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बूंदीः चम्बल नदी की चपेट में आया 200 साल पुराना शिव मंदिर, 20 फीट बजरी की चादर आ जमी - बूंदी के शिव मंदिर पर बिछी 20 फीट बजरी की चादर

बूंदी में चम्बल नदी के किनारे स्थित करीब दो सौ साल पुराने शिव मंदिर चम्बल के रौद्र रूप की चपेट में आ गया. गत माह चम्बल नदी में कोटा बैराज के 13 साल बाद सभी गेट खोलकर 6.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिससे शिव मंदिर के ऊपर करीब बीस फिट की बजरी की चादर आ जमी है.

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चम्बल नदी की चपेट में आया 200 साल पुराना शिव मंदिर
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Published : Dec 3, 2019, 4:00 AM IST

केशवरायपाटन(बूंदी). यूं तो शिव जी गंगा को अपनी जटाओं में धारण किये हुए हैं. लेकिन केशवराय पाटन उपखण्ड के रोटेदा गांव में चम्बल नदी का रौैद्र रुप दिखा. दरअसल गांव के समीप से होकर निकल रही चम्बल नदी के किनारे स्थित करीब दो सौ साल पुराने शिव मंदिर में स्थापित शिव परिवार चम्बल के रौद्र रूप की चपेट में आ गया.

चम्बल नदी की चपेट में आया 200 साल पुराना शिव मंदिर

हुआ यूं कि गत माह चम्बल नदी में कोटा बैराज के 13 साल बाद सभी गेट खोलकर 6.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिस वजह से चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर गई. स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि कई गांव जलमग्न हो गए. मकान तक डूब गए हैं. दहशत के चलते तटवर्ती गांवों के लोग अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले गए.

पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्ट : हाथ से ही उखड़ रही सड़क, 1 हफ्ते भी नहीं टिका घटिया सामग्री से किया पैचवर्क

इसी गांव में स्थित करीब 200 साल पुराने शिव मंदिर पर चम्बल की बाढ़ के पानी की वजह से करीब बीस फिट की बजरी की चादर आ जमी. जिससे मंदिर में स्थापित शिव परिवार भूगर्भित हो गया. इसके बाद रोटेदा कस्बे के ही करीब दो दर्जन युवाओं ने बजरी के नीचे दबे शिव परिवार को निकालने का साहस जुटाया. युवा रोजाना सुबह करीब तीन चार घंटे श्रमदान कर बजरी को हटाने में जुटे हुए है. जिन्होंने करीब सत्रह फिट बजरी हटा दी है.

पढ़ेःनेत्र दान करने में पीछे नहीं रहेंगी बूंदी की महिलाएं, लिया संकल्प

मन्दिर के पुजारी जितेंद्र गोस्वामी ने बताया कि रोटेदा-मंडावरा के बीच श्मशान घाट के समीप चम्बल नदी के तट पर करीब दो सौ साल पुराना चंबलेश्वर महादेव और सिद्धि विनायक गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है. यहां सालभर जल प्रपात गिरता है. वहीं, लोगो की मान्यता है की जब इलाके में बरसात नही होती तो चंबलेश्वर महादेव के अखण्ड ज्योत रखने से अच्छी बरसात होती है. मंदिर के उपर से बजरी हटाने हटाने के लिए गांव के पुजारी जितेन्द्र गोस्वामी, मनीष सुमन,भागीरथ जाट,धीरज तिवारी सहित अन्य गांव वाले प्रयास कर रहे है.

केशवरायपाटन(बूंदी). यूं तो शिव जी गंगा को अपनी जटाओं में धारण किये हुए हैं. लेकिन केशवराय पाटन उपखण्ड के रोटेदा गांव में चम्बल नदी का रौैद्र रुप दिखा. दरअसल गांव के समीप से होकर निकल रही चम्बल नदी के किनारे स्थित करीब दो सौ साल पुराने शिव मंदिर में स्थापित शिव परिवार चम्बल के रौद्र रूप की चपेट में आ गया.

चम्बल नदी की चपेट में आया 200 साल पुराना शिव मंदिर

हुआ यूं कि गत माह चम्बल नदी में कोटा बैराज के 13 साल बाद सभी गेट खोलकर 6.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिस वजह से चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर गई. स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि कई गांव जलमग्न हो गए. मकान तक डूब गए हैं. दहशत के चलते तटवर्ती गांवों के लोग अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले गए.

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इसी गांव में स्थित करीब 200 साल पुराने शिव मंदिर पर चम्बल की बाढ़ के पानी की वजह से करीब बीस फिट की बजरी की चादर आ जमी. जिससे मंदिर में स्थापित शिव परिवार भूगर्भित हो गया. इसके बाद रोटेदा कस्बे के ही करीब दो दर्जन युवाओं ने बजरी के नीचे दबे शिव परिवार को निकालने का साहस जुटाया. युवा रोजाना सुबह करीब तीन चार घंटे श्रमदान कर बजरी को हटाने में जुटे हुए है. जिन्होंने करीब सत्रह फिट बजरी हटा दी है.

