जयपुर. प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर लगातार आरोप झेल रही राजस्थान की गहलोत सरकार ने कानून व्यवस्था सुदृढ़ बनाए रखने के कड़े दिशा निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिवालय में 2 घंटे गृह विभाग के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. इस बैठक में गृह विभाग के सचिव राजीव स्वरूप, डीजीपी कपिल गर्ग सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे.
थानाधिकारी सहित छह पुलिसकर्मी निलंबित
इस दौरान सीएम गहलोत ने टोंक जिले के नगरफोर्ट थाना इलाके में ट्रैक्टर ड्राइवर की मौत के मामले पर थानाधिकारी सहित छह पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के निर्देश भी जारी किए. मुख्यमंत्री ने सीआईडी सीबी के एएसपी ज्योति स्वरूप को जांच को जांच अधिकारी भी नियुक्त किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नगरफोर्ट में ट्रैक्टर ड्राइवर की मौत के मामले की जांच के लिए और वस्तुस्थिति रिपोर्ट के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा को घटनास्थल पर भेजा था और उसकी रिपोर्ट मांगी थी. रमेश मीणा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचकर अपनी रिपोर्ट दी.
पुलिसकर्मियों पर चला सरकार का हंटर
उसके बाद में मुख्यमंत्री ने डीजीपी के जरिए टोंक जिला पुलिस अधीक्षक को दोषी पुलिस अधिकारियों खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए. इसके बाद टोंक एसपी चुनाराम जाट ने उनियारा के थानाधिकारी सहित छह पुलिसकर्मियों को ट्रैक्टर ड्राइवर के साथ मारपीट और संदिग्ध अवस्था में मौत के मामले पर निलंबित कर दिया. इस मामले में उनियारा थानाधिकारी मनीष चारण, हेड कांस्टेबल राजेश कांस्टेबल, भगवान गुर्जर, सांवरा जाट, राम अवतार, लक्ष्मीचंद को निलंबित कर दिया है. इन सभी पर आरोप है कि उनियारा थाना अधिकारी मनीष चारण ने अपने दल के साथ 28 मई को ट्रैक्टर चालक हजनलाल मीणा को नगर फोर्ट थाना क्षेत्र में रोका और उसके साथ कथित तौर पर मारपीट की. जिसके बाद चालक की बाद में संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी.
घटना के बाद अनशन पर बैठे थे कांग्रेस विधायक
घटना के सामने आने के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के विधायक और पूर्व पुलिस महानिदेशक हरीश मीणा और विपक्ष भाजपा के विधायक गोपीचंद मीणा ने मृतक के परिजनों को सरकारी नौकरी मुआवजे संबंधी मांगों को लेकर शनिवार को भूख हड़ताल शुरू कर दी थी. उस अनशन को सरकार की तरफ से भेजे गए खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने उचित आश्वासन देकर खत्म कराया था. हालांकि सरकार की तरफ से मृतक के परिजनों को नौकरी देने को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं.
क्या है पूरा मामला जानिए
मामला 29 मई को अल सुबह पुलिस मुठभेड़ में हरभजन की मौत हो गई थी. टोंक जिले के नगर फोर्ट थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुरा गांव में ट्रैक्टर ट्रॉली चालक हरभजन मीणा की मौत में पुलिस की संदिग्ध भूमिका बताई जा रही थी. उसके बाद सोमवार यानी 6 दिन बाद भी अब तक हरभजन का शव धरना स्थल पर ही एम्बुलेंस में रखा हुआ था. दरअसल, टोंक के नगर थाना की पुलिस ने बजरी से भरे ट्रैक्टर का पीछा किया था. इस दौरान बताया जा रहा था कि पुलिस मारपीट में संदिग्ध रूप से हरभजन मीणा की मौत हुई थी.