जयपुर. लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे प्रकरण के बाद लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ सचिन पायलट के दिल्ली दौरे बन रहे हैं. लेकिन, भाजपा नेता इन दोनों को कुर्सी की खींचतान करार दे रहे हैं. भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ के अनुसार राजस्थान कांग्रेस में 'सीएम बनो सीएम बनो' का खेल काफी लंबे अरसे से चल रहा है. और गहलोत समर्थकों ने सचिन पायलट को सीएम ना बने इसके लिए उनके सियासी रास्ते तक रोके. राठौड़ के अनुसार मुख्यमंत्री गहलोत को प्रदेश के विकास या जन समस्याओं पर रुचि नहीं, बल्कि अपनी कुर्सी बचाए रखने में ज्यादा रुचि है. कुर्सी से चिपके रहना अशोक गहलोत की पुरानी आदत भी है. राठौड़ के अनुसार कांग्रेस पार्टी और सरकार में चल रही इस अंतर कलह से प्रदेश का विकास ठप हो रहा है और खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.
केवल राजेंद्र राठौड़ ही नहीं बल्कि पूर्व मंत्री और मौजूदा भाजपा विधायक कालीचरण सराफ भी लगातार अपने बयानों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ सचिन पायलट पर निशाना साध रहे हैं. कालीचरण सराफ के अनुसार मुख्यमंत्री के रूप में अशोक गहलोत का प्रदेश की जनता के प्रति कुछ दायित्व है. लेकिन, वह अपने दायित्व भूलकर लगातार दिल्ली दौरे पर है. ताकि वहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मिजाजपुर्शी कर सकें. सराफ के अनुसार केवल गहलोत ही नहीं बल्कि पीसीसी चीफ सचिन पायलट का भी यही हाल है.
दरअसल लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 25 सीटों पर कांग्रेस की हार के बाद प्रदेश कांग्रेस और सरकार में संकट के बादल छा गए हैं, पार्टी के भीतर चल रहे इसी अंतर्विरोध और गुटबाजी को भाजपा के नेता अपने बयानों के जरिए लगातार सुर्खियों में रखना चाहते हैं. ताकि इसका सियासी फायदा भाजपा को मिल सके. यही कारण है कि मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ के हर घटनाक्रम पर बीजेपी नेता लगातार बयान बाजी कर उन पर सवाल खड़े कर रहे हैं.