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कांग्रेस ने लॉक की सभी 25 सीटें...होली के बाद आएगी पहली लिस्ट...विधायकों को भी उतार सकती है मैदान में

जयपुर. कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की अंतिम बैठक दिल्ली में हुई. अब कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक में राजस्थान की 25 सीटों पर बनी आम राय को रखा जाएगा. 18 सीटों पर सिंगल नाम तो 7 सीटों पर दो-दो नामों का पैनल भेजा गया है. वहीं 10 सीटों पर नए चेहरों को मौका मिल सकता है.

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Published : Mar 18, 2019, 12:39 PM IST

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लोकसभा चुनाव को देखते हुए राजस्थान के लिए रविवार देर रात तक चली स्क्रीनिंग कमेटी की आखिरी बैठक में सभी सीटों पर दावेदारों के नामों पर कमेटी के नेताओं में आपसी सहमति बन गई है. बैठक में 18 सीटों पर सिंगल नाम तो 7 सीटों पर 2-2 नाम का पैनल तैयार किया गया है. अब इन पैनलों को कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी के सामने रखा जाएगा और सेंट्रल इलेक्शन कमेटी ही तय करेगी कि कौन सा दावेदार लोकसभा चुनाव में जीत दिला सकता है.
होली के बाद राजस्थान की पहली लिस्ट
अब तक मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान में कांग्रेस पार्टी इस बार करीब एक दर्जन सीटों पर नए चेहरे उतारने जा रही है. इसके साथ ही एक दर्जन सीटें वह है जिन पर कांग्रेस वर्तमान विधायक, मंत्री या फिर पूर्व में सांसद रह चुके नेताओं को ही मौका देगी. कांग्रेस इलेक्शन कमेटी अब होली के बाद में कभी भी राजस्थान को लेकर अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकती है. पहली लिस्ट में उन सीटों का नाम आएगा जिन पर पहले चरण में मतदान होना है.
7 सीटों पर विधायक, मंत्री, पूर्व सांसद के भी नाम
स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में अगर सबसे ज्यादा चर्चा किसी बात पर रही तो वह थी वर्तमान विधायकों या मंत्रियों में से नेताओं को चुनाव लड़ाया जाए या नहीं. हालांकि कहा जा रहा है राजस्थान का आलाकमान मंत्री, विधायकों के चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं है लेकिन क्योंकि अब हालात पुलवामा में हुए हमले के बाद देश में बदल चुके हैं तो ऐसे में मंत्रियों और विधायकों को चुनाव लड़ाने का फैसला पूरी तरीके से आलाकमान पर छोड़ा गया है.करीब 7 सीटों पर 2 नामों के पैनल इसी कारण से भेजे गए है.
दरअसल स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में मंत्री लालचंद कटारिया, रमेश मीणा, प्रमोद जैन भाया, सीपी जोशी, महेश जोशी, विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा, मंत्री रघु शर्मा जैसे नामों को उनकी सीटों पर दो नामों के पैनल के साथ भेजा गया है क्योंकि यह नेता अपने लोकसभा सीटों में चुनाव जीतने में सक्षम है और पहले भी सांसद रह चुके हैं.
प्रमोद जैन भाया पहले सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं और रमेश मीणा का कद लगातार तीन चुनाव जीतने के बाद पार्टी में बढ़ गया है. वैसे भी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि एक-एक सीट पर जीत उसके लिए काफी अहम रहेगी. वहीं क्योंकि प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है तो ऐसे में अगर कांग्रेस की सीटें भाजपा से कम आती है तो यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट दोनों के लिए ही चिंता का विषय बन जाएगा.

देखें रिपोर्ट

महिला उम्मीदवारों की संख्या कम हो सकती है
स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद एक बात और निकल कर आ रही है कि इस बार महिलाओं की संख्या लोकसभा चुनाव में राजस्थान से बीते चुनाव की अपेक्षा कम रह सकती है. बीते चुनाव में कांग्रेस ने 6 महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे थे जो सभी चुनाव हार गई थी इससे पहले साल 2009 में भी कांग्रेस ने 5 महिला प्रत्याशियों को मौका दिया था. जिनमें से तीन ने जीत दर्ज की थी.
मुस्लिम उम्मीदवार एक हो सकता है
इस बार हालांकि कांग्रेस चुनाव में 33% महिला आरक्षण की बात कर रही थी लेकिन टिकटों की संख्या लोकसभा चुनाव में राजस्थान से तीन से चार ही रहेगी. जो बीते दो चुनावों से कम होगी वहीं अल्पसंख्यक मुस्लिमों की बात करें तो इस बार चूरू या टोंक सवाई माधोपुर से एक सीट मुस्लिम समुदाय को दी जा सकती है. इनमें से चूरू की सीट के आसार ज्यादा दिखाई दे रहे हैं.

