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निजी स्कूल का घिनौना चेहरा, दिव्यांग बच्चे को शिक्षिका ने पानी के टैंक में फेंका

बूंदी के एक निजी स्कूल में शिक्षिका का अमानवीय चेहरा सामने आया है. जहां, महज बुक का कवर नहीं चढ़ाने पर गुस्साई टीचर ने एक दिव्यांग बच्चे को पानी के टैंक में लटका दिया. इस दौरान बच्चा पानी के टैंक में गिर गया. पढ़ें विस्तृत खबर...

teacher thew disable child into water tank, बूंदी निजी स्कूल
teacher thew disable child into water tank
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Published : Jan 30, 2020, 10:02 PM IST

Updated : Jan 30, 2020, 10:42 PM IST

बूंदी. एक निजी स्कूल के शिक्षक ने महज बुक पर कवर नहीं चढ़ाने पर दिव्यांग बच्चे को कड़ाके की ठण्ड में पानी के टैंक में फैंक दिया. बच्चा कई देर तक पानी में ठिठुरता रहा, हालांकि बाद में कुछ अन्य शिक्षकों ने बच्चे को टंकी से बाहर निकाला.

निजी स्कूल का घिनौना चेहरा

जब छात्र ने पूरी आपबीती अपने परिजनों को बताई तो सब स्कूल पहुंचे. परिजनों के हंगामा करने पर स्कूल प्रबंधक मौके से स्कूल बंद कर फरार हो गए. इस मामले की शिकायत परिजनों ने जिला कलेक्टर को दी है. जिसके बाद जिला कलेक्टर ने स्कूल के इस आम मानवीय चेहरे के मामले में जांच कराने का निर्णय लिया है.

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यह मामला बूंदी के एक निजी स्कूल का है. जहां पढ़ने वाले 6 वर्ष के दिव्यांग छात्र ने अपनी होमवर्क कॉपी पर कवर नहीं चढ़ाया था. इस मामूली सी बात पर स्कूल टीचर आग बबूला हो गई. छात्र के पिता का आरोप है कि महिला टीचर ने उनके बेटे को इस बात पर पानी के टैंक में लटका दिया. इस दौरान बच्चा हाथ से छूट गया और पानी के टैंक में जा गिरा. गनीमत यह रही कि बच्चा बच गया और सुरक्षित उसे बाहर निकाल लिया गया.

पीड़ित के पिता ने बताया कि उसका बच्चा बचपन से ही दिव्यांग है. स्कूल में हुए इस घटनाक्रम के बाद वह रोते-रोते घर पहुंचा और आपबीती सुनाई. वहीं, पीड़ित छात्र ने बताया कि वह अपनी बुक पर कवर चढ़ा कर नहीं गया था. इस पर अध्यापिका ने डांटने के साथ-साथ पिटाई भी की. इस मामले को लेकर पीड़ित बच्चे के पिता ने जिला कलेक्टर को आरोपी शिक्षक और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है.

पढे़ंः सिरफिरे युवक ने 12 से ज्यादा बच्चों को बनाया बंधक, एटीएस की टीम रवाना

उधर, अतिरिक्त जिला कलेक्टर एयू खान ने कहा है कि पिता द्वारा पुत्र के साथ मारपीट व टैंक में डाले जाने की शिकायत मिली है. इस पर हम संबंधित अधिकारी से जांच करवाकर मामले को दिखाएंगे. जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी.

बूंदी. एक निजी स्कूल के शिक्षक ने महज बुक पर कवर नहीं चढ़ाने पर दिव्यांग बच्चे को कड़ाके की ठण्ड में पानी के टैंक में फैंक दिया. बच्चा कई देर तक पानी में ठिठुरता रहा, हालांकि बाद में कुछ अन्य शिक्षकों ने बच्चे को टंकी से बाहर निकाला.

