बूंदी. शहर में मेडिकल कॉलेज की भूमि को लेकर हो रही सियासी जंग के बाद अब एक और बड़ी खबर सामने यह आई है कि भूमि आवंटन होने के बाद भी राज्य सरकार एक टीम भेजकर भूमि के लिए स्थान देखेगी और अब नए सिरे से ही भूमि का आवंटन होगा.
बता दें कि बूंदी और हिंडोली विधानसभा में मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर बूंदी में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं में सियासी जंग हो रही थी. ऐसे में इस जंग के बाद जिला कलेक्टर की ओर से भूमि को हिंडोली विधानसभा में आवंटन कर दिया गया था जिसके चलते हिंडोली विधानसभा में जाने से बूंदी वासियों ने आक्रोश जताया था और अलग-अलग संस्थाओं की ओर से इसका विरोध किया गया था. उसके बाद अब राज्य सरकार ने टीम बनाकर आवंटन की प्रक्रिया नए सिरे से करने के आदेश जारी किए हैं.
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बूंदी में राज्य सरकार की ओर से हाल ही में ही मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति जारी होने के बाद बूंदी में मेडिकल कॉलेज के लिए प्रशासन ने भूमि देखी थी. ऐसे में प्रशासन को भूमि के आदेश राज्य सरकार को भिजवाने थे लेकिन आखिरकार मेडिकल कॉलेज कहां खुले इसको लेकर संशय बना हुआ था. मेडिकल कॉलेज बूंदी में खुलेगा या कहीं और इसको लेकर में गतिरोध होना शुरू हो गया था. यहां पर एक ओर खेल मंत्री अशोक चांदना का गढ़ हिंडोली था तो दूसरी ओर पूर्व वित्त मंत्री हरिमोहन शर्मा का गढ़ बूंदी जिसके चलते संघर्ष साफ तौर से देखा जा रहा था. ऐसे में जिला कलेक्टर ने दौरा कर खेल मंत्री के विधानसभा क्षेत्र हिंडोली के पास स्थित तालाब गांव में भूमि को आवंटित कर दिया था.
राज्य सरकार ने समाप्त किया गतिरोध
यहां पर 63 बीघा भूमि को आवंटित करने के बाद बूंदी में सियासी जंग शुरू हुई और बूंदी वासियों ने हिंडोली में मेडिकल कॉलेज चले जाने का विरोध करना शुरू कर दिया और सड़कों पर उतर आए. यहां पर विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से मेडिकल कॉलेज का हिंडोली में ले जाने का विरोध किया तो हिंडोली में लोगों ने मंत्री की वाहवाही की. लेकिन अब इस मामले को लेकर बड़ी खबर यह सामने आ रही है कि राज्य सरकार ने पूरे गतिरोध को समाप्त करने की कोशिश की है. राज्य सरकार ने चिकित्सा विभाग की एक टीम को तैयार किया गया है जहां पर टीम खुद जाकर भूमि देखेगी और नवीन मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए भूमि को तलाशेगी. इसके लिए एक दल जिला मुख्यालय पर भ्रमण कर एमसीआई के मानकों के अनुसार आवश्यक भूमि की एवं जिला चिकित्सालय के जाने की संभावना का परीक्षण करेगा. इसके लिए राज्य सरकार ने डॉक्टर महावत डॉ रश्मि गुप्ता को नियुक्त किया गया है जो बूंदी में कभी भी दौरा कर सकते हैं और भूमि को देखेंगे. बता दें कि राज्य सरकार ने हाल ही में ही राजस्थान में 7 मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा की थी जिसमें बूंदी का नाम भी शामिल था.
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कॉलेज जिला मुख्यालय को ही मिले : पूर्व वित्त मंत्री
राज्य सरकार की ओर से यह घोषणा किए जाने के बाद सोमवार को पूर्व वित्त मंत्री हरिमोहन शर्मा पत्रकारों से रूबरू हुए जहां उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज बूंदी जिला मुख्यालय पर ही खोलना चाहिए. यह बूंदी का हक है और बूंदी को ही मिलेगा. उन्होंने कहा कि बूंदी के लिए जमीन सुझाव हेतु आमजन टीम को इसको लेकर अवगत करवाएं और टीम जो मेडिकल कॉलेज के लिए मानकों पर खरा उतरेगी वहीं जगहों को टीम फाइनल करेगी. राज्य सरकार की टीम जिला कलेक्टर के साथ मिलकर उस जगह को देखेगी. लेकिन हाल ही में जिला कलेक्टर की ओर से जो तलाव गांव में भूमि का आवंटन किया गया है वह भूमि का आवंटन अब लगभग लगभग निरस्त होने की जानकारी में आया है.
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अब बूंदी की जो आधा दर्जन चिह्नित जगह है वहां का दौरा वह राज्य सरकार की टीम करेगी और फिर नए सिरे जमीन का आवंटन होगा. इस खबर के बाद बूंदी वासियों ने राहत महसूस की है जो अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे थे. बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री हरिमोहन शर्मा ने राज्य सरकार से काफी संघर्ष कर बूंदी के लिए मेडिकल कॉलेज खुलवाने की अपील की थी. ऐसे में राज्य सरकार ने बूंदी में मेडिकल कॉलेज खोलने के आदेश जारी किए. वहीं आदेश जारी होने के बाद बूंदी में मेडिकल कॉलेज में नहीं खुलकर हिंडोली विधानसभा में मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव जैसे ही जारी हुए तो समर्थकों सहित बूंदी की जनता में आक्रोश व्याप्त हो गया. लेकिन अब आक्रोश को देखते हुए राज्य सरकार ने टीम का गठन किया है और वह टीम जाकर नई भूमि देखेगी तो लोगों ने राहत महसूस की है.