जोधपुर. 11 जून को हुई पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मामले में अभियोजन के प्रार्थना पत्र पर लंबी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था. 1998 में 'हम साथ साथ हैं' फिल्म की शूटिंग के दौरान हुए शिकार प्रकरण मामले में अभियोजन ने सलमान की और से हथियारों के लाइसेंस खो जाने को लेकर पेश किए गए शपथ पत्र को झूठा बताते हुए न्ययालय को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए दंड प्रक्रिया सहिंता की धारा 340 के तहत 2006 में प्रार्थना पत्र पेश किया था. जिस पर 13 साल चली लंबी सुनवाई के बाद सोमवार को फैसला आया है.
शपथपत्र का मामला
20 साल पहले जोधपुर में फिल्म 'हम साथ-साथ है' की शूटिंग के दौरान हुए शिकार प्रकरण में सलमान की ओर से हथियारों के लाइसेंस खो जाने को लेकर शपथ पत्र पेश किया गया था. जबकि बाद में पता चला कि लाइसेंस मुम्बई पुलिस कमिश्नर के पास नवीनीकरण के लिए जमा था. इस पर अभियोजन ने इस शपथपत्र को झूठा बताया था.