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श्रीगंगानगर : कर्ज से परेशान किसानों ने बैंक और सरकार पर जताई नाराजगी

कर्ज से परेशान किसान इन दिनों तनाव के चलते आत्महत्या कर रहे है. श्रीगंगानगर जिले में पिछ्ले बारह दिनों मे कर्ज ना उतरने के चलते दो किसान ने आत्महत्या कर ली है. इसी क्रम में बैंकों की कार्यप्रणाली से नाराज किसानों ने आक्रोश प्रकट करते हुए. मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर किसानों की जमीने कुर्की आदेश को रुकवाने की मांग की है.

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Published : Jul 6, 2019, 10:15 AM IST

बैंक द्वारा जमीने कुर्की करने के डर से किसान परेशान

श्रीगंगानगर. जिले के किसानों ने बैंकों की कार्यप्रणाली से नाराज और सरकार द्वारा कर्ज माफी के वायदे को पूरा न करने के चलते अब अपनी जमीने सरकार के हवाले करने की बात कही है. जिले मे बैंक कर्ज से परेशान होकर दो किसानों द्वारा आत्महत्या करने के बाद किसान अब सरकार को कर्जमाफी का वायदा याद दिला रहे है.

बैंक द्वारा जमीने कुर्की करने के डर से किसान परेशान

किसानों ने आक्रोश प्रकट करते हुए कहां है कि सरकार बैंक की कुर्की प्रक्रिया को रोके या किसानों की जमीने अपने कब्जे में लेले ताकी किसान तनाव में रहकर हर रोज ना मरे. रघुनाथपुरा के नेतराम और ठाकरी गांव के सोहनलाल द्वारा बैंक प्रताडना से तंग आकर आत्महत्या करने के बाद किसान अब इस बात से चिंतित है कि बैंकों द्वारा कर्जा चुकाने को लेकर दिये जा रहे नोटिस से किसान तनाव में है.

किसानों ने साफतौर पर कहां है कि सरकार को अगर कर्ज माफी नहीं करनी थी तो किसानों को झूठे सपने क्यो दिखाये थे. श्रीगंगानगर जिला कलेक्ट्रेट पर बेनर लेकर पहुंचे किसानों ने बेनर पर लिखा था कि "हम नहीं चाहते आत्महत्या करना,मगर बैंक और सरकार मजबूर कर रहे हैं ". किसानों ने अपने आक्रोश से सरकार और बैंक को संदेश दिया है कि अगर अब भी किसानों की जमीने बैंक कुर्की करने की प्रक्रिया जारी रखेगी तो आत्महत्या का सिलसिला और बढ़ेगा क्योकि किसान बैंक के कर्जे से तनाव में जी रहे हैं.

किसान संघर्ष समिति प्रवक्ता सुभाष सहगल ने बताया कि सरकार ने कर्ज माफी का वायदा करके किसान को जीने की एक उम्मीद दिखाई थी जो अब सरकार के कर्ज माफी नहीं करने से टूटती जा रही है. जिससे किसान तनाव में आकर आत्महत्या जेसा कदम उठा रहे हैं. वहीं किसान अमर सिंह की माने तो बैंक किसानों के कर्ज वसूली के लिए गांवों मे जिस तरह के हथकण्डे अपना रही है. उससे किसान परेशान होकर आत्महत्या जेसा कदम उठा रहे है. किसानों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर मांग की है कि अगर बैंक अधिकारियों ने किसानों की जमीनों को कुर्की आदेशों पर रोक नहीं लगाई तो किसान सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे.

श्रीगंगानगर. जिले के किसानों ने बैंकों की कार्यप्रणाली से नाराज और सरकार द्वारा कर्ज माफी के वायदे को पूरा न करने के चलते अब अपनी जमीने सरकार के हवाले करने की बात कही है. जिले मे बैंक कर्ज से परेशान होकर दो किसानों द्वारा आत्महत्या करने के बाद किसान अब सरकार को कर्जमाफी का वायदा याद दिला रहे है.

बैंक द्वारा जमीने कुर्की करने के डर से किसान परेशान

किसानों ने आक्रोश प्रकट करते हुए कहां है कि सरकार बैंक की कुर्की प्रक्रिया को रोके या किसानों की जमीने अपने कब्जे में लेले ताकी किसान तनाव में रहकर हर रोज ना मरे. रघुनाथपुरा के नेतराम और ठाकरी गांव के सोहनलाल द्वारा बैंक प्रताडना से तंग आकर आत्महत्या करने के बाद किसान अब इस बात से चिंतित है कि बैंकों द्वारा कर्जा चुकाने को लेकर दिये जा रहे नोटिस से किसान तनाव में है.

