राजस्थान लोकसभा क्षेत्र राजस्थान में सत्ता की चाबी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले मेवाड़ संभाग में आता है. राजसमंद लोकसभा सीट का गठन साल 2008 के परिसीमन में हुआ. अब तक सीट पर दो चुनाव हुए हैं जिसमें एक बार कांग्रेस तो एक बार बीजेपी ने बाजी मारी है और दोनों ही बार जिस पार्टी का प्रत्याशी यहां से जीता है उसी पार्टी की केंद्र में सरकार बनी है.
इस लोकसभा सीट में 8 विधानसभा क्षेत्र आती हैं जिनमें मेड़ता, डेगाना, राजसमंद, नाथद्वारा, कुंभलगढ़, भीम, ब्यावर और जैतारण शामिल है. आपको बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में इन 8 विधानसभा सीटों पर से 4 पर बीजेपी 3 पर कांग्रेस और एक सीट पर आरएलपी के प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी वहीं आपको बता दें कि इस सीट पर वर्तमान सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने स्वास्थ्य कारणों के चलते चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है ऐसे में इस सीट को लेकर भाजपा में सियासी खींचतान शुरू हो गई है.
आपको बता दें कि राजसमंद लोकसभा सीट पर सबसे अधिक मतदाता राजपूत जाति से हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर रावत समाज के लोग हैं ऐसे में यह दोनों समाज इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं और इसी बात को ध्यान में रखते हुए दोनों ही पार्टी सीट पर राजपूत या रावत प्रत्याशी अब तक उतारती आई है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लिए इस बार इस सीट पर प्रत्याशी चयन एक बड़ी पहेली बन गया है.
आपको बता दें कि दीया कुमारी पूर्व में सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी है लेकिन भाजपा ने इस विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया. ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें लोकसभा टिकट देगी और इसी कशमकश के चलते दिया कुमारी राजस्थान में 3 लोकसभा क्षेत्र से टिकट की दावेदारी कर रही है लेकिन दीया कुमारी के समर्थन में अब मेवाड़ संभाग के कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया उतर आए हैं और कटारिया अंदर खाने दिया कुमारी को राजसमंद से चुनाव लड़ना चाहते हैं.
बता दें कि कटारिया कि यह चाहत सिर्फ यूं ही नहीं बल्कि इस चाहत के कई राजनीतिक मायने भी हैं. आपको बता दें कि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और किरण महेश्वरी की आपस में नहीं बनती और मेवाड़ संभाग में दोनों गुट के नेता एक दूसरे के विरोधी माने जाते हैं. ऐसे में मेवाड़ में किरण महेश्वरी के बढ़ते दबदबे को कम करने के लिए जहां कटारिया दिया कुमारी को मेवाड़ लाना चाहते हैं तो वहीं वसुंधरा राजे अपनी खास रही किरण माहेश्वरी को चुनाव लड़ने के मूड में नजर आ रही है. ऐसे में अब देखना होगा कि भाजपा आलाकमान इन दोनों में से किसी एक महिला प्रत्याशियों को मौका देता है या फिर कोई नया चेहरा यहां चुनाव लड़ता है.