जयपुर. केंद्रीय बजट में शुक्रवार को सेस में बढ़ोतरी की गई. पहले ही जनता पर पेट्रोल डीजल कि महंगाई की मार पड़ी है, लेकिन राजस्थान के लिए यह मार दोगुनी हो गई है, क्योंकि एक और तो बजट में सेस बढ़ने से उसकी कीमतें बढ़ी हैं तो वहीं प्रदेश की गहलोत सरकार ने वैट में भी बढ़ोतरी कर दी हैं. जो शनिवार सुबह से लागू भी हो गई है.
राज्य सरकार ने डीजल पर वैट 18% से बढ़ाकर 22% कर दिया है तो वहीं पेट्रोल पर वैट 26% से बढ़ाकर 30% कर दिया है. इस बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पिछली सरकार ने चुनावों में जीत दर्ज करने के इरादे से चुनाव के ठीक पहले वेट की दर को 4% कम किया था. हमारी सरकार ने उसे केवल ठीक किया है, हमने कुछ नहीं किया.
वहीं उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी शुक्रवार को शेष लगाकर इसे बढ़ाया है लेकिन बीते शासनकाल में केंद्र सरकार ने करीब 25 बार पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाए थे, लेकिन चुनाव आने पर उन्होंने अपनी राज्य सरकारों से एक बार पेट्रोल डीजल पर वैट कम करने के लिए कहा तो राजस्थान में वसुंधरा सरकार ने इसे 4% कम कर दिया था. गहलोत ने कहा कि केंद्र के कहने के बाद जो राज्य सरकार ने गलती की थी उसे हमारी सरकार ने सुधारा है और वैट को पुराने स्तर पर ले जाया गया है, ना कि उसमें कोई बढ़ोतरी की गई है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के सेस बढ़ाने से प्रदेश में पेट्रोल के दामों में 2 रुपए 41 पैसे तो वहीं डीजल के दामों में 2 रुपए 37 पैसे का फर्क पड़ा था तो वहीं प्रदेश सरकार के 4% वैट बढ़ाने के बाद पेट्रोल के दामों में 2 रुपए 10 पैसे तो डीजल के दामों में 2 रुपए 12 पैसे का फर्क पड़ा है. इस तरीके से राजस्थान की जनता पर केंद्र और राज्य के टैक्स को जोड़ दिया जाए तो पेट्रोल पर 4 रुपए 62 पैसे का फर्क पड़ा है तो वहीं डीजल पर 4 रुपए 59 पैसे की मार पड़ी है.