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राजस्थान की लोकसभा सीट पर हमेशा से रहा है माकपा का प्रभाव, 4 से 24% तक वोट भी लिए लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए

राजस्थान की सीकर लोकसभा सीट पर हमेशा से माकपा का प्रभाव रहा है. सीकर में छात्र संघ चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव और लोकसभा में माकपा हर बार कहीं ना कहीं नजर आती है. सीकर लोकसभा सीट पर माकपा कभी 5% तो कभी 24% तक वोट ले चुकी है लेकिन आज तक जीत हासिल नहीं कर पाई है.

सीकर लोकसभा सीट पर माकपा के कामरेड अमराराम
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Published : Apr 22, 2019, 2:49 PM IST

सीकर. सीकर लोकसभा सीट पर माकपा के कामरेड अमराराम 1996 लगातार चुनाव लड़ते आ रहे हैं. पिछले 23 साल में इन्होंने हर चुनाव लड़ा है लेकिन संसद की कुर्सी अमराराम को नसीब नहीं हो पाई. इनमें से साल में 20 साल तो अमराराम विधायक भी रहे हैं.

बता दें कि एक समय ऐसा भी था जब सीकर में माकपा के विधायकों की संख्या भाजपा से ज्यादा थी. 2008 के चुनाव में सीकर में माकपा के दो विधायक जीते थे और भाजपा का केवल एक. वहीं सीकर जिले के सबसे बड़े कॉलेज पर आज तक माकपा के छात्र संगठन एसएफआई ने कांग्रेस और भाजपा के छात्र संगठनों के पाले ही नहीं बनने दिए.

राजस्थान की लोकसभा सीट पर हमेशा से रहा है माकपा का प्रभाव

वहीं जब तक कॉलेज के टुकड़े नहीं हुए थे तब तक तो यहां पर माकपा के छात्र संगठन को हराने के लिए कांग्रेस और भाजपा के संगठन भी एक हो जाते थे लेकिन केवल एक बार ही वे हरा पाए. इसके बाद भी सीकर लोकसभा में माकपा को जीत हासिल नहीं हुई.

हर बार अच्छे वोट हासिल किये अमराराम ने
अमराराम ने पहला चुनाव 1996 में लोकसभा का लड़ा और उस चुनाव में उन्होंने 56452 वोट हासिल किए. इसके बाद 1998 के चुनाव में अमराराम ने 1 लाख 96 हजार 432 वोट हासिल किए. 1999 के चुनाव में भी अमराम राम ने 80491 वोट हासिल किए. वहीं 2004 के चुनाव में 66241 वोट मिले और 2009 के चुनाव में 1 लाख 61 हजार 590 वोट मिले और 2014 में मोदी लहर की वजह से अमराराम का ग्राफ थोड़ा नीचे गया और उन्हें 53134 वोट ही मिल पाए.

सीकर. सीकर लोकसभा सीट पर माकपा के कामरेड अमराराम 1996 लगातार चुनाव लड़ते आ रहे हैं. पिछले 23 साल में इन्होंने हर चुनाव लड़ा है लेकिन संसद की कुर्सी अमराराम को नसीब नहीं हो पाई. इनमें से साल में 20 साल तो अमराराम विधायक भी रहे हैं.

बता दें कि एक समय ऐसा भी था जब सीकर में माकपा के विधायकों की संख्या भाजपा से ज्यादा थी. 2008 के चुनाव में सीकर में माकपा के दो विधायक जीते थे और भाजपा का केवल एक. वहीं सीकर जिले के सबसे बड़े कॉलेज पर आज तक माकपा के छात्र संगठन एसएफआई ने कांग्रेस और भाजपा के छात्र संगठनों के पाले ही नहीं बनने दिए.

राजस्थान की लोकसभा सीट पर हमेशा से रहा है माकपा का प्रभाव

वहीं जब तक कॉलेज के टुकड़े नहीं हुए थे तब तक तो यहां पर माकपा के छात्र संगठन को हराने के लिए कांग्रेस और भाजपा के संगठन भी एक हो जाते थे लेकिन केवल एक बार ही वे हरा पाए. इसके बाद भी सीकर लोकसभा में माकपा को जीत हासिल नहीं हुई.

