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स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी के बाण गंगा पहाड़ी पर स्थित चौथ माता मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

बूंदी में बाण गंगा पहाड़ी पर स्थित चौथ माता मंदिर में सोमवार को तिल चौथ मेला आयोजित हुआ. जिसमें भारी संख्या में भक्तों का सैलाब माता के मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ा. सर्दी भी भक्तों के आगे फीकी नजर आई है. बता दें कि यहां पर प्राचीन समय से ही माता का मंदिर पहाड़ी पर स्थित है. लोगों की आस्था माता पर इस तरीके से है कि लोग रात्रि से ही यहां पर माता के मंदिर में पहुंचकर दर्शन कर रहे हैं. देखिए बूंदी से स्पेशल रिपोर्ट..

Chauth Mata temple in Bundi, Bundi Chauth Mata temple
बूंदी में चौथ माता का मंदिर
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Published : Jan 13, 2020, 6:57 PM IST

बूंदी. चौथ माता मंदिर बूंदी और हड़ौती के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. बाणगंगा स्थित पहाड़ी पर चौथ माता मंदिर में 2 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होते हैं. करवा चौथ, तिल चौथ दोनों ही पर्व पर यहां पर श्रद्धा का सैलाब उमड़ा रहता है. इस पावन पर्व पर यहां मेला भी आयोजित किया जाता है. जहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते है.

बूंदी में चौथ माता के मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब

चौथ माता मंदिर में मेला आयोजित
मंदिर परिसर में सोमवार को तिल चौथ का मेला आयोजित किया गया. इस मौके पर जिले सहित आसपास व दूरदराज के सैकड़ों लोग दर्शन करने पहुंचे. गलन होने पर भी श्रद्धालुओं की रफ्तार धीमी नहीं हुई. माता के जयकारों के साथ श्रद्धालु माता के दरबार पहुंचे और मत्था टेका और मन्नत मांगी. वहीं मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी रहे. पुलिस अधिकारी भी निगरानी रखते हुए नजर आए. भक्तों का मंदिर में पहुंचने का सिलसिला देर रात्रि से ही जारी हो गया था. पैदल यात्री माता के दरबार में रात से ही पहुंचना शुरू हो गए थे. इसको देखते हुए प्रशासन ने रात्रि से ही व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद कर लिया.

पढ़ें- स्पेशल: इस मंदिर में होती है माता की पीठ की पूजा, 400 सालों से अखंड ज्योत

रास्ते से लेकर मंदिर तक श्रद्धालुओं का तांता
यहां पर शहर के मीरा गेट से होते हुए जैतसागर और बाणगंगा रोड होते हुए माता के दरबार में पैदल ही पहुंच रहे थे. इस दौरान प्रशासन ने वाहनों की आवाजाही को बंद कर दिया. उधर, फुलसागर रोड से भी श्रद्धालुओं का तांता देखा गया, यहां पर भी श्रद्धालु डीजे पर माता के गानों के साथ नाच गाते हुए माता के मंदिर में पहुंचे. बाणगंगा पर मंदिर पहाड़ी पर स्थित है, ऐसे में यहां पर वाहन एवं पैदल यात्रियों के लिए अलग से माता के दरबार में पहुंचने के लिए व्यवस्था है.

पढ़ें- यहां माता अंजनी की गोद में विराजमान हैं बाल हनुमान

ऐसे हुई माता की स्थापना
गौरतलब है कि प्राचीन समय से माता का मंदिर पहाड़ी पर स्थित है और चौथ माता, राजाओं के जमाने से ही अपना चमत्कार दिखाती हुई आई है और उसी चमत्कार के कारण बूंदी और हाड़ौती के आसपास में रहने वाले इलाके के लोगों का आस्था का केंद्र बन गई है और हर वर्ष माता के भक्तों में इजाफा होता हुआ जा रहा है. करीब यहां पर आज भी 2 लाख से अधिक श्रद्धालु ने माता के मंदिर में हजारी लगाई है. बताया जाता है कि सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में स्थित माता के मंदिर में बूंदी के राजा वहां दर्शन करने जाया करते थे, लेकिन जब राजा बुजुर्ग हो गए और उनकी मंदिर आने की हिम्मत नहीं रही तो, उस समय चौथ के बरवाड़ा की माता के प्रतिरूप को राजा बूंदी लेकर आ गए और माता के मंदिर की स्थापना बूंदी के बाणगंगा स्थित पहाड़ी पर कर दी. तब ही से ही चौथ माता मंदिर को यहां पर पूजा जाने लगा और माता की आस्था बरकरार है.

बूंदी. चौथ माता मंदिर बूंदी और हड़ौती के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. बाणगंगा स्थित पहाड़ी पर चौथ माता मंदिर में 2 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होते हैं. करवा चौथ, तिल चौथ दोनों ही पर्व पर यहां पर श्रद्धा का सैलाब उमड़ा रहता है. इस पावन पर्व पर यहां मेला भी आयोजित किया जाता है. जहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते है.