किसानों ने साफतौर पर कहां है कि सरकार को अगर कर्ज माफी नहीं करनी थी तो किसानों को झूठे सपने क्यो दिखाये थे. श्रीगंगानगर जिला कलेक्ट्रेट पर बेनर लेकर पहुंचे किसानों ने बेनर पर लिखा था कि "हम नहीं चाहते आत्महत्या करना,मगर बैंक और सरकार मजबूर कर रहे हैं ". किसानों ने अपने आक्रोश से सरकार और बैंक को संदेश दिया है कि अगर अब भी किसानों की जमीने बैंक कुर्की करने की प्रक्रिया जारी रखेगी तो आत्महत्या का सिलसिला और बढ़ेगा क्योकि किसान बैंक के कर्जे से तनाव में जी रहे हैं.

किसान संघर्ष समिति प्रवक्ता सुभाष सहगल ने बताया कि सरकार ने कर्ज माफी का वायदा करके किसान को जीने की एक उम्मीद दिखाई थी जो अब सरकार के कर्ज माफी नहीं करने से टूटती जा रही है. जिससे किसान तनाव में आकर आत्महत्या जेसा कदम उठा रहे हैं. वहीं किसान अमर सिंह की माने तो बैंक किसानों के कर्ज वसूली के लिए गांवों मे जिस तरह के हथकण्डे अपना रही है. उससे किसान परेशान होकर आत्महत्या जेसा कदम उठा रहे है. किसानों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर मांग की है कि अगर बैंक अधिकारियों ने किसानों की जमीनों को कुर्की आदेशों पर रोक नहीं लगाई तो किसान सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे.

Intro:श्रीगंगानगर कर्ज से परेशान किसान इन दिनों तनाव के चलते आत्महत्या कर रहे है। श्रीगंगानगर जिले में पिछ्ले बारह दिनो मे कर्ज ना उतरने के चलते दुसरे किसान ने आत्महत्या कर ली है। इसी क्रम में बैंको की कार्यप्रणाली से नाराज किसानो ने आक्रोश प्रकट करते हुये मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर किसानों की जमीने कुर्की आदेश को रुकवाने की मांग की है।


Body:श्रीगंगानगर जिले के किसानों ने बैंकों की कार्यप्रणाली से नाराज व सरकार द्वारा कर्ज माफी के वायदे को पूरा न करने के चलते किसानो ने अब अपनी जमीने सरकार के हवाले करने की बात कही है। जिले मे बैंक कर्ज से परेशान होकर दो किसानो द्वारा आत्महत्या करने के बाद किसान अब सरकार को कर्जमाफी का वायदा याद दिला रहे है। किसानो ने आक्रोश प्रकट करते हुये कहां है की या तो सरकार बैंक की कुर्की प्रक्रिया को रोके या किसानो की जमीने अपने कब्जे में लेले ताकी किसान तनाव मे रहकर हर रोज तो ना मरे। रघुनाथपुरा के नेतराम व ठाकरी गांव के सोहनलाल द्वारा बैंक प्रताडना से तंग आकर आत्महत्या करने के बाद किसान अब इस बात से चिंतित है की बैंको द्वारा कर्जा चुकाने को लेकर दिये जा रहे नोटिस से किसान तनाव मे है। किसानो ने साफतौर पर कहां है की सरकार को अगर कर्ज माफी नही करनी थी तो किसानो को झूठे सपने क्यो दिखाये थे। श्रीगंगानगर जिला कलेक्ट्रेट पर बेनर लेकर पहुचे किसानो ने बेनर पर लिखा था की "हम नहीं चाहते आत्महत्या करना,मगर बैंक और सरकार मजबूर कर रहे है इसके लिए। किसानो ने अपने आक्रोश से सरकार व बैंक को संदेश दिया है की अगर अब भी किसानो की जमीने बैंक कुर्की करने की प्रक्रिया जारी रखेगी तो आत्महत्या का सिलसिला और बढ़ेगा क्योकी किसान बैंक के कर्जे से तनाव मे जी रहे है। किसान संघर्ष समिति प्रवक्ता सुभाष सहगल ने बताया की सरकार ने कर्ज माफी का वायदा करके किसान को जीने की एक उम्मीद दिखाई थी जो अब सरकार के कर्ज माफी नही करने से वह उम्मीद टूटती जा रही है जिससे किसान तनाव मे आकर आत्महत्या जेसा कदम उठा रहे है। वही किसान अमर सिंह की माने तो बैंक किसानो के कर्ज वसूली के लिए गांवो मे जिस तरह के हथकण्डे अपना रही है उससे किसान परेशान होकर आत्महत्या जेसा कदम उठा रहे है। किसानो ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर मांग की है कि अगर बैंक अधिकारियों ने किसानों की जमीनो को कुर्की आदेशों पर रोक नहीं लगाई तो किसान सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।

बाइट : सुभाष सहगल,किसान संघर्ष समिति,प्रवक्ता
बाइट : अमर सिंह,किसान


Conclusion:बैंक द्वारा जमीने कुर्की करने के डर से किसान परेशान।
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