जयपुर. नाकारा अफसरों की रिपोर्ट कार्ड तैयार करने के केंद्र सरकार के निर्देश के बाद प्रदेश में अधिकारियों का लेखा-जोखा तैयार होना शुरू हो गया है. अधिकारियों की रिपोर्ट कार्ड तैयार करने के लिए प्रदेश के 9 बैच के 25 आईएएस अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा की गई. मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में हुई इस रिव्यू के बाद से सिफारिश का अनुमोदन मुख्यमंत्री द्वारा होगा. इसके बाद उसे केंद्र को भेजा जाएगा.
मुख्यसचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में आईएएस अधिकारियों की कमेटी की बैठक सचिवालय में हुई. सीएस डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में गुजरात कैडर के अतिरिक्त मुख्य सचिव संगीता सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप. मुख्य सचिव आर वेंकटेश्वरण और रोली सिंह की सदस्यता वाली कमेटी में 9 बैच के कुल 25 आईएएस अधिकारियों के कार्यों का मूल्यांकन करते हुए सिफारिश की गई. इन सभी अधिकारियों के कामकाज का मूल्यांकन किया गया, किस अधिकारी का किस तरह का कामकाज रहा, सहयोगी स्टाफ से किस तरह का रवैया रहा, सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों की किस तरीके से पालना करी गई, इससे जुडे कई बिंदुओं के आधार पर रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है.
आइए जानते क्या हैं मापदंड के दायरे
1- ऐसे आईएएस अधिकारी जिन्होंने 25 वर्ष की सेवा पूरी कर ली या 50 साल जिनकी आयु हो गई, उन अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा की गई
इस मापदंड में ये अधिकारी शामिल हैं-
अभय कुमार 1992 बैच
रजत कुमार मिश्रा 1992 बैच
तन्मय कुमार 1993
आलोक 1993 बैच
अपर्णा अरोड़ा 1993 बैच
अखिल अरोरा 1993 बैच
शिखर अग्रवाल 1993 बैच
संदीप वर्मा 1993 बैच
आनंद कुमार 1994 बैच
श्रया गुहा 1994 बैच
अश्वनी भगत 1995 बैच
विकास सीताराम भाले 1999 बैच
2- ऐसे आईएएस अधिकारी जिन्होंने 1 जनवरी 2019 की स्थिति में 15 वर्ष पूरे कर लिए गए हैं
डॉक्टर पृथ्वीराज 2002 बैच
आशुतोष पांडे का 2002 बैच
कृष्ण कुणाल 2003 बैच
प्रीतम बी यशवंत 2003 बैच
सिद्धार्थ महाजन 2003 बैच
भानु प्रकाश येटूर 2003 बैच
नीरज के पवन 2003 बैच
3- ऐसा एईएएस अधिकारी जो स्टेट सेवा से प्रमोट होकर आईएएस अधिकारी बने, जिन्होंने आईएस के तौर पर 5 वर्ष सेवा पूरी कर ली, इनके नाम हैं-
हनुमान सहाय मीणा 2000 बैच
नारायण लाल मीणा 2001 बैच
रेखा गुप्ता 2002 बैच
कैलाश चंद वर्मा 2002 बैच
लक्ष्मी नारायण सोनी 2003 बैच
राजेश शर्मा 2003 बैच
इन मापदंडों के आधार पर नाकारा पाए जाने वाले आईएस अधिकारी को जबरन सेवा नहीं दी जाती है. राजस्थान में अभी तक एक भी आईएएस अधिकारी के लिए न ऐसी सिफारिश की गई है. और ना ही जबरन सेवानिवृत्ति दी गई है. अब देखना यह होगा की आज हुई इस बैठक में किसके लिए क्या रिपोर्ट तैयार होती है.