बूंदी में चौथ माता के मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब

चौथ माता मंदिर में मेला आयोजित
मंदिर परिसर में सोमवार को तिल चौथ का मेला आयोजित किया गया. इस मौके पर जिले सहित आसपास व दूरदराज के सैकड़ों लोग दर्शन करने पहुंचे. गलन होने पर भी श्रद्धालुओं की रफ्तार धीमी नहीं हुई. माता के जयकारों के साथ श्रद्धालु माता के दरबार पहुंचे और मत्था टेका और मन्नत मांगी. वहीं मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी रहे. पुलिस अधिकारी भी निगरानी रखते हुए नजर आए. भक्तों का मंदिर में पहुंचने का सिलसिला देर रात्रि से ही जारी हो गया था. पैदल यात्री माता के दरबार में रात से ही पहुंचना शुरू हो गए थे. इसको देखते हुए प्रशासन ने रात्रि से ही व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद कर लिया.

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रास्ते से लेकर मंदिर तक श्रद्धालुओं का तांता
यहां पर शहर के मीरा गेट से होते हुए जैतसागर और बाणगंगा रोड होते हुए माता के दरबार में पैदल ही पहुंच रहे थे. इस दौरान प्रशासन ने वाहनों की आवाजाही को बंद कर दिया. उधर, फुलसागर रोड से भी श्रद्धालुओं का तांता देखा गया, यहां पर भी श्रद्धालु डीजे पर माता के गानों के साथ नाच गाते हुए माता के मंदिर में पहुंचे. बाणगंगा पर मंदिर पहाड़ी पर स्थित है, ऐसे में यहां पर वाहन एवं पैदल यात्रियों के लिए अलग से माता के दरबार में पहुंचने के लिए व्यवस्था है.

पढ़ें- यहां माता अंजनी की गोद में विराजमान हैं बाल हनुमान

ऐसे हुई माता की स्थापना
गौरतलब है कि प्राचीन समय से माता का मंदिर पहाड़ी पर स्थित है और चौथ माता, राजाओं के जमाने से ही अपना चमत्कार दिखाती हुई आई है और उसी चमत्कार के कारण बूंदी और हाड़ौती के आसपास में रहने वाले इलाके के लोगों का आस्था का केंद्र बन गई है और हर वर्ष माता के भक्तों में इजाफा होता हुआ जा रहा है. करीब यहां पर आज भी 2 लाख से अधिक श्रद्धालु ने माता के मंदिर में हजारी लगाई है. बताया जाता है कि सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में स्थित माता के मंदिर में बूंदी के राजा वहां दर्शन करने जाया करते थे, लेकिन जब राजा बुजुर्ग हो गए और उनकी मंदिर आने की हिम्मत नहीं रही तो, उस समय चौथ के बरवाड़ा की माता के प्रतिरूप को राजा बूंदी लेकर आ गए और माता के मंदिर की स्थापना बूंदी के बाणगंगा स्थित पहाड़ी पर कर दी. तब ही से ही चौथ माता मंदिर को यहां पर पूजा जाने लगा और माता की आस्था बरकरार है.

Intro:बूंदी में बाणगंगा स्थित माता चौथ माता मंदिर परिसर में सोमवार को तिल चौथ मेला आयोजित हुआ जिसमें लाखों की संख्या में भक्तों का सैलाब माता के मंदिर में उमड़ा । जहां पर भक्तों ने टिटूरती हुई सर्दी में बिना थके जयकारे लगाते हुए माता के भक्त भजन पर नृत्य करते हुए चले और दिनभर माता का मंदिर में यह सैलाब उमड़ता रहा । यहां पर प्राचीन समय से ही माता का मंदिर पहाड़ी पर स्थित है और लोगों की आस्था माता पर इस तरीके से है कि लोग रात्रि से ही यहां पर माता के मंदिर में पहुंचकर दर्शन कर रहे हैं ।


