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बीकानेर जिला परिषद की साधारण सभा बैठक में 9 अरब रुपए के वार्षिक प्लान का अनुमोदन

बीकानेर. जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक शुक्रवार को जिला प्रमुख सुशीला सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई जिसमें महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत 9 अरब रुपए के वार्षिक प्लान को अनुमोदित किया गया है.

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Published : Mar 1, 2019, 11:55 PM IST

हालांकि मनरेगा वार्षिक प्लान को लेकर सदस्यों के बीच सदन में औपचारिकता ही हुई लेकिन जनहित से जुड़े कार्य को देखते हुए सभी सदस्यों ने एक स्वर में बजट को अनुमोदित कर दिया. सदन में सदस्यों ने ग्रामीण क्षेत्र में पानी बिजली चिकित्सा और आमजन से जुड़े मुद्दों को उठाया और उनका समाधान करवाने की मांग रखी.

बैठक के दौरान सदस्यों ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि सदन में होने वाली साधारण सभा की बैठक में जिले के विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारी नहीं आते हैं और अपने अधीनस्थ को ही भेज कर अपने दायित्व की इतिश्री कर लेते हैं. सदस्यों ने इस बात को लेकर जिला प्रमुख सुशीला सीवर और जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम के सामने आपत्ति जताई और चिकित्सा विभाग की डिप्टी सीएमएचओ इंदिरा प्रभाकर को वापस भेजने की भी मांग रखी. उनका कहना था कि बैठक में खुद सीएमएचओ को आना चाहिए था लेकिन उन्होंने सदन में सदन सभा की बैठक में आना जरूरी नहीं समझा और डिप्टी सीएमएचओ को भेज दिया है इस पर जिला प्रमुख ने डिप्टी सीएमएचओ को सदन से जाने के निर्देश दिए.

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प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद पहली बार जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई थी और खास बात यह रही कि जिले के तीन विधायक लूणकरणसर से सुमित गोदारा श्रीडूंगरगढ़ से गिरधारी महिया और खाजूवाला से गोविंद मेघवाल विधानसभा की बैठक में पहुंचे और अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सदन को जानकारी दी.

हालांकि मनरेगा वार्षिक प्लान को लेकर सदस्यों के बीच सदन में औपचारिकता ही हुई लेकिन जनहित से जुड़े कार्य को देखते हुए सभी सदस्यों ने एक स्वर में बजट को अनुमोदित कर दिया. सदन में सदस्यों ने ग्रामीण क्षेत्र में पानी बिजली चिकित्सा और आमजन से जुड़े मुद्दों को उठाया और उनका समाधान करवाने की मांग रखी.

बैठक के दौरान सदस्यों ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि सदन में होने वाली साधारण सभा की बैठक में जिले के विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारी नहीं आते हैं और अपने अधीनस्थ को ही भेज कर अपने दायित्व की इतिश्री कर लेते हैं. सदस्यों ने इस बात को लेकर जिला प्रमुख सुशीला सीवर और जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम के सामने आपत्ति जताई और चिकित्सा विभाग की डिप्टी सीएमएचओ इंदिरा प्रभाकर को वापस भेजने की भी मांग रखी. उनका कहना था कि बैठक में खुद सीएमएचओ को आना चाहिए था लेकिन उन्होंने सदन में सदन सभा की बैठक में आना जरूरी नहीं समझा और डिप्टी सीएमएचओ को भेज दिया है इस पर जिला प्रमुख ने डिप्टी सीएमएचओ को सदन से जाने के निर्देश दिए.

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प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद पहली बार जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई थी और खास बात यह रही कि जिले के तीन विधायक लूणकरणसर से सुमित गोदारा श्रीडूंगरगढ़ से गिरधारी महिया और खाजूवाला से गोविंद मेघवाल विधानसभा की बैठक में पहुंचे और अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सदन को जानकारी दी.

Intro:बीकानेर बीकानेर जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक शुक्रवार को जिला प्रमुख सुशीला सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत 9 अरब रुपए के वार्षिक प्लान को अनुमोदित किया गया। हालांकि मनरेगा वार्षिक प्लान को लेकर सदस्यों के बीच सदन में औपचारिकता ही हुई लेकिन जनहित से जुड़े कार्य को देखते हुए सभी सदस्यों ने एक स्वर में बजट को अनुमोदित कर दिया। सदन में सदस्यों ने ग्रामीण क्षेत्र में पानी बिजली चिकित्सा और आमजन से जुड़े मुद्दों को उठाया और उनका समाधान करवाने की मांग रखी।


Body:इस दौरान सदस्यों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि सदन में होने वाली साधारण सभा की बैठक में जिले के विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारी नहीं आते हैं और अपने अधीनस्थ को ही भेज कर अपने दायित्व की इतिश्री कर लेते हैं। सदस्यों ने इस बात को लेकर जिला प्रमुख सुशीला सीवर और जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम के सामने आपत्ति जताई और चिकित्सा विभाग की डिप्टी सीएमएचओ इंदिरा प्रभाकर को वापस भेजने की भी मांग रखी उनका कहना था कि बैठक में खुद सीएमएचओ को आना चाहिए था लेकिन उन्होंने सदन में सदन सभा की बैठक में आना जरूरी नहीं समझा और डिप्टी सीएमएचओ को भेज दिया है इस पर जिला प्रमुख ने डिप्टी सीएमएचओ को सदन से जाने के निर्देश दिए।


Conclusion:जिला प्रमुख सुशीला सिंवर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पानी बिजली शिक्षा संबंधी कई परेशानियां हैं और इसी को लेकर साधारण सभा की बैठक आयोजित की जाती है ताकि सदस्यों के द्वारा बताई गई समस्याओं को अधिकारी चिन्हित कर उन समस्याओं का समाधान करें लेकिन साधारण सभा की बैठक को अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते हैं और बैठक में भी नहीं आते हैं और इसी को लेकर आ सदस्यों ने आपत्ति दर्ज कराई थी । दर्शन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद पहली बार जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई थी और खास बात यह रही कि जिले के तीन विधायक लूणकरणसर से सुमित गोदारा श्रीडूंगरगढ़ से गिरधारी महिया और खाजूवाला से गोविंद मेघवाल विधानसभा की बैठक में पहुंचे और अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सदन को जानकारी दी। इस दौरान श्री डूंगरगढ़ के विधायक गिरधारी महिया ने कहा कि साधारण सभा की बैठक पंचायत राज की सबसे बड़ी संस्था की बैठक होती है और इस बैठक में होने वाली चर्चाओं के बाद ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं का निस्तारण संभव है लेकिन इस बैठक को अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते हैं और आज की बैठक में भी ऐसा ही कुछ मिला जहां अधिकारी खुद नहीं पहुंचे और अपने अधीनस्थ को भेज दिया है ऐसे में साधारण सभा की बैठक महज एक औपचारिकता बनकर रह गई है और यहां होने वाली चर्चा के बाद इस पर होना संभव नहीं है। बैठक में जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने साधारण सभा की बैठक में उठाए गए बिंदुओं को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया कि सात दिन बाद उठाए गए बिंदुओं पर फिर से रिव्यू किया जाएगा और अधिकारियों से इस बारे में रिपोर्ट ली जाएगी। कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन सदस्यों ने जिन बातों को सदन में उठाया है उन पर तत्काल कार्यवाही कर उनका निस्तारण करने की कार्रवाई शुरू करें।

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