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राजस्थान में यहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दो माह से नहीं मिला वेतन - workers

भीलवाड़ा. जिले में आंगनबाड़ी सहायिका को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. जिसके कारण उन्हें परिवार का भरण पोषण चलाने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते कुछ आंगनबाड़ी सहायिकाओं ने सरकार से कुछ मांगें की हैं.

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Published : Feb 11, 2019, 8:13 PM IST

महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी सुमेर सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिले में 2,217 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हैं. जिसमें से 2,206 आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत हैं .जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों को दो केटेगरी में बांटा गया है.जिसमें से 251 आंगनबाड़ी केंद्र मिनी आंगनवाड़ी केंद्र हैं. जहां एक आंगनबाड़ी सहायिका कार्यरत हैं.


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जिले में1955 आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र है. वहां तीन का स्टाफ कार्यरत है. वहां एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एक आंगनबाड़ी सहायिका और एक आशा कार्यरत है. वहीं वेतन मिलने के सवाल पर सिंह ने कहा कि भीलवाड़ा जिले के जितने भी आंगनबाड़ी केंद्र हैं वहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 2 माह का वेतन बाकी है. कुछ जगहों पर 3 माह का भी बाकी है.
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महिला आंगनबाड़ी सहायिका नवल प्रभा शर्मा ने कहा कि हमें सरकार मात्र 3500 वेतन देती है. जिससे हमारे परिवार का भरण-पोषण नहीं चलता है. हमारी सरकार से यही मांग है कि हमारा वेतन बढ़ाया जाए और नियमित समय पर वेतन का भुगतान किया जाए. जिससे हमारा घर का खर्च चल सके.


वहीं शहर के शास्त्रीनगर के हुसैन कॉलोनी में आंगनबाड़ी सहायिका सुमित्रा देवी ने कहा कि हमारे यहां 15 बच्चे पंजीकृत हैं. जो हमेशा उपस्थित रहते हैं. इनको नियमित समय पर पोषाहार दिया जाता है. साथ ही हमारे को 3 माह से वेतन नहीं मिला है. हमारी सरकार से मांग हैं कि हमारा वेतन भी दूसरे कर्मचारियों की तरह समय पर दिया जाए. अब देखना होगा कि गहलोत सरकार दूसरे विभाग की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी नियमित वेतन दिलवा पाती है या नहीं.

महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी सुमेर सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिले में 2,217 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हैं. जिसमें से 2,206 आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत हैं .जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों को दो केटेगरी में बांटा गया है.जिसमें से 251 आंगनबाड़ी केंद्र मिनी आंगनवाड़ी केंद्र हैं. जहां एक आंगनबाड़ी सहायिका कार्यरत हैं.


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जिले में1955 आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र है. वहां तीन का स्टाफ कार्यरत है. वहां एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एक आंगनबाड़ी सहायिका और एक आशा कार्यरत है. वहीं वेतन मिलने के सवाल पर सिंह ने कहा कि भीलवाड़ा जिले के जितने भी आंगनबाड़ी केंद्र हैं वहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 2 माह का वेतन बाकी है. कुछ जगहों पर 3 माह का भी बाकी है.
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महिला आंगनबाड़ी सहायिका नवल प्रभा शर्मा ने कहा कि हमें सरकार मात्र 3500 वेतन देती है. जिससे हमारे परिवार का भरण-पोषण नहीं चलता है. हमारी सरकार से यही मांग है कि हमारा वेतन बढ़ाया जाए और नियमित समय पर वेतन का भुगतान किया जाए. जिससे हमारा घर का खर्च चल सके.


वहीं शहर के शास्त्रीनगर के हुसैन कॉलोनी में आंगनबाड़ी सहायिका सुमित्रा देवी ने कहा कि हमारे यहां 15 बच्चे पंजीकृत हैं. जो हमेशा उपस्थित रहते हैं. इनको नियमित समय पर पोषाहार दिया जाता है. साथ ही हमारे को 3 माह से वेतन नहीं मिला है. हमारी सरकार से मांग हैं कि हमारा वेतन भी दूसरे कर्मचारियों की तरह समय पर दिया जाए. अब देखना होगा कि गहलोत सरकार दूसरे विभाग की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी नियमित वेतन दिलवा पाती है या नहीं.