हर बार अच्छे वोट हासिल किये अमराराम ने
अमराराम ने पहला चुनाव 1996 में लोकसभा का लड़ा और उस चुनाव में उन्होंने 56452 वोट हासिल किए. इसके बाद 1998 के चुनाव में अमराराम ने 1 लाख 96 हजार 432 वोट हासिल किए. 1999 के चुनाव में भी अमराम राम ने 80491 वोट हासिल किए. वहीं 2004 के चुनाव में 66241 वोट मिले और 2009 के चुनाव में 1 लाख 61 हजार 590 वोट मिले और 2014 में मोदी लहर की वजह से अमराराम का ग्राफ थोड़ा नीचे गया और उन्हें 53134 वोट ही मिल पाए.

Intro:राजस्थान की सीकर लोकसभा सीट पर हमेशा से किसी भी तरह से माकपा का प्रभाव जरूर रहा है। सीकर जिले में छात्र संघ चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव और लोकसभा में माकपा हर बार कहीं ना कहीं नजर आती है। सीकर लोकसभा सीट पर माकपा कभी 5% तो कभी 24% तक वोट ले चुकी है लेकिन आज तक इस सीट पर माकपा को जीत हासिल नहीं हो पाई है जबकि किसी समय तो जिले के 8 सीटों में से माकपा के विधायक भाजपा से भी ज्यादा होते थे


Body:सीकर लोकसभा सीट पर माकपा के कामरेड अमराराम 1996 लगातार चुनाव लड़ते आ रहे हैं पिछले 23 साल में इन्होंने हर चुनाव लड़ा है लेकिन संसद की कुर्सी अमराराम को नसीब नहीं हो पाई। इनमें से साल में 20 साल तो अमराराम विधायक भी रहे हैं। एक समय ऐसा भी था जब सीकर में माकपा के विधायकों की संख्या भाजपा से ज्यादा थी 2008 के चुनाव में सीकर में माकपा के दो विधायक जीते थे और भाजपा का केवल एक। सीकर जिले के सबसे बड़े कॉलेज पर आज तक माकपा के छात्र संगठन एसएफआई ने कांग्रेस और भाजपा के छात्र संगठनों के पाले ही नहीं बनने दिए। जब तक कॉलेज के टुकड़े नहीं हुए थे तब तक तो यहां पर माकपा के छात्र संगठन को हराने के लिए कांग्रेस और भाजपा के संगठन भी एक हो जाते थे लेकिन केवल एक बार ही वे हरा पाए। इसके बाद भी सीकर लोकसभा में माकपा को जीत हासिल नहीं हुई है। 1996 में सीकर लोकसभा में 9.33% वोट हासिल करने वाली माकपा ने अगले चुनाव यानी 1998 में 24.92% वोट हासिल कर लिए थे। इसके बाद 2009 के चुनाव में भी माकपा ने सीकर सीट पर 22.28% वोट हासिल किए लेकिन 2014 के चुनाव में माकपा को महज 4.98% वोट ही मिल पाए।


हर बार अच्छे वोट हासिल किये अमराराम ने
अमराराम ने पहला चुनाव 1996 में लोकसभा का लड़ा और उस चुनाव में उन्होंने 56452 वोट हासिल किए। इसके बाद 1998 के चुनाव में अमराराम ने 1 लाख 96 हजार 432 वोट हासिल किए। 1999 के चुनाव में भी अमराम राम ने 80491 वोट हासिल किए। 2004 के चुनाव में 66241 वोट मिले और 2009 के चुनाव में 1 लाख 61 हजार 590 वोट मिले। 2014 में मोदी लहर की वजह से अमराराम का ग्राफ थोड़ा नीचे गया और उन्हें 53134 वोट ही मिल पाए।


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