Body:बूंदी - टिटूरती सर्दी में बिना थके जयकारे लगाते हुए माता के भक्त भजनों पर नृत्य करते हुए चले। माता की एक झलक पाने के लिए अपार उत्साह देखा गया। ऐसा ही भक्ति और श्रद्धा का सैलाब दिखाई पड़ा यहां बाणगंगा स्थित चौथ माता के दरबार में । पग-पग पर श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न संगठनों की ओर से भंडारे का आयोजन किया गया । चौथ माता मंदिर परिसर में सोमवार को तिल चौथ का मेला आयोजित किया गया इस मौके पर जिले सहित आसपास व दूरदराज के सैकड़ों लोग दर्शन करने पहुंचे । गलन होने पर भी श्रद्धालुओं की गति मंद नहीं हुई माता के जयकारों के साथ श्रद्धालु माता के दरबार पहुंचे ओर मत्था टेका और मन्नत की । मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी रहे पुलिस अधिकारी भी निगरानी रखते हुए नजर आए । भक्तों का मंदिर में पहुंचने का सिलसिला देर रात्रि से ही जारी हो गया था और पैदल यात्री माता के दरबार में रात से ही पहुंचना शुरू हो गए थे इसको देखते हुए प्रशासन ने रात्रि से ही व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद कर लिया । यहां पर शहर के मीरा गेट से होते हुए जैतसागर और बाणगंगा रोड होते हुए माता के दरबार में पैदल ही पहुंच रहे थे इस दौरान प्रशासन ने वाहनों की आवाजाही को बंद कर दिया । उधर फुल सागर रोड से भी श्रद्धालुओं का ताता देखा गया यहां पर भी श्रद्धालु डीजे पर माता के गानों के साथ नाच गाते हुए माता के मंदिर में पहुंचे और वहां पर अपनी आहुति दी । बाणगंगा पर मंदिर पहाड़ी पर स्थित है ऐसे में यहां पर वाहन एवं पैदल यात्रियों के लिए अलग से माता के दरबार में पहुंचने के लिए व्यवस्था है । ऐसे में श्रद्धालु पैदल चलते हुए माता के दरबार में पहुंच रहे हैं और माता के दरबार में अपनी हाजिरी लगा रहे हैं यहां पर महिला- पुरुषों की लाइन पुलिस प्रशासन द्वारा अलग-अलग बनाई गई है और पहले पुरुषों को फिर महिलाओं को एक एक कर कर दर्शन के लिए पुलिसकर्मी उन्हें जाने दे रहे हैं । इन श्रद्धालुओं की भीड़ में जमकर जय माता दी -जय माता दी के जयकारे सुनाएं पढ़ रहे हैं और जमकर श्रद्धालु माता के आस्था के सैलाब में डूबे हुए हैं ।

गौरतलब है कि प्राचीन समय से माता का मंदिर पहाड़ी पर स्थित है और माता राजाओं के जमाने से ही अपने चमत्कार दिखाती हुई आई है और उसी चमत्कार के कारण बूंदी और हाडौती के आसपास में रहने वाले इलाके के लोगों का आस्था का केंद्र बन गई है और हर वर्ष माता के भक्तों में इजाफा होता हुआ जा रहा है करीब यहां पर आज भी 2 लाख से अधिक श्रद्धालु ने माता के मंदिर में हजारी लगाई है । बताया जाता है कि सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में स्थित माता के मंदिर में बूंदी के राजा वहां दर्शन करने जाया करते थे लेकिन जब राजा बुजुर्ग हो गए और उनकी श्रद्धा मंदिर पर जाने की नहीं हुई तो उस समय चौथ के बरवाड़ा की माता के प्रतिरूप को राजा बूंदी लेकर आ गए और माता के मंदिर की स्थापना बूंदी के बाणगंगा स्थित पहाड़ी पर कर दी । तभी सही चौथ माता मंदिर को यहां पर पूजा जाने लगा और माता की आस्था बरकरार रही । श्रद्धालुओं ने बताया कि चौथ माता सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करती है । यहां पर विशेष तौर पर महिलाओं की मनोकामना मातारानी पूरी करती हुई आती है । उनका कहना है कि माता रानी से महिलाये सुहाग की लंबी उम्र , घर गृहस्थी, नौकरी संबंधित पारिवारिक कलह सहित जो भी समस्याएं होती उन समस्याओं को माता रानी दूर कर देती है और श्रद्धालुओं का यह कहना है कि जो जो और जब जब श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में मांगा है वह माता रानी ने उनका पूरा किया है । यहां पर जिनकी मनोकामना पूरी हो जाती है वह माता के लिए चुनरी, श्रीफल व प्रसाद लेकर पहुंचते हैं और माता को चढ़ाव करते हैं ।


Conclusion:यहां पर चौथ माता मंदिर में 2 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होते हैं करवा चौथ ,तिल चौथ दोनों ही पर्व पर यहां पर श्रद्धा का सैलाब उमड़ा रहता है । इस अवसर पर चौथ माता मंदिर परिसर में मेला भी आयोजित किया जाता है जहां पर जमकर लोग खरीदारी करते हैं यहां घरेलू सामान के साथ साथ झूले चकरी का भी आनंद श्रद्धालु लेते हुए नजर आते हैं । पहाड़ी पर विराजी चौथ माता सब पर कृपा बनाई हुई है ।

बाईट - विजय लक्ष्मी , श्रदालु
बाईट - राममूर्ति टेलर , श्रदालु
बाईट - कमलेश गोचर , श्रदालु
बाईट - रामस्वररूप , पुजारी
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