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मंत्री रमेश मीणा ने ब्यूरोक्रेट्स पर उठाए सवाल, कहा आमजन की नहीं कर रहे सुनवाई

प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने कई जिलों की ब्यूरोक्रेट्स पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं जहां ब्यूरोक्रेट्स पूरी तरह से हावी हैं और आम जनता उनसे परेशान हैं. वे आम जनता की बिल्कुल भी सुनवाई नहीं कर रहे हैं.

मंत्री रमेश मीणा ने ब्यूरोक्रेट्स पर उठाए सवाल
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Published : May 27, 2019, 1:15 PM IST

जयपुर. रमेश मीणा ने कहा कि वह चुनाव प्रचार के दौरान पांच से सात जिलों में गए थे. वहां उन्हें इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ा. वहां ब्यूरोक्रेट्स कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम जनता की सुनवाई नहीं कर रहे हैं. इसके कारण आम जनता परेशान हो रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और राष्ट्रीय नेतृत्व से इस बात को कहेंगे कि प्रदेश में ब्यूरोक्रेट्स हावी हैं और उस पर अंकुश लगना चाहिए.

कर्ज के कारण नहीं बीमारी से हो रही है किसानों की मौत

खाद्य आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है कि किसान कर्ज के कारण मर रहा है. ऐसा जरूर बताया गया है कि उनकी मौत बीमारी से हुई है.

साथ ही रमेश मीणा ने कहा कि सरकार की घोषणा के अनुरूप 10 दिन में कर्जा माफ करने की योजना के तहत शिविर लगाकर हजारों किसानों के कर्ज माफ कर दिए गए और उनका हम सबूत दे सकते हैं. सभी किसानों को प्रमाण पत्र भी दिए गए हैं. इसके अलावा नेशनल बैंक के कर्जदार किसान रह गए हैं उनके बारे में भी परीक्षण करवाया जा रहा है. उनका भी कर्जा माफ किया जाएगा.

मंत्री रमेश मीणा ने ब्यूरोक्रेट्स पर उठाए सवाल

गौरतलब है कि 30 नवंबर 2018 तक कोऑपरेटिव बैंकों की कर्जदार किसानों का कर्जा माफ कर दिया गया है. मीणा ने कहा कि हमारी सरकार बनते ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई थी. अब आचार संहिता हट गई है तो हमारी जो भी योजना है उसको धरातल पर लाने का पूरा प्रयास किया जाएगा. हमारा जो मेनिफेस्टो है उसको सरकारी दस्तावेज बनाया गया है . इसमें दी गई योजनाओं के तहत काम किया जाएगा और आपको आने वाले दिनों में समग्र विकास देखने को मिलेगा.

जयपुर. रमेश मीणा ने कहा कि वह चुनाव प्रचार के दौरान पांच से सात जिलों में गए थे. वहां उन्हें इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ा. वहां ब्यूरोक्रेट्स कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम जनता की सुनवाई नहीं कर रहे हैं. इसके कारण आम जनता परेशान हो रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और राष्ट्रीय नेतृत्व से इस बात को कहेंगे कि प्रदेश में ब्यूरोक्रेट्स हावी हैं और उस पर अंकुश लगना चाहिए.

कर्ज के कारण नहीं बीमारी से हो रही है किसानों की मौत

खाद्य आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है कि किसान कर्ज के कारण मर रहा है. ऐसा जरूर बताया गया है कि उनकी मौत बीमारी से हुई है.

साथ ही रमेश मीणा ने कहा कि सरकार की घोषणा के अनुरूप 10 दिन में कर्जा माफ करने की योजना के तहत शिविर लगाकर हजारों किसानों के कर्ज माफ कर दिए गए और उनका हम सबूत दे सकते हैं. सभी किसानों को प्रमाण पत्र भी दिए गए हैं. इसके अलावा नेशनल बैंक के कर्जदार किसान रह गए हैं उनके बारे में भी परीक्षण करवाया जा रहा है. उनका भी कर्जा माफ किया जाएगा.

मंत्री रमेश मीणा ने ब्यूरोक्रेट्स पर उठाए सवाल

गौरतलब है कि 30 नवंबर 2018 तक कोऑपरेटिव बैंकों की कर्जदार किसानों का कर्जा माफ कर दिया गया है. मीणा ने कहा कि हमारी सरकार बनते ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई थी. अब आचार संहिता हट गई है तो हमारी जो भी योजना है उसको धरातल पर लाने का पूरा प्रयास किया जाएगा. हमारा जो मेनिफेस्टो है उसको सरकारी दस्तावेज बनाया गया है . इसमें दी गई योजनाओं के तहत काम किया जाएगा और आपको आने वाले दिनों में समग्र विकास देखने को मिलेगा.

Intro:जयपुर। प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने कई जिलों की ब्यूरोक्रेट्स पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के कुल जिले ऐसे हैं जहां ब्यूरोक्रेट्स पूरी तरह से हावी है और आम जनता उनसे आम जनता परेशान है। वे आम जनता की बिल्कुल भी सुनवाई नहीं कर रहे।


Body:रमेश मीणा ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान पांच से सात जिलों में गए थे वहां उन्हें इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ा। वहां ब्यूरोक्रेट्स कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम जनता की सुनवाई नहीं कर रहे हैं इसके कारण आम जनता परेशान हो रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और राष्ट्रीय नेतृत्व से इस बात को कहेंगे कि प्रदेश में ब्यूरोक्रेट्स हावी है और उस पर अंकुश लगना चाहिए। हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम जनता की सुनवाई होनी चाहिए।

कर्ज के कारण नहीं बीमारी से हो रही है किसानों की मौत-
खाद्य आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि कि मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है कि किसान कर्ज के कारण मर रहा है ऐसा जरूर बताया गया है कि उनकी मौत बीमारी से हुई है।



Conclusion:रमेश मीणा ने कहा कि सरकार की घोषणा के अनुरूप 10 दिन में कर्जा माफ करने की योजना के तहत शिविर लगाकर हजारों किसानों के कर्ज माफ कर दिए गए और उनका हम सबूत दे सकते हैं सभी किसानों को प्रमाण पत्र भी दिए गए हैं। इसके अलावा नेशनल बैंक के कर्जदार किसान रह गए हैं उनके बारे में भी परीक्षण करवाया जा रहा है उनका भी कर्जा माफ किया जाएगा। 30 नवंबर 2018 तक कोऑपरेटिव बैंकों की कर्जदार किसानों की कर्जा माफ कर दिए गए हैं।
मीणा ने कहा कि हमारी सरकार बनते ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई थी अब आचार संहिता हट गई है तो हमारी जो भी योजना है उसको धरातल पर लाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। हमारा जो मेनिफेस्टो है उसको सरकारी दस्तावेज बना गया है उनकी योजनाओं के तहत काम किया जाएगा और आपको आने वाले दिनों में समग्र विकास देखने को मिलेगा।

बाईट मंत्री रमेश मीणा
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