निजी स्कूल का घिनौना चेहरा

जब छात्र ने पूरी आपबीती अपने परिजनों को बताई तो सब स्कूल पहुंचे. परिजनों के हंगामा करने पर स्कूल प्रबंधक मौके से स्कूल बंद कर फरार हो गए. इस मामले की शिकायत परिजनों ने जिला कलेक्टर को दी है. जिसके बाद जिला कलेक्टर ने स्कूल के इस आम मानवीय चेहरे के मामले में जांच कराने का निर्णय लिया है.

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यह मामला बूंदी के एक निजी स्कूल का है. जहां पढ़ने वाले 6 वर्ष के दिव्यांग छात्र ने अपनी होमवर्क कॉपी पर कवर नहीं चढ़ाया था. इस मामूली सी बात पर स्कूल टीचर आग बबूला हो गई. छात्र के पिता का आरोप है कि महिला टीचर ने उनके बेटे को इस बात पर पानी के टैंक में लटका दिया. इस दौरान बच्चा हाथ से छूट गया और पानी के टैंक में जा गिरा. गनीमत यह रही कि बच्चा बच गया और सुरक्षित उसे बाहर निकाल लिया गया.

पीड़ित के पिता ने बताया कि उसका बच्चा बचपन से ही दिव्यांग है. स्कूल में हुए इस घटनाक्रम के बाद वह रोते-रोते घर पहुंचा और आपबीती सुनाई. वहीं, पीड़ित छात्र ने बताया कि वह अपनी बुक पर कवर चढ़ा कर नहीं गया था. इस पर अध्यापिका ने डांटने के साथ-साथ पिटाई भी की. इस मामले को लेकर पीड़ित बच्चे के पिता ने जिला कलेक्टर को आरोपी शिक्षक और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है.

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उधर, अतिरिक्त जिला कलेक्टर एयू खान ने कहा है कि पिता द्वारा पुत्र के साथ मारपीट व टैंक में डाले जाने की शिकायत मिली है. इस पर हम संबंधित अधिकारी से जांच करवाकर मामले को दिखाएंगे. जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:बूंदी में एक निजी स्कूल का घिनोना चेहरा सामने आया है । यहां पर एक दिव्यांग बच्चे को इस तरीके से यातनाएं दी गई कि उसे पानी के टैंक में डाल दिया गया बाद में शिक्षकों ने उसे बाहर निकाला। हालांकि छात्र सुरक्षित था। पूरी आपबीती छात्र ने परिजनों को बताए तो परिजनों ने स्कूल में हंगामा कर दिया ऐसे में स्कूल प्रबंधक मौके से स्कूल बंद कर फरार हो गए । इस मामले की शिकायत जिला कलेक्टर से परिजनों ने की है । इस पर जिला कलेक्टर ने स्कूल के इस आम मानवीय चेहरे के मामले में जांच कराने का निर्णय लिया है ।


Body:बूंदी में एचकेजी में पढ़ने वाले 6 वर्ष के दिव्यांग नन्हे मासूम बच्चे राजदीप सिंह को निर्देही अध्यापिका ने कॉपी में कवर नहीं चढ़ाने की मामूली सी बात पर ऐसी सजा दी कि उसकी जान भी जा सकती थी । बच्चे को पानी के टैंक में लटका दिया बच्चा टीचर के हाथ से छूट कर टैंक में जा गिरा । गनीमत यह रही कि बच्चा बच गया और सुरक्षित उसे बाहर निकाल लिया गया । जब बच्चा घर पर लहूलुहान हालत में पहुंचा तो परिजनों ने उससे बात की जहां परिजनों को बच्चे ने आपबीती बताई ओर बात का खुलासा बच्चे ने किया । ऐसे में इस अमानवीय भी चेहरे के बाद परिजन बच्चे को शहर के देवपुरा रोड स्थित निजी स्कूल में लेकर पहुंचे जहां परिजनों ने स्कूल में हंगामा कर दिया । मामला बढ़ता देख स्कूल प्रबंधन ने इस लापरवाही और अमानवीय चेहरे की बात को जरूर स्वीकारा और वहां से स्कूल बंद कर फरार हो गए । ऐसे में परिजन भी न्याय के लिए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां उन्होंने अतिरिक्त जिला कलेक्टर एयू खान से गुहार लगाई और उन्हें कहा कि इस तरीके से दिव्यांग बच्चे के साथ शिक्षिका का यह व्यवहार सही नहीं था अगर उनके बच्चे को कुछ हो जाता तो उसका जिम्मेदार कौन था । ऐसे में जिला कलेक्टर ने परिजनों को आश्वासन दिया है कि इस पूरे मामले में जांच करवाएंगे और जांच के बाद ही कुछ एक्शन लेंगे।

