बूंदी. करीब 7 दिन पहले पश्चिम बंगाल के सिक्किम रोड पर तीस्ता नदी में एक कार गिर गई थी जिसमें बूंदी के 3 पर्यटक भी थे. तीनों का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है वहीं रेस्क्यु टीम की ओर से भी गंभीरता नहीं बरती जा रही जिससे उनका सुराग तो दूर डूबी हुई कार को भी नहीं निकाला गया. इससे आक्रोशित परिजनों ने ममता सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
दरअसल, बूंदी के 3 युवक मोबाइल की कंपनी के टूर पर गंगटोक जा रहे थे. तभी तीस्ता नदी में कार खाई से नीचे गिर गई. घटना में एक का शव तो बरामद कर लिया जबकि बूंदी के दो युवक सहित चालक का अभी तक पता नही लग पाया है. दोनों ही युवकों के परिजन तीस्ता नदी के किनारे टकटकी लगाकर पिछले कई दिनों से देख रहे है. उनको अभी भी अपनों के सही सलामत मिलने की उम्मीद है.
ममता सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन
नदी में रेस्क्यू टीम के ढुलमुल रवैये को परिजनों ने नाकाफी बताया. ममता सरकार पर पीड़ित परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा है कि सरकार हमारी मदद नहीं कर रही है. मंगलवार को बड़ी संख्या में परिजनों और आमजनों ने ममता सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करते हुए राजस्थान सरकार से मांग की है वह मदद कर उनकी तलाश करे. उनका आरोप है कि पश्चिम बंगाल सरकार कार ड्राइवर और बूंदी के दोनों युवकों की तलाशी के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं कर रही. इसी का परिणाम है कि 7 दिन बीत गए, कहीं से कोई खबर नहीं मिली रही. यहां तक की शनिवार को कार की लोकेशन मिल गई थी, जिसे भी अभी तक बाहर नहीं निकाला गया.
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने किया था फोन
उल्लेखनीय है कि बूंदी के कागदी देवरा निवासी 24 वर्षीय गोपाल नरवानी और देवपुरा निवासी 28 वर्षीय गौरव का अभी तक पता नहीं चला है. बूंदी के देवपुरा निवासी गौरव के परिजनों का कहना है कि किसी तरह की मदद नहीं मिल रही है. गौरव का छोटा भाई घटना स्थल पर मौजूद रहकर बार-बार यही कह रहा है कि रेस्क्यू के दौरान कोई गंभीरता नहीं बरती जा रही है. राजस्थान सरकार की ओर से भी मदद नहीं मिल रही है. केवल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का फोन आया था. जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार से मदद करने को कहा था. वहीं परिजनों को अभी भी विश्वास है कि उनके बच्चे सकुशल हैं. उल्लेखनीय है कि लापता गौरव की पत्नी मां बनने वाली है.
सिर्फ एक युवक का ही मिला है शव
बता दें कि नदी में बूंदी के दो युवक और कार चालक का पता नहीं लग पाया है. बूंदी के एक युवक अमन गर्ग का शव घटनास्थल से 40 किलोमीटर दूर मिल गया था लेकिन बाकी के शव अभी तक नहीं मिले है जिससे परिजनों को चिंता सताए जा रही है. पिछले दिनों से एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू चला रही थी लेकिन अब तो उन्होंने ने भी हाथ खड़े कर दिए है. प्रशासन ने मंगलवार से ही सेना के हवाले रेस्क्यू करने का आश्वासन दिया है.