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रेजिडेंट डॉक्टर्स के साथ वार्ता पर वार्ता...फिर भी नहीं निकला कोई हल... मरीज होते रहे परेशान

जयपुर में दूसरे दिन भी रेजिडेंट् डॉक्टर्स की हड़ताल जारी रही. इस दौरान पूरे दिन एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन और डॉक्टर्स के बीच मांगों को लेकर वार्ता का दौर भी चालू रहा. लेकिन अभी भी मांगों पर सहमति नहीं बन पाई है.

रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल और परेशान होते मरीज
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Published : Mar 14, 2019, 8:06 AM IST

जयपुर. राजधानी में 1500 से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने से मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्थाएं ठप हो गई हैं. अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगातार बढ़ती दिख रही है. वरिष्ठ चिकित्सक ने अस्पतालों में व्यवस्थाएं संभाले का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मरीजों की भारी भीड़ के आगे वो भी लाचार हो जाते हैं. ओपीडी में सीनियर डॉक्टर्स ने भर्ती प्रक्रिया के बचते रहे और कई मरीज़ों को दवा देकर ही रवाना कर दिया गया.


वहीं, प्रिसिंपल सेकेट्री की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी सहित चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रेजीडेंट के साथ वार्ता की.बुधवार सुबह से देर शाम तक चली तीन दौर की वार्ता बेनतीजा रही.

रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल और परेशान होते मरीज

रेजीडेंट डॉक्टर्स कावंटिया अस्पताल अधीक्षक डॉ लीनेश्वर हर्षवर्धन को हटाने की मांग पर अड़े रहे. रेजिडेंट्स ने चारों मांगों की लिखित में मंजूरी मांगी है. इस दौरान कॉलेज प्राचार्य ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की आश्वासन भी दिया है. लेकिन अभी भी वार्ता का कोई नतीजा सामने नहीं आया है.

जयपुर. राजधानी में 1500 से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने से मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्थाएं ठप हो गई हैं. अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगातार बढ़ती दिख रही है. वरिष्ठ चिकित्सक ने अस्पतालों में व्यवस्थाएं संभाले का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मरीजों की भारी भीड़ के आगे वो भी लाचार हो जाते हैं. ओपीडी में सीनियर डॉक्टर्स ने भर्ती प्रक्रिया के बचते रहे और कई मरीज़ों को दवा देकर ही रवाना कर दिया गया.


वहीं, प्रिसिंपल सेकेट्री की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी सहित चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रेजीडेंट के साथ वार्ता की.बुधवार सुबह से देर शाम तक चली तीन दौर की वार्ता बेनतीजा रही.

रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल और परेशान होते मरीज

रेजीडेंट डॉक्टर्स कावंटिया अस्पताल अधीक्षक डॉ लीनेश्वर हर्षवर्धन को हटाने की मांग पर अड़े रहे. रेजिडेंट्स ने चारों मांगों की लिखित में मंजूरी मांगी है. इस दौरान कॉलेज प्राचार्य ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की आश्वासन भी दिया है. लेकिन अभी भी वार्ता का कोई नतीजा सामने नहीं आया है.

Intro:जयपुर- राजधानी जयपुर में धरती के भगवान बुधवार को भी रूठे रहे। दूसरे दिन भी रेसिडेंट्स डॉक्टर्स की हड़ताल जारी रही वही पूरे दिन एसएमएस मेडिकल कॉलेज और डॉक्टर्स के बीच मांगों को लेकर वार्ता का दौर चालू रहा लेकिन अभी भी मांगों पर सहमति नहीं बन पाई है। 1500 से ज्यादा रेसिडेंट्स डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने से मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्थाएं बेपटरी रही।

सुबह से देर शाम तक चली तीन दौर की वार्ता बेनतीजा रही। रेसिडेंट का पेंच कांवटिया अस्पताल अधीक्षक को हटाने पर फंसा रहा। रेसिडेंट्स ने चारों मांगों की लिखित में मंजूरी मांगी है।


Body:प्रिसींपल सेकेट्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ सुधीर भण्डारी सहित चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आज दोपहर रेजीडेंट के साथ कई वार्ता की। इस दौरान कॉलेज प्राचार्य ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की आश्वासन भी दिया लेकिन रेजीडेंट कावंटिया अस्पताल अधीक्षक डॉ लीनेश्वर हर्षवर्धन को हटाने की मांग पर अड़े रहे।
 
अस्पताल में मरीज होते रहे परेशान
अस्पतालों में मरीजों का दबाव बढ़ता गया लेकिन धरती के भगवान रूठे रहे। हालांकि, वरिष्ठ चिकित्सकों ने अस्पतालों में व्यवस्थाएं संभाले का प्रयास किया, लेकिन मरीजों की भारी भीड़ के आगे वे भी लाचार दिखे। वार्डों में भी मरीजों को हड़ताल खत्म होने का इंतजार ही रहा। जहां ओपीडी में सीनियर डॉक्टर्स ने भर्ती प्रक्रिया से दूरी बनाई तो वही कई मरीज़ों को दवा देकर ही टरका दिया गया।

पांचवे दौर की वार्ता बुधवार देर शाम को होगी। वही अभी भी वार्ता का कोई सफल रुख नही नजर आ रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या आपसी समझाइश हो पाएगी या नहीं।



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