वहीं इस कृत्य के बाद छात्र राजदीप ने कहा कि मैं अपनी बुक पर कवर चढ़ा कर नहीं आया था । ऐसे में मेरी अध्यापिका महिमा मैम ने मुझे बहुत डांटा और मुझे पकड़कर पानी के टैंक पर ले गए जहां मुझे डरा नहीं धमकाने लगे और कवर नहीं लगाने की पिटाई कर डाली । ऐसे में उन्होंने मुझे पानी के टैंक में पटक दिया और मैं नीचे गिर गया बाद में मुझे वापस से मैडम ने निकाला .. मेरे पैर में हल्की चोट आई है और मैं पूरी तरह से पानी में भीग गया था पूरी बात मैंने परिजनों को बताई ।

यहां आपको बता दें कि दिव्यांग छात्र राजदीप बचपन में खड़ा नहीं हो सकता था ऐसे में जैसे जैसे उसकी उम्र बढ़ती गई उसके पिता ने राजदीप का इलाज करवाया और इसे खड़े होने की स्थिति में कर दिया । लेकिन फिर भी राजदीप एक पैर से पूरी तरह से विकलांग है और धीरे-धीरे अपने पिता के सहारे चलता है । उसके पिता चंद्रदीप सिंह का कहना है कि बचपन में बेटा पूरी तरह से खड़ा नहीं हो पाता था इस वजह से इसका महंगा इलाज करवाकर हमने खड़ा करवाया और आज स्कूल की मैडम ने इस तरीके से मेरे पुत्र के साथ सलूक किया है वह सलूक सही नहीं है । पहले ही उसका पैर विकलांग है और उसे इस तरीके से पानी के टैंक में डाल दिया जो कि गलत है। उन्होंने कहा है कि इस तरह की कृत्य किसी के साथ नहीं हो इस प्रकार से हम ने प्रशासन से गुहार लगाई है और दोषियों पर उन्होंने कार्रवाई की मांग की है ।

उधर अतिरिक्त जिला कलेक्टर एयू खान ने कहा है कि पिता द्वारा पुत्र के साथ मारपीट व टैंक में डाले जाने की शिकायत मिली है । इस पर हम संबंधित अधिकारी से जांच करवाकर मामले को दिखाएंगे और मामले में जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी ।


Conclusion:यहां आपको बता दें कि जिन अध्यापक अध्यापिका के सहारे देश का भविष्य बनता है और वही इस तरीके से नन्हे बच्चों के साथ इस तरीके से बर्ताव करते करेंगे तो बात ना गवार साबित होगी । सबसे बड़ा सवाल यह है कि कुदरत ने छात्र राजदीप को पहले ही शरीर में अंग कम देकर उसे चलने फिरने जैसा नहीं बनाया है ऊपर से उसके साथ एक अध्यापिका ने इस तरीके से टैंक में डालकर मानवीय चेहरा सामने ला दिया है। अब प्रशासन इस घटना की जांच करवा रहा है देखना होगा कि शिक्षिका की इस करतूत के बाद प्रशासन किस तरीके से कार्यवाही कर पाता है ।

बाईट - राजदीप सिंह , छात्र
बाईट - चर्मेश शर्मा , समाजसेवी
बाईट - चंद्रदीप सिंह , पिता
बाईट - एयू खान, एडीएम ,बूंदी
Last Updated : Jan 30, 2020, 10:42 PM IST
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