बूंदी. बाबा बजरंगदास आश्रम में इस बार सामूहिक हनुमान चालीसा का आयोजन नहीं होगा. हर साल बाबा बजरंगदास आश्रम में डेढ़ लाख से अधिक हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन होता था. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते सामूहिक आयोजन नहीं हो पाएगा. समिति ने अब हर घर में हनुमान चालीसा का आयोजन करवाने की तैयारी की है और सभी लोगों को हनुमान चालीसा की बुक पहुंचाई जा रही है और इस बार भी डेढ़ लाख से अधिक हनुमान चालीसा का पाठ करवाने की बात कही जा रही है.
बिहार के दशरथ मांझी की तर्ज पर बूंदी के बाबा बजरंग दास ने भी पहाड़ के बीचों बीच से रास्ता बना दिया था. रास्ते के निर्माण होने के कुछ महीनों बाद ही बाबा का निधन हो गया था. जिसके बाद से शहर के युवाओं की तरफ से हर साल बाबा की याद में हनुमान चालीसा का पाठ का आयोजन किया जाता है. सामूहिक रूप से बाबा की याद में हनुमान चालीसा का आयोजन शहर के बाणगंगा रोड स्थित नृसिंग आश्रम (बाबा बजरंगदास आश्रम) में किया जाता है.
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लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण आयोजन फीका पड़ता नजर आ रहा है. समिति ने सभी लोगों को बाबा बजरंग दास की एक तस्वीर भेंट की है और बाबा बजरंग दास की तस्वीर के सामने हनुमान चालीसा के पाठ को करने का आग्रह किया गया है. समिति के अध्यक्ष भरत शर्मा ने बताया कि हनुमान चालीसा पाठ करने से कई तरह की समस्याएं हल हो जाती हैं. किसानों की फसलें अच्छी होती हैं. मानसून भी अच्छा रहता है.
बाबा बजरंग दास समिति ने शनिवार को हनुमान चालीसा के पाठ की डायरियों और बाबा के पोस्टर का विमोचन किया. अब यह पोस्टर और डायरियां सभी घरों में पहुंचाई जाएंगी और एक डायरी में करीब 11 सौ से अधिक हनुमान चालीसा के पाठ करने की संख्या लिखी गई है. इस काम के लिए समिति में लोगों को जोड़ा गया है. समिति के लोग घर-घर जाकर बुक्स को पहुंचाएंगे.