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संवैधानिक एवं वैधानिक अधिकार केवल विधानसभा अध्यक्ष के पास, फैसला हमारे पक्ष में होगा: हरिमोहन शर्मा - etv bharat hindi news

राजस्थान में सियासी दंगल जारी है. यहां कांग्रेस पार्टी के विधायकों को व्हिप जारी करने के बाद भी बैठक में शामिल नहीं होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने करीब 19 विधायकों को नोटिस जारी किया था. नोटिस जारी करने के बाद कुछ विधायकों ने राजस्थान हाईकोर्ट में नोटिस को अवैधानिक ठहराते कोर्ट में याचिका लगाई है. इस मामले में सोमवार तक सुनवाई हो सकती है.

Rajasthan Legislative Assembly Speaker
राजस्थान सियासी हलचल...
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Published : Jul 17, 2020, 8:55 PM IST

बूंदी. राजस्थान में सियासी घमासान जारी है. अब पूरा मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधायकों को व्हिप जारी कर बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर नोटिस जारी किए थे. जिसको असंवैधानिक ठहराते हुए विधायकों ने मामले को राजस्थान हाईकोर्ट तक पहुंचा दिया और नोटिस रद्द करने की मांग की है. राजस्थान हाईकोर्ट में 2 दिनों तक चली बहस के बाद सोमवार तक राजस्थान हाईकोर्ट को स्थगित कर दिया है और उसके बाद फैसला कोर्ट में विचाराधीन है.

राजस्थान सियासी हलचल...

इस मामले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक संघ के अध्यक्ष हरिमोहन शर्मा का कहना है कि जो पार्टी के व्हिप जारी करने के बाद भी विधायक शामिल नहीं हुए थे. उन सभी विधायकों को राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी द्वारा नोटिस दिया गया है. जो पूरी तरह से संवैधानिक है और वैधानिक है. उन्होंने कहा कि इसका अधिकार भी राजस्थान के विधानसभा के अध्यक्ष को ही है. लेकिन कुछ विधायक कोर्ट में चले गए हैं तो इस मामले में अब कोर्ट जो निर्णय करेगा, वह सब को सर्वमान्य होगा.

पढ़ेंः बागी विधायकों का मामलाः स्पीकर सीपी जोशी मंगलवार तक नहीं करेंगे कार्रवाई

उन्होंने कहा कि यदि फैसला किसी के पक्ष में विपक्ष में आता है तो उसे आगे सर्वोच्च न्यायालय में पिटिशन दाखिल करने का भी अधिकार होगा. उसके लिए हमें राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करना होगा. हरिमोहन शर्मा ने साफ तौर से कहा कि यह बात कोर्ट भी जानता है कि विधायकों को नोटिस देना और उनकी सदस्य को रद्द करना केवल अधिकार विधानसभा के अध्यक्ष कोई है. उन्होंने राजस्थान की सरकार को गिराने का आरोप बीजेपी पर लगाते हुए कहा है कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व और संगठन हमारी सरकार को गिराने में लगे हुए थे. उनके सभी मंसूबे राजस्थान सरकार ने कामयाब नहीं होने दिए.

बूंदी. राजस्थान में सियासी घमासान जारी है. अब पूरा मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधायकों को व्हिप जारी कर बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर नोटिस जारी किए थे. जिसको असंवैधानिक ठहराते हुए विधायकों ने मामले को राजस्थान हाईकोर्ट तक पहुंचा दिया और नोटिस रद्द करने की मांग की है. राजस्थान हाईकोर्ट में 2 दिनों तक चली बहस के बाद सोमवार तक राजस्थान हाईकोर्ट को स्थगित कर दिया है और उसके बाद फैसला कोर्ट में विचाराधीन है.

राजस्थान सियासी हलचल...

इस मामले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक संघ के अध्यक्ष हरिमोहन शर्मा का कहना है कि जो पार्टी के व्हिप जारी करने के बाद भी विधायक शामिल नहीं हुए थे. उन सभी विधायकों को राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी द्वारा नोटिस दिया गया है. जो पूरी तरह से संवैधानिक है और वैधानिक है. उन्होंने कहा कि इसका अधिकार भी राजस्थान के विधानसभा के अध्यक्ष को ही है. लेकिन कुछ विधायक कोर्ट में चले गए हैं तो इस मामले में अब कोर्ट जो निर्णय करेगा, वह सब को सर्वमान्य होगा.

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उन्होंने कहा कि यदि फैसला किसी के पक्ष में विपक्ष में आता है तो उसे आगे सर्वोच्च न्यायालय में पिटिशन दाखिल करने का भी अधिकार होगा. उसके लिए हमें राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करना होगा. हरिमोहन शर्मा ने साफ तौर से कहा कि यह बात कोर्ट भी जानता है कि विधायकों को नोटिस देना और उनकी सदस्य को रद्द करना केवल अधिकार विधानसभा के अध्यक्ष कोई है. उन्होंने राजस्थान की सरकार को गिराने का आरोप बीजेपी पर लगाते हुए कहा है कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व और संगठन हमारी सरकार को गिराने में लगे हुए थे. उनके सभी मंसूबे राजस्थान सरकार ने कामयाब नहीं होने दिए.

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