कोटा. स्वास्थ्य भवन के कार्यालय में शिफ्टिंग मामले में चिकित्सा विभाग के लोगों का कहना है कि इसका लोकार्पण चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा की जगह यूडीएच मंत्री से करवा दिया था. इसी विवाद के चलते यह स्वास्थ्य भवन शिफ्टिंग का कार्य ठंडे बस्ते में है और विभाग के अलग-अलग दफ्तर टूटे-फूटे भवनों में संचालित हो रहे हैं.
किराया चुका रहे हैं विभाग
चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग का खेडली फाटक के नजदीक संयुक्त निदेशक और औषध नियंत्रण संगठन का कार्यालय संचालित हो रहा है. यहीं पर चिकित्सा विभाग के उपनिदेशक का कार्यालय भी संचालित हो रहा है. इसके अलावा सीएमएचओ का कार्यालय बग्गी खाना में और उसी के नजदीक दूसरे भवन में खाद्य सुरक्षा का कार्यालय संचालित हो रहा है. यही नहीं जिला प्रजनन और शिशु स्वास्थ्य अधिकारी का कार्यालय लाडपुरा में संचालित हो रहा है. यहां पर एनयूएचएम का कार्यालय भी चल रहा है. वहीं रामपुरा जिला अस्पताल के नजदीक डिप्टी सीएमएचओ कार्यालय संचालित हो रहा है. ऐसे में शहर के अलग-अलग हिस्सों में स्वास्थ्य विभाग के दफ्तर चालू हो रहे हैं. जिनमें से कुछ का तो निजी भवनों में होने से किराया भी जा रहा है.
लोकार्पण के बाद विभाग से अनुमति मांग रहे सीएमएचओ
स्वास्थ्य भवन का लोकार्पण इसी साल 27 जनवरी को तत्कालीन सीएमएचओ और वर्तमान संयुक्त निदेशक डॉ. आरके लवानिया ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से करवाया था. इसके बाद विवाद हो गया था कि चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री को इस कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी गई है. डॉ. लवानिया ने ऑफिस शिफ्टिंग का कार्य शुरू करवाया और कुछ फर्नीचर नए भवन में शिफ्ट भी कर दिया. कुछ दिन बाद ही सीएमएचओ बदल गए तो डॉ. बीएस तंवर को सीएमएचओ का कार्यभार सौंप दिया. इसके बाद से नए सीएमएचओ ने नए भवन में शिफ्टिंग का कार्य रोक दिया. तब से यह ठंडे बस्ते में ही पड़ा है.
टालमटोल कर रहे हैं सीएमएचओ
एनएचएम के अधिशासी अभियंता डीके सक्सेना का कहना है कि वे कई बार सीएमएचओ को भवन शिफ्टिंग के लिए अवगत करा चुके हैं. सीएमएचओ एक बार इस भवन की विजिट भी कर चुके हैं और कुछ कमियां भी बता चुके हैं. जिनको हमने पूरा कर दिया है. इस संबंध में हमने उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है. संयुक्त निदेशक डॉ. आरके लवानिया भी मान रहे हैं कि भवन को लोकार्पण हो गया है और हैंड ओवर कर शिफ्ट करना चाहिए. वहीं सीएमएचओ एक ही राग अलाप रहे हैं. उनका कहना है कि उच्च अधिकारियों को पत्र लिख दिया है .उनकी अनुमति मिलेगी तो भवन को शिफ्ट कर लेंगे.