जयपुर. गुलाबीनगर की रफ्तार कभी भी थम सकती है. लाइफ लाइन कहीं जाने वाले लो-फ्लोर बसों के पहिए किसी भी वक्त थम सकते हैं. जिसका नजारा सोमवार को भी कुछ देर देखने को मिला. जहां शाम होते-होते शहर की 300 बसें अचानक रोक दी गई. जिसका कारण जेसीटीएसएल प्रबंधन और बसों का संचालन करने वाली फर्म के बीच चल रहे भुगतान के विवाद को बताया जा रहा है.
शहर में बसों का संचालन बंद करने की चेतावनी
जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड प्रबंधन और बसों का संचालन करने वाली फर्म के बीच बढ़ रहे विवाद का खामियाजा शहर वासियों को उठाना पड़ सकता है. सोमवार को फर्म ने कुछ देर के लिए बसों का संचालन बंद कर दिया. फर्म के पदाधिकारियों की माने तो जेसीटीएसएल प्रबंधन ने समय पर उनका भुगतान नहीं किया. ऐसे में उन्होंने शहर में बसों का संचालन बंद करने की चेतावनी दी है.
बंद बसों का संचालन कराया
जेसीटीएसएल के एमडी श्यामलाल गुर्जर की कार्यशैली से बसों का संचालन करने वाली कंपनी के अधिकारियों में नाराजगी है. सोमवार शाम को विद्याधर नगर और टोडी डिपो की करीब 300 बसों के पहिए थम गए. लेकिन, पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए बसों का संचालन शुरू करा दिया. उधर इस पूरे मामले को लेकर मेयर और जेसीटीएसएल के चेयरमैन विष्णु लौटा ने आचार संहिता का हवाला देते हुए कहा कि, फिलहाल इस संबंध में किसी तरह की बैठक नहीं की जा सकती और ना ही कोई बीच का रास्ता निकाला जा सकता.
विवाद गहराता जो गहराता जा रहा
आपको बता दें कि जेसीटीएसएल के एमडी ने मातेश्वरी कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार को भेज दी है. साथ ही कंपनी की बैंक गारंटी जब्त करने के लिए बैंक प्रबंधन को भी पत्र लिखा गया है. एक ही दिन में कंपनी के खिलाफ 2013 से लेकर 2019 तक 20 करोड़ की रिकवरी निकाली गई है. साथ ही टोडी डिपो में खड़ी 102 बसों में से अनाधिकृत रूप से स्पेयर पार्ट्स निकालने और दो बसों को जलाने को लेकर कंपनी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. जिसकी वजह से अब ये विवाद गहराता जा रहा है.