बूंदी. जिले में शराब माफियाओं का आंतक इस कदर बढ़ता जा रहा है कि अब महिलाएं और छात्राएं भी सुरक्षित नहीं है. जिले के ऐबरा गांव में शराबियों शराबी अवैध रूप से संचालित ठेके के सामने बैठकर मार्ग से गुजरती महिलाओं और स्कूल की छात्राओं से छेड़छाड़ करते हैं. शराबियों के उत्पात से परेशान ग्रामीणों ने सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया और समस्या के निराकरण नहीं होने पर स्कूली प्रवेश उत्सव के बहिष्कार की चेतावनी दी.
बिना परमिशन चला रहा दूसरा ठेका
प्रदर्शन में शामिल होने आई महिलाओं ने आरोप लगाया कि पंचायत के शराब ठेकेदार ने अपना दूसरा शराब ठेका खोल लिया जिसकी किसी से कोई परमिशन नहीं ली. खुले आम अवैध शराब बेची जा रही है जिससे शराबी आए दिन महिलाओं से गाली-गलौज करते हैं. वहीं एक छात्रा ने कहा कि स्कूल जाते वक्त उन्हें शराबियों द्वारा छेड़ा जाता है, सिटियां बजाई जाती है.
प्रवेश उत्सव के बहिष्कार की चेतावनी
ग्रामीणों ने गावं में अवैध रूप से संचालित शराब ठेके को तत्काल बंद करने की मांग की. शराबी आए दिन महिलाओं के साथ गाली-गलौज कर रहे है. इस और प्रशासन बेसुध बैठा है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर हमारी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो हम इस वर्ष हो रहे प्रवेश उत्सव का बहिष्कार करेंगे और हमारी छात्राओं को स्कूल नहीं जाने देंगे.
आर-पार की लड़ाई के लामबंद ग्रामीण
जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीणों की सुनवाई नहीं की जा रही है जिससे ग्रामीण अब आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है. वहीं सबसे ज्यादा परेशानी शराबियों को से महिलाओं और छात्राओं को है . क्योंकि उन्हें शराबी आए दिन परेशान करते हैं तरह-तरह की गाली गलौज कर उन्हें बेइज्जत करते हैं. यहां तक की छात्राओं को भी अब स्कूल जाने तक में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जानकारी के अनुसार 13 मई को गावं के लोगों ने जिला कलेक्टर को कार्रवाई के लिए शिकायत की थी जिसके बाद आबकारी टीम व पुलिस ने शराब जब्त कर दुकान को सीज कर दिया था. इसके बावजूद शराब ठेका फिर से मिलीभगत कर शुरू हो गया. यही नहीं उक्त ठेकेदार ने अन्य जगह भी शराब बेचना शुरू कर दिया है जो कि कलेक्टर के आदेश की अवहेलना है.
शराब मुक्त पंचायत की रखी मांग
गांव वालों ने चेताया कि अगर एक-दो दिन में प्रशासन शराब ठेके को नहीं हटाता है तो ग्रामीण अपने स्तर पर कार्रवाई करेंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. प्रदर्शन में काफी महिलाएं शामिल थीं. महिलाओं का कहना था कि शराब ठेके के कारण युवा बर्बाद हो रहे हैं, महिलाओं की सुरक्षा को खतरा है. बंबोरी पंचायत को ही शराब मुक्त किया जाए. कार्रवाई नहीं हुई तो गांव में अशांति फैल सकती है.