बूंदी. पिछले 8 महीने से सऊदी अरब के यम्बू शहर में बंधक रहे राजस्थान के निवासी दोनों भारतीय नागरिक जयपुर एयरपोर्ट पहुंचे तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बूंदी जिले के निवासी गफ्फार और भरतपुर जिले के निवासी विश्राम जाटव गुरुवार को जयपुर पहुंचे. इन बंधकों की रिहाई के लिए चार महीने से लगातार प्रयास किया जा रहा था.
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चार वर्ष के लंबे अंतराल के बाद जैसे ही दोनों भारतीयों ने मातृभूमि पर कदम रखा दोनों भावुक होकर जोर-जोर से भारत माता की जय और वन्दे मातरम के नारे लगाने लगे. इसके बाद कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा और प्रवासी सहायता टीम के सदस्य रोहित शर्मा के साथ दोनों बूंदी पहुंचे. बूंदी पहुंचने पर भारतीय नागरिकों का शहर के लोगों ने माल्यार्पण कर स्वागत किया.
हमने वापसी की उम्मीद छोड़ दी थी...
विश्राम जाटव और गफ्फार ने कहा कि एक समय तो हमने वापसी की उम्मीद छोड़ दी थी क्योंकि दूसरे देशों के कुछ लोगों को तो सऊदी कंपनी ने 14 महीने से भी अधिक समय से अभी भी बंधक बना रखा है. कुछ दिन पूर्व कंपनी के एचआर ने हमें धमकी देकर कहा कि कुछ भी कर लो तुम्हें एक वर्ष तक नहीं भेजेंगे.
सोचता था बच्चों से भी मिल पाऊंगा या नहीं...
बूंदी जिले के नैनवा निवासी गफ्फार की 4 वर्षीय बेटी अशरा और दोनों बच्चे भी अपने पापा को देखने कलेक्ट्रेट आ गए थे. गफ्फार जब सऊदी अरब गए थे तो छोटी बेटी मात्र एक वर्ष की थी. पिता ने कहा कि सोचता था कि अब अपने बच्चों से भी मिल पाऊंगा या कभी नहीं मिल पाऊंगा.
यह है पूरा मामला...
गौरतलब है कि रोजगार की आस में विश्राम जाटव और गफ्फार कुछ वर्ष पूर्व सऊदी अरब गए थे. सऊदी अरब के यम्बू स्थित एक कम्पनी में अक्टूबर 2020 में 2 वर्ष का वर्क एग्रीमेंट पूरा होने पर दोनों ने स्वदेश आने की इच्छा जताई तो कंपनी ने इन्हें भारत भेजने के बजाय वहीं पर बंधक बना लिया था. इसके बाद मार्च में दोनों ने विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिए कार्य करने वाले कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा को वीडियो भेजकर अपनी पीड़ा बताई थी.
यह पहला मामला नहीं...
बता दें, सऊदी अरब में भारतीयों को बंधक बनाने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पूर्व भी मध्य प्रदेश के हरदा जिले के निवासी रीना गहलोद अपने परिवार की आर्थिक स्थिति से परेशान होकर सऊदी अरब चली गई थी, वहां 11 महीने में रीना को घर से बाहर नहीं जाने दिया गया था. इस मामले में भी चर्मेश शर्मा ने प्रयास किया था और रीना की भारत वापसी करवाई थी.