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बूंदी: बारिश ने खेत में खड़ी फसलों को किया बर्बाद, किसानों ने मुआवजे की मांग की - Heavy rain in Bundi

बूंदी में बिन मौसम हुई बारिश ने जिले के किसानों की फसलों का काफी नुकसान पहुंचाया है. किसानों की मक्का ,सोयाबीन ,धान की फसल जमीन में गिर गई हैं. वहीं जिले के किसानों ने सरकार से मुआवजा देने की मांग की है.

बूंदी में तेज बारिश, बारिश से फसल खराब, Crop deteriorated due to rain
बारिश से बर्बाद हुई फसलें
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Published : Sep 27, 2020, 9:34 PM IST

बूंदी. जिले में शनिवार रात को हुई बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. खेतों में लहराती फसल एक बारिश में तबाह हो गई. जिससे किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा. इस नुकसान की भरपाई करना किसानों के लिए मुश्किल है.

बारिश से बर्बाद हुई फसलें

बता दें कि शनिवार सुबह से ही बारिश का दौर जारी था जो देर रात तक भी जमकर जारी रहा. वहीं रविवार सुबह भी जिले के कई गांव में बारिश का दौर देखा गया. इसी दौरान तेज हवाओं के कारण बूंदी के किसानों की खड़ी हुई फसलें आड़ी पड़ गई. मक्का, सोयाबीन, धान, दाल सहित कई फसलें पर इस बारिश ने पानी फेर दिया. जब किसान सुबह अपने खेतों पर पहुंचे तो उन्होंने इस मंजर को देखकर काफी दुख प्रकट किया है. कल तक जो फसलें खेतो में लहराती थी आज खेतों में वह आडी पड़ी हुई है.

किसानों का कहना है कि, कोरोना वायरस के दौरान काफी नुकसान उन्होंने उठाया और कम दामों में उन्होंने अपनी फसले बेचीं. फिर जब पानी की आवश्यकता थी तब बरसात ने धोखा दे दिया. वहीं अब मानसून ने बेरुखी दिखा दी. वहीं किसानों ने कहा कि हमने पानी ट्यूबवेल्स और नहरों के सहारे फसल की उपज की 2 दिन की बरसात ने खेतों में तैयार फसलों को पूरी तरह से बर्बाद करने का काम किया है. किसानों ने मांग की है कि सरकार जो फसलें खराब हुई है उनके लिए मुआवजा दिलवाए और नुकसान की भरपाई हो.

ये पढ़ें: अलवर में बदमाशों ने पेट्रोल पंप के ऑफिस का तोड़ा शीशा, मामला दर्ज

बता दें कि बूंदी जिले के तालेड़ा, हिंडोली ,बसोली ,सथूर, केशोरायपाटन सहित कई ऐसे गांव हैं जहां पर बारिश से फसलें तबाह हुई है. किसानों को भारी नुकसान देखने को मिला है. इस बार किसानो को मजदुर भी नहीं मिले जिससे किसानों महंगे दामों पर लोकल मजदूरी करने वाले मजदूरों लेकर आए. उन्होंने ने फसलों की बुवाई करवाई. उधर किसानों की मक्का एवं सोयाबीन की फसले पककर तैयार है. जो बारिश के कारण जमीन पर लेट गए हैं.

बूंदी. जिले में शनिवार रात को हुई बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. खेतों में लहराती फसल एक बारिश में तबाह हो गई. जिससे किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा. इस नुकसान की भरपाई करना किसानों के लिए मुश्किल है.

बारिश से बर्बाद हुई फसलें

बता दें कि शनिवार सुबह से ही बारिश का दौर जारी था जो देर रात तक भी जमकर जारी रहा. वहीं रविवार सुबह भी जिले के कई गांव में बारिश का दौर देखा गया. इसी दौरान तेज हवाओं के कारण बूंदी के किसानों की खड़ी हुई फसलें आड़ी पड़ गई. मक्का, सोयाबीन, धान, दाल सहित कई फसलें पर इस बारिश ने पानी फेर दिया. जब किसान सुबह अपने खेतों पर पहुंचे तो उन्होंने इस मंजर को देखकर काफी दुख प्रकट किया है. कल तक जो फसलें खेतो में लहराती थी आज खेतों में वह आडी पड़ी हुई है.

किसानों का कहना है कि, कोरोना वायरस के दौरान काफी नुकसान उन्होंने उठाया और कम दामों में उन्होंने अपनी फसले बेचीं. फिर जब पानी की आवश्यकता थी तब बरसात ने धोखा दे दिया. वहीं अब मानसून ने बेरुखी दिखा दी. वहीं किसानों ने कहा कि हमने पानी ट्यूबवेल्स और नहरों के सहारे फसल की उपज की 2 दिन की बरसात ने खेतों में तैयार फसलों को पूरी तरह से बर्बाद करने का काम किया है. किसानों ने मांग की है कि सरकार जो फसलें खराब हुई है उनके लिए मुआवजा दिलवाए और नुकसान की भरपाई हो.

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बता दें कि बूंदी जिले के तालेड़ा, हिंडोली ,बसोली ,सथूर, केशोरायपाटन सहित कई ऐसे गांव हैं जहां पर बारिश से फसलें तबाह हुई है. किसानों को भारी नुकसान देखने को मिला है. इस बार किसानो को मजदुर भी नहीं मिले जिससे किसानों महंगे दामों पर लोकल मजदूरी करने वाले मजदूरों लेकर आए. उन्होंने ने फसलों की बुवाई करवाई. उधर किसानों की मक्का एवं सोयाबीन की फसले पककर तैयार है. जो बारिश के कारण जमीन पर लेट गए हैं.

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