बूंदी. प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से अभिभावकों को राहत देने के लिए आदेश जारी किया गया है. जिसका प्रदेश भर के निजी शिक्षण संस्थान विरोध कर रहे हैं. बूंदी में भी एक निजी होटल में शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों और संचालक प्रेस वार्ता का आयोजन किया. जिसमें उन्होंने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से दिए गए बयानों पर रोष व्यक्त किया है. साथ ही उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
वक्ताओं ने कहा है कि, शिक्षा मंत्री के बयान और लिखित आदेश के बाद से प्राइवेट स्कूलों में स्थिति और ज्यादा खराब हो चुकी है. स्कूलों में ऑनलाइन क्लास अप्रैल माह से यथावत जारी है. शिक्षक नियमित क्लास ले रहे हैं. लेकिन शिक्षा मंत्री द्वारा दिए गए निर्देश से जो अभिभावक सक्षम है वह भी फीस जमा नहीं करा रहे हैं. जिससे प्राइवेट स्कूल अपने शिक्षकों को वेतन तक नहीं दे पा रहे हैं. इस कारण राजस्थान में लगभग 11 लाख कर्मचारी जिसमें शिक्षक, गैर शिक्षक, सफाई कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी, ड्राइवर और शिक्षा से जुड़े हैं, वह लोग सड़क पर आ चुके हैं.
उन्होंने बताया कि अब तक राजस्थान के 9 स्कूल संचालकों ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली है, उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री से इस विषय पर संज्ञान लेने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि, हमारी पांच प्रमुख मांगे हैं. जिनमें से शिक्षा मंत्री की ओर से दिए गए बयानों को सप्ताह भर के अंदर वापस लिया जाए, आरटीई का भुगतान से जो आरटीई एक्ट के अनुसार निश्चित सीमा पर स्कूलों को भुगतान करना सुनिश्चित किया गया है. साथ ही पिछले 3 सालों से प्राइवेट स्कूलों के आईटीई का भुगतान करवाया जाए, सहित तीन मांगों का उल्लेख भी उन्होंने पत्र में किया है.
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लॉकडाउन के दौरान बंद रही स्कूलों के शिक्षक अब सड़कों पर उतरने की चेतावनी दे रहे हैं. सरकार को साफ तौर से चेता रहे हैं कि निजी स्कूल संचालकों के लिए सरकार ने आर्थिक पैकेज का एलान नहीं किया तो राजस्थान के अंदर शिक्षक व आंदोलन करेंगे जिस पर सरकार भी सोचने को मजबूर होगी जिला राजस्थान के सभी जिलों में यह संघर्ष समिति आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के लिए दौरा कर रही है और शिक्षकों को एकजुट करने में जुटी हुई है.