डूंगरपुर. किसानों के कर्जमाफी में लाखों-करोड़ों रुपये के घोटाले की जो जांच 6 माह तक अटकी थी अब वह शुरू हो गई है. बता दें कि दो दिन पहले ही जिले के दौरे पर आए सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने इस मामले में निर्देश दिए. जिसके तहत लेम्प्स के 6 व्यवस्थापकों को निलंबित और 2 व्यवस्थापकों को चार्जशीट थमा दी गई.
कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक अनिमेष पुरोहित ने बताया कि जिले में 126 लेम्प्स हैं. जिसमें से 70 लेम्प्स की शिकायतें प्राप्त हुई थी. मामले में अब तक हुई जांच में 11 हजार 647 प्रकरण फर्जी पाए गए थे. जिसमें करीब 32 करोड़ रुपये का घोटाले का खुलासा हुआ था.इसी मामले में प्रबंध निदेशक की ओर से कार्रवाई करते हुए 6 लेम्प्स व्यवस्थापकों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए है.
इसमें लेम्प्स गोवाडी के व्यवस्थापक नाहरसिंह गुलाबपुरा, गेंजी के बदामीलाल बरंडा, पारडा मेहता के भवरसिंह, दिवड़ा बड़ा के राजेन्द्र भट्ट, जेठाना के वासुदेव पाटीदार को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा धम्बोला के व्यवस्थापक मितार्थ श्रीमाली और सीमलवाड़ा के सोमालाल प्रजापत को चार्जशीट दी गई है.
आपको बता दे कि 22 जून को सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना एक दिवसीय दौरे पर डूंगरपुर आये थे. जिसमें पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय हुई किसानों की कर्जमाफी में घोटाले को लेकर अब तक हुई जांच पर असंतोष जताया था. वहीं मामले में अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने से सहकारिता विभाग के अधिकारियों को मंत्री की नाराजगी झेलनी पड़ी थी. जिसके बाद मंत्री ने घोटाला करने वाले व्यावस्थपकों को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद ही यह कार्रवाई की गई है. आपको बता दे कि इसी मामले में कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक को भी हटा दिया गया था.
गौरतलब है कि ईटीवी भारत ने जनवरी महीने में लेम्प्स घोटाले का खुलासा किया था. इसके बाद जिले के एक के बाद एक कई लेम्प्स में हुए और करोड़ों रूपये के घोटाले का खुलासा किया गया. जिसमें विदेश में रहने वाले, विद्यार्थी, अन्य राज्यों में रोजगाररत, पुलिसकर्मी, फौजी, मृतक व्यक्ति या कई अन्य व्यक्तियों के नाम से फर्जी लोन माफी कर दी गई थी. इन खुलासों के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए और 20 सदस्यों की कमेटी ने जांच में घोटाले की पुष्टि की थी लेकिन इस पूरी जांच को दबा दिया गया. जिसके बाद अब मंत्री के आदेशों के बाद डंडा चला है.