लोकसभा चुनाव को देखते हुए राजस्थान के लिए रविवार देर रात तक चली स्क्रीनिंग कमेटी की आखिरी बैठक में सभी सीटों पर दावेदारों के नामों पर कमेटी के नेताओं में आपसी सहमति बन गई है. बैठक में 18 सीटों पर सिंगल नाम तो 7 सीटों पर 2-2 नाम का पैनल तैयार किया गया है. अब इन पैनलों को कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी के सामने रखा जाएगा और सेंट्रल इलेक्शन कमेटी ही तय करेगी कि कौन सा दावेदार लोकसभा चुनाव में जीत दिला सकता है.
होली के बाद राजस्थान की पहली लिस्ट
अब तक मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान में कांग्रेस पार्टी इस बार करीब एक दर्जन सीटों पर नए चेहरे उतारने जा रही है. इसके साथ ही एक दर्जन सीटें वह है जिन पर कांग्रेस वर्तमान विधायक, मंत्री या फिर पूर्व में सांसद रह चुके नेताओं को ही मौका देगी. कांग्रेस इलेक्शन कमेटी अब होली के बाद में कभी भी राजस्थान को लेकर अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकती है. पहली लिस्ट में उन सीटों का नाम आएगा जिन पर पहले चरण में मतदान होना है.
7 सीटों पर विधायक, मंत्री, पूर्व सांसद के भी नाम
स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में अगर सबसे ज्यादा चर्चा किसी बात पर रही तो वह थी वर्तमान विधायकों या मंत्रियों में से नेताओं को चुनाव लड़ाया जाए या नहीं. हालांकि कहा जा रहा है राजस्थान का आलाकमान मंत्री, विधायकों के चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं है लेकिन क्योंकि अब हालात पुलवामा में हुए हमले के बाद देश में बदल चुके हैं तो ऐसे में मंत्रियों और विधायकों को चुनाव लड़ाने का फैसला पूरी तरीके से आलाकमान पर छोड़ा गया है.करीब 7 सीटों पर 2 नामों के पैनल इसी कारण से भेजे गए है.
दरअसल स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में मंत्री लालचंद कटारिया, रमेश मीणा, प्रमोद जैन भाया, सीपी जोशी, महेश जोशी, विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा, मंत्री रघु शर्मा जैसे नामों को उनकी सीटों पर दो नामों के पैनल के साथ भेजा गया है क्योंकि यह नेता अपने लोकसभा सीटों में चुनाव जीतने में सक्षम है और पहले भी सांसद रह चुके हैं.
प्रमोद जैन भाया पहले सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं और रमेश मीणा का कद लगातार तीन चुनाव जीतने के बाद पार्टी में बढ़ गया है. वैसे भी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि एक-एक सीट पर जीत उसके लिए काफी अहम रहेगी. वहीं क्योंकि प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है तो ऐसे में अगर कांग्रेस की सीटें भाजपा से कम आती है तो यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट दोनों के लिए ही चिंता का विषय बन जाएगा.

देखें रिपोर्ट

महिला उम्मीदवारों की संख्या कम हो सकती है
स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद एक बात और निकल कर आ रही है कि इस बार महिलाओं की संख्या लोकसभा चुनाव में राजस्थान से बीते चुनाव की अपेक्षा कम रह सकती है. बीते चुनाव में कांग्रेस ने 6 महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे थे जो सभी चुनाव हार गई थी इससे पहले साल 2009 में भी कांग्रेस ने 5 महिला प्रत्याशियों को मौका दिया था. जिनमें से तीन ने जीत दर्ज की थी.
मुस्लिम उम्मीदवार एक हो सकता है
इस बार हालांकि कांग्रेस चुनाव में 33% महिला आरक्षण की बात कर रही थी लेकिन टिकटों की संख्या लोकसभा चुनाव में राजस्थान से तीन से चार ही रहेगी. जो बीते दो चुनावों से कम होगी वहीं अल्पसंख्यक मुस्लिमों की बात करें तो इस बार चूरू या टोंक सवाई माधोपुर से एक सीट मुस्लिम समुदाय को दी जा सकती है. इनमें से चूरू की सीट के आसार ज्यादा दिखाई दे रहे हैं.
Intro:स्क्रीनिंग कमेटी की अंतिम बैठक हुई दिल्ली में अब कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक में रखे जाएंगे नाम 25 सीटों पर बनी आम राय 18 सीटों पर सिंगल नाम तो 7 सीटों पर दो दो नामों का पैनल भेजा गया 10 सीटों पर उतरेंगे नए चेहरे