Intro:आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तरस रही है वेतन को

जिले मे कई जगह दो माह से नही मिल रहा है वेतन

भीलवाड़ा- अपने परिवार का भरम पोषण चलाने के लिए सरकारी कर्मचारी मासिक तनख्वाह का इंतजार करता है ।लेकिन भीलवाड़ा जिले में आंगनबाड़ी सहायिका को तीन माह से वेतन नहीं मिलने के कारण परिवार का भरण पोषण चलाने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । वहीं कुछ आंगनबाड़ी सहायिकाओं की मांग है कि हमारे को वेतन बहुत कम मिलता है जिससे हमारे परिवार का खर्चा नहीं चलता है हमारी सरकार से मांग है कि हमारा वेतन बढ़ाया जाए। जिससे हमारा परिवार का भरण-पोषण आसानी से चल सके।


Body:महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी सुमेर सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिले में 2217 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत है । जिसमें से 220 6 आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत है । 11 आंगनवाड़ी केंद्र पर कार्यरत नहीं है क्योंकि वहां शैक्षणिक योग्यता की वजह से आंगनबाड़ी सहायिका नहीं मिलने के कारण यह सेंटर बंद है ।जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों को दो केटेगरी में बांटा गया है । जिसमें से 251 आंगनबाड़ी केंद्र मिनी आंगनवाड़ी केंद्र है। जहां एक आंगनबाड़ी सहायिका कार्यरत है।
वही 1955 आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र है। वहां तीन का स्टाफ कार्यरत है ।वहां एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता , एक आंगनबाड़ी सहायिका व एक आशा कार्यरत है । जिले में सभी जगह पूर्णता पद भरे हुए हैं।
वही जो वेतन मिलने के सवाल पर सिंह ने कहा कि भीलवाड़ा जिले के जितने भी आंगनबाड़ी केंद्र है वहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 2 माह का वेतन बाकी है कुछ जगह 3 माह का बाकी है । वह जल्द से जल्द इनको यह खाते में भिजवा दिया जाएगा।
वहीं महिला आंगनबाड़ी सहायिका नवल प्रभा शर्मा ने ईटीवी भारत पर अपना दर्द बया करते हुऐ कहा कि हमारे को सरकार मात्र 3500 वेतन देती है । जिससे हमारे परिवार का भरण-पोषण नहीं चलता है । हमारी सरकार से यही मांग है कि हमारा वेतन बढ़ाया जाए और नियमित समय पर वेतन का भुगतान किया जाय जिससे हमारा घर का खर्च चल सके।
वही शहर के शास्त्रीनगर के हुसैन कॉलोनी में आंगनबाड़ी सहायिका सुमित्रा देवी ने कहा कि हमारे यहां 15 बच्चे पंजीकृत है । जो हमेशा उपस्थित रहते हैं । इनको नियमित समय पर पोषाहार दिया जाता है । व बच्चों को स्कूली शिक्षा का ज्ञान दिया जाता है । साथ ही हमारे को 3 माह से वेतन नहीं मिला है । हम सरकार से मांग करते हैं कि हमारा वेतन भी दूसरे कर्मचारियों की तरह समय पर भिजवाई जाए । जिससे हमारे परिवार का खर्च कर सके।


Conclusion:अब देखना यह होगा कि गहलोत सरकार दूसरे विभाग की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी नियमित वेतन दिलवा पाती है या नहीं।

बाईट- सुमेर सिह

उप निदेशक , महिला एवम बाल विकास विभाग

नवल प्रभा
आंगनबाड़ी सहायका

सुमित्रा देवी

आगनबाड़ी , कार्यकर्ता

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