बूंदी. नगर परिषद और जलदाय विभाग की ओर से आमजन पर एक और भार डाल दिया गया है. अब सीवरेज और डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का चार्ज जोड़कर पानी के बिल से यह चार्ज आमजन से वसूला जा रहा है, जिसका विरोध अब विभागों को झेलना पड़ रहा है. लोग इस चार्ज को लेकर विरोध करने लग गए है. सोमवार को बड़ी संख्या में लोग सभापति महावीर मोदी से मिलने पहुंचे और अपनी समस्याओं को बताकर हंगामा करने लगे. जलदाय विभाग की ओर से लगाए गए इस सीवरेज और कचरा कलेक्शन पर लगे चार्ज को लेकर उपभोक्ताओं को बिल तो पहुंच चुके हैं, लेकिन उन्होंने इस प्रक्रिया पर लोगों ने आक्रोश जताया है.
बीजेपी के शहर अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि इस तरीके से चार्ज लगाना गलत है और राज्य सरकार से बूंदी की सीवरेज और कचरा गाड़ी के लिए विशेष अनुदान के लिए मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि शहर में सीवरेज की वजह से काफी हालत खराब है तो कचरा गाड़ी भी समय पर नहीं आ रही. ऐसे में जनता किस बात का पैसा दें, उनका कहना है कि अगर सरकार की ओर से जनता के हित में पैसा नहीं लिया गया तो वह उग्र आंदोलन करेंगे.
पढ़ें- स्पेशल स्टोरी : पानी के बिल के जरिए वसूला जा रहा है सीवरेज और कचरा संग्रहण का चार्ज
गौरतलब है कि अब सीवरेज चार्ज 33 प्रतिशत आमजन के बिल में जुड़ेगा. वहीं डोर टू डोर का कलेक्शन के रूप में प्रत्येक घर से 50 रुपए वसूले जा रहे ब है. नगर परिषद के जलदाय प्रकोष्ठ की ओर से नल के बिल के साथ इन दोनों चार्ज को वसूलने के लिए बिल जारी कर दिए गए हैं. बिल में सीवरेज चार्ज और कचरा करेक्शन चार्ज के लिए अलग से कॉलम बनाया गया है. अधिकारियों के अनुसार सीवरेज लाइन जहां-जहां बिछाई जा चुकी है, वहां ही चार्ज वसूला जाएगा और जहां कचरा गाड़ी भी जा नहीं पहुंच पा रही है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था करवाई जाएगी.
पढ़ें- परकोटे में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था फेल, निगम ने लोगों पर फोड़ा लापरवाही का ठीकरा
जानकारी के अनुसार शहर के उपभोक्ताओं पर लगभग ढ़ाई करोड़ का बकाया है और शहर में लगभग 20 हजार 150 जल उपभोक्ता है. अमृत योजना के तहत शहर में पानी की मीटर भी लगाने हैं. शहर में सीवरेज लाइन बिछाने का काम भी अभी अधूरा है. लाइन बिछाने के साथ ही 7 से 8 हजार घरों में कनेक्शन भी किए जा चुके हैं. वैसे इस काम को दिसंबर माह तक पूरा किया जाना था, लेकिन बिबनवा रोड से गांधीग्राम में मिनी सीवरेज प्लांट का काम अभी पूरा नहीं हुआ है और कई जगह सीवरेज लाइन खुद के पड़ी हुई है, तो आमजन इससे परेशान हैं. वहीं, नगर परिषद के पास डोर टू डोर कचरा करेक्शन के लिए 20 गाड़ियां है जो शहर के सभी एरिया में नहीं जा पा रही है.
जलदाय विभाग के प्रकोष्ठ की ओर से नवंबर माह से लगे इस चार्ज शुल्क को वसूलना था, लेकिन नगर परिषद और जलदाय विभाग ने पिछले 3 माह का चार्ज जोड़कर इस माह में भेज दिया है. उपभोक्ताओं को 600 से लेकर 900 तक का बिल पहुंचा है. यहां पर उपभोक्ताओं को 300 रुपए के आसपास सीवरेज और डोर टू डोर कचरा करेक्शन का चार्ज जोड़ा गया है. जिससे उपभोक्ताओं को काफी झटका लगा है. उन्होंने जलदाय विभाग और नगर परिषद की इस कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं.
पढ़ें- 'कचरा लाओ-भरपेट खाना खाओ' का मुहिम चला रहा छिंदवाड़ा नगर निगम
सभापति महावीर मोदी ने कहा कि अधिकारियों के अनुसार सीवरेज और डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के आदेश सरकार से प्राप्त हुए हैं. सरकार के आदेश के अनुसार ही हमने राशि को चिन्हित किया है और हम हर उपभोक्ता से यह पैसे वसूल नहीं रहे हैं. जहां-जहां सीवरेज और डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की गाड़ियां जा रही है, वहां-वहां हम यह राशि का शुल्क लगा रहे हैं. अबकी बार पूर्व के 3 माह का जुड़कर यह पैसा आया है, लेकिन अब हर माह 50 रुपए कचरा और 58 रुपए सीवरेज का चार्ज आएगा, जो सबको देना होगा. लेकिन फिर भी जहां-जहां सीवरेज और पानी समय पर नहीं आ रहा है, वहां चार्ज हटा देंगे और जो बिल अभी आया है, उपभोक्ताओं को वह जमा करवाना पड़ेगा. साथ ही दूसरे बिल में वह राशि कट के आएगी और राशि वापस कर दी जाएगी.