बूंदी. ग्रामीण इलाके में एक पत्थर की खदान में डूबने से दो सगे भाइयों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि एक भाई के डूबने पर दूसरे ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन वह भी उस खदान में डूब गया. इस मामले में आक्रोशित ग्रामीणों ने शवों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
सदर थाना क्षेत्र के ग्राम असतोली में दो भाई रोजाना की तरह मंगलवार को मवेशियों को चराने जंगल में निकले थे. इस दौरान पैर फिसलने से एक भाई खदान में भरे पानी में डूब गया. इसी दौरान दूसरा भाई खदान में डूबे भाई को बचाने का प्रयास करने लगे. इस दौरान वह भी खदान में गिर गया. जिसके बाद दोनों भाइयों की डूबकर मौत हो गई.
यह भी पढ़ें. उदयपुर में सड़क हादसा: अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर, पिता-पुत्र की मौत
सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों सगे भाइयों के शवों को पानी से भरी खदान से निकाला. सदर थाना प्रभारी संदीप शर्मा ने बताया कि मृतकों में असतोली निवासी 12 साल का दीपक उर्फ दीपू और 9 साल का हंसराज उर्फ हंस शामिल है. मृतकों के शव को जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया. जहां पर दोनों शवों का पोस्टमार्टम कर दिया गया है. मौत के बाद गांव में शोक की लहर डूब गई.
यह भी पढ़ें. जयपुर में फार्म पौंड में डूबने से 10 साल के बच्चे की मौत
मृतक के पिता लटूरलाल ने बताया कि उसके दो ही बेटे थे. अब घर के चिराग ही बुझ गए. ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध खनन के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं होने की वजह से यह हादसा घटित हुआ है. ग्रामीण इससे पहले कई बार अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं लेकिन अवैध खनन कर्ताओं के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई है. दोनों शवों का पोस्टमार्टम होने के बाद ग्रामीण सब उठाने को तैयार नहीं थे.
ग्रामीणों की मांग कि जब तक अवैध खननकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती और मृतक आश्रित को मुआवजा नहीं मिलता, वे जिला अस्पताल की मोर्चरी से शवों को नहीं उठाएंगे. मौके पर एहतियात के तौर पर तहसीलदार समेत पुलिस जाब्ता भी मौजूद है.