन कांग्रेस ने बंद कर दी है. इसके साथ ही पालनहार योजना का पैसा भी बच्चों के परिजनों तक नहीं पहुंच रहा है. वहीं आंगनबाड़ी में पोषाहार और दूध भी बच्चों को नहीं मिल रहा है. उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा है कि कांग्रेस को दुश्मनी निकालनी है तो भाजपा और मदन दिलावर से निकाल ले, लेकिन वृद्धों, विकलांग, विधवा महिलाओं और बच्चों से नहीं निकाले. हालात यह है कि अब यह लोग भूख से तड़प रहे हैं.


विधायक दिलावर का कहना है कि कांग्रेस में पिछले 3 महीने से सामाजिक सुरक्षा की पेंशन जारी नहीं गई है. इसमें वृद्ध, विधवा महिलाएं और विकलांग शामिल है. राजस्थान में ऐसे तीन लाख से ज्यादा परिवार हैं. जो भूख से तड़प रहे हैं, क्योंकि उनके सामाजिक सुरक्षा की पेंशन आती थी. जिसे सरकार ने जारी नहीं किया है.

गहलोत सरकार को दुश्मनी निकालनी है तो भाजपा और मुझ से निकाले...वृद्धों, दिव्यांगों, विधवाओं और बच्चों से नहीं - मदन दिलावर


इसके साथ ही जो बच्चे अनाथ है. उनके लालन पालन के लिए 1000 रुपए महीने सरकार देती थी, जिसको भी सरकार ने बंद कर दिया है. मेरा अनुमान है कि ऐसे बच्चे लगभग 50 से ज्यादा है. जिनकी भूख के कारण मौत हो गई है. इसकी जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही आगनबाडी में आने वाले बच्चों को 4 महीने से पैसा नहीं मिला है. आंगनबाडी कार्यकर्ता उधार सामान लेकर आ रही है, लेकिन अब उधार देने वालों से मना कर दिया है. ऐसी स्थिति में छोटे बच्चों को दूध और पोषाहार नहीं मिल रहा है. बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं.

कोटा. रामगंज मंजी से विधायक मदन दिलावर ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले 3 महीने से सामाजिक सुरक्षा की पेंशन कांग्रेस ने बंद कर दी है. इसके साथ ही पालनहार योजना का पैसा भी बच्चों के परिजनों तक नहीं पहुंच रहा है. वहीं आंगनबाड़ी में पोषाहार और दूध भी बच्चों को नहीं मिल रहा है. उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा है कि कांग्रेस को दुश्मनी निकालनी है तो भाजपा और मदन दिलावर से निकाल ले, लेकिन वृद्धों, विकलांग, विधवा महिलाओं और बच्चों से नहीं निकाले. हालात यह है कि अब यह लोग भूख से तड़प रहे हैं.


विधायक दिलावर का कहना है कि कांग्रेस में पिछले 3 महीने से सामाजिक सुरक्षा की पेंशन जारी नहीं गई है. इसमें वृद्ध, विधवा महिलाएं और विकलांग शामिल है. राजस्थान में ऐसे तीन लाख से ज्यादा परिवार हैं. जो भूख से तड़प रहे हैं, क्योंकि उनके सामाजिक सुरक्षा की पेंशन आती थी. जिसे सरकार ने जारी नहीं किया है.

गहलोत सरकार को दुश्मनी निकालनी है तो भाजपा और मुझ से निकाले...वृद्धों, दिव्यांगों, विधवाओं और बच्चों से नहीं - मदन दिलावर


इसके साथ ही जो बच्चे अनाथ है. उनके लालन पालन के लिए 1000 रुपए महीने सरकार देती थी, जिसको भी सरकार ने बंद कर दिया है. मेरा अनुमान है कि ऐसे बच्चे लगभग 50 से ज्यादा है. जिनकी भूख के कारण मौत हो गई है. इसकी जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही आगनबाडी में आने वाले बच्चों को 4 महीने से पैसा नहीं मिला है. आंगनबाडी कार्यकर्ता उधार सामान लेकर आ रही है, लेकिन अब उधार देने वालों से मना कर दिया है. ऐसी स्थिति में छोटे बच्चों को दूध और पोषाहार नहीं मिल रहा है. बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं.

Intro:कोटा.
भारतीय जनता पार्टी के रामगंजमंडी सीट से विधायक मदन दिलावर ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले 3 माह से सामाजिक सुरक्षा की पेंशन कांग्रेस ने बंद कर दी है. इसके साथ ही पालनहार योजना का पैसा भी बच्चों के परिजनों तक नहीं पहुंच रहा है. वहीं आंगनबाड़ी में पोषाहार वह दूध भी बच्चों को नहीं मिल रहा है. उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा है कि कांग्रेस को दुश्मनी निकालनी है तो भाजपा और मदन दिलावर से निकाल ले, लेकिन वृद्धों, विकलांग, विधवा महिलाओं और बच्चों से नहीं निकाले. हालात यह है कि अब यह लोग भूख से तड़प रहे हैं.


Body:विधायक दिलावर का कहना है कि कांग्रेस में पिछले 3 महीने से सामाजिक सुरक्षा की पेंशन जारी नहीं गई है. इसमें वृद्ध, विधवा महिलाएं और विकलांग शामिल है. राजस्थान में ऐसे तीन लाख से ज्यादा परिवार हैं. जो भूख से तड़प रहे हैं, क्योंकि उनके सामाजिक सुरक्षा की पेंशन आती थी. जिसे सरकार ने जारी नहीं किया है. इसके साथ ही जो बच्चे अनाथ है. उनके लालन पालन के लिए ₹1000 महीने सरकार देती थी, जिसको भी सरकार ने बंद कर दिया है. मेरा अनुमान है कि ऐसे बच्चे लगभग 50 से ज्यादा है. जिनकी भूख के कारण मौत हो गई है. इसकी जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही आगनबाडी में आने वाले बच्चों को 4 माह से पैसा नहीं मिला है. आगनबाडी कार्यकर्ता उधार सामान लेकर आ रही है, लेकिन अब उधार देने वालों से मना कर दिया है. ऐसी स्थिति में छोटे बच्चों को दूध और पोषाहार नहीं मिल रहा है. बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं.


Conclusion:बाइट-- मदन दिलावर, विधायक, रामगंजमंडी
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