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टेबलेट बेस्ड टेस्ट से पेपर लीक रोकने की कवायद, मॉक टेस्ट सफल, हैकर्स नहीं कर पाए हैक

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने पेपर लीक रोकने के लिए जयपुर में टेबलेट बेस्ड टेस्ट (TBT) का मॉक टेस्ट किया, जो सफल रहा.

टेबलेट बेस्ड टेस्ट का मॉक टेस्ट
टेबलेट बेस्ड टेस्ट का मॉक टेस्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

जयपुर : राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और धांधली रोकने के लिए मंगलवार को जयपुर में टेबलेट बेस्ड टेस्ट (TBT) का मॉक टेस्ट आयोजित किया. इस प्रक्रिया में परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा शुरू होने से महज 5 मिनट पहले सेंटर के सर्वर पर भेजा गया और फिर इसे टेबलेट पर अपलोड किया गया. इस दौरान पेपर लीक रोकने की विश्वसनीयता को परखने के लिए आईआईटी और टॉप हैकर्स की टीम को भी इस सिस्टम को हैक करने की जिम्मेदारी दी गई. हालांकि, उनकी सभी कोशिशें नाकाम रहीं.

हाइब्रिड मोड को बढ़ावा देने की तैयारी : कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने बताया कि हाइब्रिड मोड को विस्तार देने और TBT को लागू करने से पहले दो दिन का मॉक टेस्ट आयोजित किया जा रहा है. जयपुर के दुर्गापुरा स्थित एक सरकारी स्कूल में मंगलवार को मॉक टेस्ट हुआ, जिसमें प्रदेशभर से अभ्यर्थियों ने भाग लिया. इस मॉक टेस्ट में लगभग 400 अभ्यर्थियों को विभिन्न पारियों में शामिल किया गया. उन्होंने बताया कि "ऑपरेशन गोडावन" नामक इस मॉक टेस्ट प्रक्रिया में दो अलग-अलग फर्मों के जरिए टेबलेट पर परीक्षा का आयोजन किया गया. प्रक्रिया के तहत परीक्षा शुरू होने से केवल 5 मिनट पहले प्रश्न पत्र सर्वर से सभी केंद्रों पर पहुंचा और फिर इसे टेबलेट पर अपलोड किया गया. पूरा सिस्टम 5 से 7 मिनट में सुचारु रूप से कार्य कर सका.

कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज. (ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढ़ें- Special : पेपर लीक और डमी कैंडिडेट्स को रोकने के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड का 'मास्टर प्लान'

पेपर लीक की संभावनाएं खत्म : मेजर जनरल आलोक राज ने बताया कि हाल ही में कुछ परीक्षाएं हाइब्रिड मोड के तहत कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT) पर आयोजित की गई थीं, जो सफल रहीं, लेकिन प्रदेश में संसाधनों की कमी और निजी संस्थानों की विश्वसनीयता पर सवालों के चलते अधिक संख्या में परीक्षाएं CBT मोड पर कराना चुनौतीपूर्ण है. ऐसे में TBT एक व्यवहारिक विकल्प हो सकता है. मॉक टेस्ट के दौरान आईआईटी मद्रास, कानपुर, दिल्ली और बिट्स पिलानी के एक्सपर्ट्स ने पेपर लीक करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. इससे यह स्पष्ट हुआ कि इस प्रक्रिया में पेपर के बनने, छपने और परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने के दौरान लीक होने की संभावनाएं खत्म हो जाती हैं. आलोक राज ने बताया कि मॉक टेस्ट प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसका परीक्षण एमएनआईटी जयपुर और आईआईटी कानपुर, मद्रास द्वारा किया जाएगा. रिपोर्ट के आधार पर TBT के भविष्य को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा.

जयपुर : राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और धांधली रोकने के लिए मंगलवार को जयपुर में टेबलेट बेस्ड टेस्ट (TBT) का मॉक टेस्ट आयोजित किया. इस प्रक्रिया में परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा शुरू होने से महज 5 मिनट पहले सेंटर के सर्वर पर भेजा गया और फिर इसे टेबलेट पर अपलोड किया गया. इस दौरान पेपर लीक रोकने की विश्वसनीयता को परखने के लिए आईआईटी और टॉप हैकर्स की टीम को भी इस सिस्टम को हैक करने की जिम्मेदारी दी गई. हालांकि, उनकी सभी कोशिशें नाकाम रहीं.

हाइब्रिड मोड को बढ़ावा देने की तैयारी : कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने बताया कि हाइब्रिड मोड को विस्तार देने और TBT को लागू करने से पहले दो दिन का मॉक टेस्ट आयोजित किया जा रहा है. जयपुर के दुर्गापुरा स्थित एक सरकारी स्कूल में मंगलवार को मॉक टेस्ट हुआ, जिसमें प्रदेशभर से अभ्यर्थियों ने भाग लिया. इस मॉक टेस्ट में लगभग 400 अभ्यर्थियों को विभिन्न पारियों में शामिल किया गया. उन्होंने बताया कि "ऑपरेशन गोडावन" नामक इस मॉक टेस्ट प्रक्रिया में दो अलग-अलग फर्मों के जरिए टेबलेट पर परीक्षा का आयोजन किया गया. प्रक्रिया के तहत परीक्षा शुरू होने से केवल 5 मिनट पहले प्रश्न पत्र सर्वर से सभी केंद्रों पर पहुंचा और फिर इसे टेबलेट पर अपलोड किया गया. पूरा सिस्टम 5 से 7 मिनट में सुचारु रूप से कार्य कर सका.

कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज. (ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढ़ें- Special : पेपर लीक और डमी कैंडिडेट्स को रोकने के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड का 'मास्टर प्लान'

पेपर लीक की संभावनाएं खत्म : मेजर जनरल आलोक राज ने बताया कि हाल ही में कुछ परीक्षाएं हाइब्रिड मोड के तहत कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT) पर आयोजित की गई थीं, जो सफल रहीं, लेकिन प्रदेश में संसाधनों की कमी और निजी संस्थानों की विश्वसनीयता पर सवालों के चलते अधिक संख्या में परीक्षाएं CBT मोड पर कराना चुनौतीपूर्ण है. ऐसे में TBT एक व्यवहारिक विकल्प हो सकता है. मॉक टेस्ट के दौरान आईआईटी मद्रास, कानपुर, दिल्ली और बिट्स पिलानी के एक्सपर्ट्स ने पेपर लीक करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. इससे यह स्पष्ट हुआ कि इस प्रक्रिया में पेपर के बनने, छपने और परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने के दौरान लीक होने की संभावनाएं खत्म हो जाती हैं. आलोक राज ने बताया कि मॉक टेस्ट प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसका परीक्षण एमएनआईटी जयपुर और आईआईटी कानपुर, मद्रास द्वारा किया जाएगा. रिपोर्ट के आधार पर TBT के भविष्य को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा.

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