पढ़ेःनेत्र दान करने में पीछे नहीं रहेंगी बूंदी की महिलाएं, लिया संकल्प

मन्दिर के पुजारी जितेंद्र गोस्वामी ने बताया कि रोटेदा-मंडावरा के बीच श्मशान घाट के समीप चम्बल नदी के तट पर करीब दो सौ साल पुराना चंबलेश्वर महादेव और सिद्धि विनायक गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है. यहां सालभर जल प्रपात गिरता है. वहीं, लोगो की मान्यता है की जब इलाके में बरसात नही होती तो चंबलेश्वर महादेव के अखण्ड ज्योत रखने से अच्छी बरसात होती है. मंदिर के उपर से बजरी हटाने हटाने के लिए गांव के पुजारी जितेन्द्र गोस्वामी, मनीष सुमन,भागीरथ जाट,धीरज तिवारी सहित अन्य गांव वाले प्रयास कर रहे है.

Intro:बूंदी जिले के केशवराय पाटन उपखण्ड क्षेत्र के रोटेदा गांव के समीप होकर निकल रही चम्बल नदी के किनारे स्थित करीब दो सौ साल पुराने शिव मंदिर में स्थापित शिव परिवार चम्बल के रौद्र रूप की चपेट में आ गया।हुआ यूं कि गत माह चम्बल नदी में कोटा बैराज के 13 साल बाद सभी गेट खोलकर 6.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर गई थी।जिससे गांव जलमग्न हो गए। थे।जैसे तैसे अब होश संभाला तो शिव मंदिर की ओर ध्यान आकर्षित हुआ।चम्बल की बाढ़ में शिव मंदिर के ऊपर करीब बीस फिट की बजरी की चादर आ जमी।जिससे शिव परिवार भूगर्भित हो गया।Body:केशवरायपाटन(बूंदी).यू तो शिव जी गंगा को जटा में धारण किये हुए है।परंतु केशवराय पाटन उपखण्ड के रोटेदा गांव के समीप होकर निकल रही चम्बल नदी के किनारे स्थित करीब दो सौ साल पुराने शिव मंदिर में स्थापित शिव परिवार चम्बल के रौद्र रूप की चपेट में आ गया।हुआ यूं कि गत माह चम्बल नदी में कोटा बैराज के 13 साल बाद सभी गेट खोलकर 6.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर गई थी।स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि कई गांव जलमग्न हो गए।मकान तक डूब गए हैं। दहशत के चलते तटवर्ती गांवों के लोग अपना घर-वार छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जा पहुचे थे।लोगो ने जैसे तैसे अब होश संभाला तो शिव मंदिर की ओर ध्यान आकर्षित हुआ।चम्बल की बाढ़ में शिव मंदिर के ऊपर करीब बीस फिट की बजरी की चादर आ जमी।जिससे शिव परिवार भूगर्भित हो गया।

दो दर्जन ग्रामीण युवाओ ने उठाया बीड़ा,पन्द्रह दिन से कर रहे श्रमदान

रोटेदा कस्बे के ही करीब दो दर्जन युवाओ ने बजरी के नीचे दबे शिव परिवार को निकालने का साहस जुटाया।युवा रोजाना सुबह करीब तीन चार घण्टे श्रमदान कर बजरी को हटाने में जुटे हुए है।जिन्होंने करीब सत्रह फिट बजरी हटा दी है।


क्षेत्रीय लोगो की आस्था का केंद्र है चंबलेश्वर महादेव का मंदिर

मन्दिर के पुजारी जितेंद्र गोस्वामी ने बताया कि रोटेदा-मंडावरा के बीच श्मशान घाट के समीप चम्बल नदी के तट पर करीब दो सौ वर्ष प्राचीन चंबलेश्वर महादेव व सिद्धि विनायक गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है।यहां सालभर जल प्रपात गिरता है।वही लोगो की मान्यता है की जब इलाके में बरसात नही होती तो चंबलेश्वर महादेव के अखण्ड ज्योत रखने से अच्छी बरसात की मान्यता है।

Conclusion:इन ग्रामीणों ने दिखाया उत्साह

पुजारी जितेन्द्र गोस्वामी, मनीष सुमन,भागीरथ जाट,धीरज तिवाड़ी,जमना शंकर सुमन,दिलकुश गुर्जर,सुरेंद्र मेहरा,जितेंद्र सावन्त,पंकज मालव,राधाकिशन गुर्जर, नंदबिहारी सेन,रणवीर गुर्जर,जोधराज सुमन,जितेंद्र गुर्जर, मुरारी केवट,रामभरोस केवट आदि के अथक प्रयास रहे।

बाईट-मनीष सुमन युवा श्रमवीर

बाईट-जितेंद्र गोस्वामी पुजारी शिव मंदिर

पीटीसी-मयंक जैन संवाददाता ईटीवी भारत केशवरायपाटन(बूंदी)
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