बूंदी. जिले में बुधवार को एक बेटा अपने पिता के शव को घर तक पहुंचाने के लिए 4 घंटों तक एंबुलेंस चालकों से भीख मांगता रहा, लेकिन इसके बाद भी एंबुलेंस चालकों ने उसकी बात नहीं सुनी. इसके बाद जब यह मामला बढ़ा तो प्रशासन हरकत में आया और मृतक के शव को गांव पहुंचाया गया.
पढ़ें- जोधपुर में शुरू हुआ देश का पहला ब्रीथ बैंक, जुटाए जा रहे 500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
दरअसल, बूंदी चिकित्सालय में शुक्रवार को डेलपुरा गांव के एक शख्स की कोरोना से मौत हो गई. इसके बाद अपने पिता के शव को गांव ले जाने के लिए बेटे ने एंबुलेंस चालकों से बात की. लेकिन इस दौरान कोई एंबुलेंस चालक 7 हजार रुपए मांग रहा था तो कोई चालक 5 हजार रुपए. अंत में कोई भी एंबुलेंस चालक शव को ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ.
मामले की सूचना मिलने पर कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा मौके पर पहुंचे और कोविड कंट्रोल रूम जाकर शव को गांव भेजने की व्यवस्था करने का आग्रह किया. इसके बाद कंट्रोल रूम ने सीएमएचओ कंट्रोल रूम और नगर परिषद कंट्रोल रूम को निर्देश दिए, लेकिन कोई परिणाम सामने नहीं आया.
इसके बाद कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने एक एंबुलेंस चालक को 2500 रुपए में छोड़ने को कहा तो उसने हामी भर दी, लेकिन कुछ ही देर बाद वह अस्पताल से एंबुलेंस लेकर चला गया. इसके बाद कांग्रेस नेता ने अपने स्तर पर एंबुलेंस का व्यवस्था करवाया और मृतक के शव को गांव पहुंचाया.
जवान बेटे के शव के साथ परेशान हुए पिता
वहीं एक और मामला सामने आया, जिसमें एक बेटा अपने पिता के शव के साथ खुले मैदान में रो रहा था. कोविड वार्ड में जयपुर निवासी राजस्थान पुलिस के सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर के 33 वर्षीय बेटे की मृत्यु हो गई. अपने बेटे के शव को जयपुर ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था के लिए उन्होंने कलेक्ट्रेट और नगर परिषद कंट्रोल रूम में सूचना दी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसके बाद बेबस पिता देर रात पार्षद टीकम जैन के पास पहुंचा और मामले की सूचना दी. इसके बाद कांग्रेस नेता ने अपने स्तर पर एंबुलेंस मंगवाया और शव को जयपुर के लिए रवाना किया.
फेल हुई कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम की व्यवस्था
कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम में बुधवार रात अधिकृत रूप से चिकित्सालय में तीन मृतक के शव को पहुंचाने की शिकायत दर्ज की गई, लेकिन राहत एक को भी नहीं मिली. इसके बाद कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने तीनों के शवों को उनके गांव तक पहुंचाया.