सीकर. सीकर लोकसभा सीट पर माकपा के कामरेड अमराराम 1996 लगातार चुनाव लड़ते आ रहे हैं. पिछले 23 साल में इन्होंने हर चुनाव लड़ा है लेकिन संसद की कुर्सी अमराराम को नसीब नहीं हो पाई. इनमें से साल में 20 साल तो अमराराम विधायक भी रहे हैं.
बता दें कि एक समय ऐसा भी था जब सीकर में माकपा के विधायकों की संख्या भाजपा से ज्यादा थी. 2008 के चुनाव में सीकर में माकपा के दो विधायक जीते थे और भाजपा का केवल एक. वहीं सीकर जिले के सबसे बड़े कॉलेज पर आज तक माकपा के छात्र संगठन एसएफआई ने कांग्रेस और भाजपा के छात्र संगठनों के पाले ही नहीं बनने दिए.
वहीं जब तक कॉलेज के टुकड़े नहीं हुए थे तब तक तो यहां पर माकपा के छात्र संगठन को हराने के लिए कांग्रेस और भाजपा के संगठन भी एक हो जाते थे लेकिन केवल एक बार ही वे हरा पाए. इसके बाद भी सीकर लोकसभा में माकपा को जीत हासिल नहीं हुई.
हर बार अच्छे वोट हासिल किये अमराराम ने
अमराराम ने पहला चुनाव 1996 में लोकसभा का लड़ा और उस चुनाव में उन्होंने 56452 वोट हासिल किए. इसके बाद 1998 के चुनाव में अमराराम ने 1 लाख 96 हजार 432 वोट हासिल किए. 1999 के चुनाव में भी अमराम राम ने 80491 वोट हासिल किए. वहीं 2004 के चुनाव में 66241 वोट मिले और 2009 के चुनाव में 1 लाख 61 हजार 590 वोट मिले और 2014 में मोदी लहर की वजह से अमराराम का ग्राफ थोड़ा नीचे गया और उन्हें 53134 वोट ही मिल पाए.