Body:लोकसभा चुनाव को देखते हुए राजस्थान के लिए स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक रविवार देर रात तक चली स्क्रीनिंग कमेटी की आखिरी बैठक में सभी सीटों पर दावेदारों के नामों पर कमेटी के नेताओं में आपसी सहमति बन गई है बैठक में 18 सीटों पर सिंगल नाम तो 7 सीटों पर 2-2 नाम का पैनल तैयार किया गया है अब इन चैनलों को कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी के सामने रखा जाएगा और सेंट्रल इलेक्शन कमेटी ही तय करेगी कि कौन सा दावेदार लोकसभा चुनाव में जीत दिला सकता है अब तक मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान में कांग्रेस पार्टी इस बार करीब एक दर्जन सीटों पर नए चेहरे उतारने जा रही है इसके साथ ही एक दर्जन सीटें वह है जिन पर कॉन्ग्रेस वर्तमान विधायक मंत्री या फिर पूर्व में सांसद रह चुके नेताओं को ही मौका देगी कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक के बाद होली के बाद में कभी भी अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकती है पहली लिस्ट में उन सीटों का नाम आएगा जिन पर पहले चरण में मतदान होना है

मंत्री विधायकों के नाम 2 नाम वाले पैनल में किए गए शामिल आलाकमान तय करेगा कि इन नेताओं को चुनाव के मैदान में उतारना है या नहीं
स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में अगर सबसे ज्यादा चर्चा किसी बात पर रही तो वह थी वर्तमान विधायकों या मंत्रियों में से नेताओं को चुनाव लड़ाया जाए या नहीं हालांकि कहा जा रहा है राजस्थान का आलाकमान मंत्री विधायकों के चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं है लेकिन क्योंकि अब हालात पुलवामा में हुए हमले के बाद देश में बदल चुके हैं तो ऐसे में मंत्रियों और विधायकों को चुनाव लड़ाने का फैसला पूरी तरीके से आलाकमान पर छोड़ा गया है और करीब 7 सीटों पर 2 नामों के पैनल इसी कारण से भेजे गए हैं दरअसल स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में मंत्री लालचंद कटारिया रमेश मीणा प्रमोद जैन भाया सीपी जोशी महेश जोशी विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा मंत्री रघु शर्मा जैसे नामों को उनकी सीटों पर दो नामों के पैनल के साथ भेजा गया है क्योंकि यह नेता अपने लोकसभा सीटों में चुनाव जीतने में सक्षम है और पहले भी सांसद रह चुके हैं प्रमोद जैन भाया पहले सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं और रमेश मीणा का कद लगातार तीन चुनाव जीतने के बाद पार्टी में बढ़ गया है वैसे भी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव कहां से महत्वपूर्ण है क्योंकि एक एक सीट पर जीत उसके लिए काफी अहम रहेगी वहीं क्योंकि प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है तो ऐसे में अगर कांग्रेस की सीटें भाजपा से कम आती है तो यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट दोनों के लिए ही चिंता का विषय बन जाएगा
महिलाओं को कुछ करना होगा 3 या 4 सीटों पर तो अल्पसंख्यक मुस्लिमों को मिल सकती है चूरू या टोंक सवाई माधोपुर में से 1 सीट
स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद एक बात और निकल कर आ रही है कि इस बार महिलाओं की संख्या लोकसभा चुनाव में राजस्थान से बीते चुनाव की अपेक्षा कम रह सकती है बीते चुनाव में कांग्रेस ने 6 महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे थे जो सभी चुनाव हार गई थी इससे पहले साल 2009 में भी कांग्रेस ने 5 महिला प्रत्याशियों को मौका दिया था जिनमें से तीन ने जीत दर्ज की थी इस बार हालांकि कॉन्ग्रेस चुनाव में 33% महिला आरक्षण की बात कर रही थी लेकिन टिकटों की संख्या लोकसभा चुनाव में राजस्थान से तीन से चार ही रहेगी जो बीते दो चुनावों से कम होगी वही अल्पसंख्यक मुस्लिमों की बात करें तो इस बार चूरू या टोंक सवाई माधोपुर से एक सीट मुस्लिम समुदाय को दी जा सकती है इनमें से चूरू की सीट के आसार ज्यादा दिखाई दे रहे हैं
पीटीसी अजीत


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