बूंदी. बिग बॉस फेम फिल्म अभिनेत्री पायल रोहतगी ने अपने विरुद्ध बूंदी सदर थाने में आईटी एक्ट अन्य धाराओं में दर्ज मामले को लेकर बूंदी डीजे कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की है. फिल्म अभिनेत्री पायल ने अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट से स्वतंत्रता सेनानी पंडित मोतीलाल नेहरू परिवार की महिलाओं के प्रति अभद्र एवं अश्लील टिप्पणी की थी. जिस पर राजस्थान कांग्रेस के महासचिव चर्मेश शर्मा ने शिकायत की.
इस पर सदर पुलिस ने 10 अक्टूबर को आईटी एक्ट धारा 66 व 67 के तहत मामला दर्ज किया था. फिल्म अभिनेत्री ने अपने वकील के माध्यम से गुरुवार को अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी. जिस पर अदालत की ओर से शुक्रवार को सुनवाई तय की गई थी. कोर्ट में विधिक कारणों से अभिनेत्री पायल रोहतगी की अग्रिम जमानत की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो पाई. इस मामले पर सोमवार यानी 16 दिसंबर को सुनवाई होगी.
आवास पर दिया था नोटिस
इस मामले की जांच को लेकर पुलिस फिल्म अभिनेत्री पायल रोहतगी के मुंबई स्थित निवास पर पहुंची थी. जहां पर अहमदाबाद का पता चलने पर बूंदी पुलिस ने अहमदाबाद निवास पर जाकर अभिनेत्री पायल रोहतगी को नोटिस देकर जवाब मांगा था. बूंदी पुलिस पायल के जवाब का इंतजार कर रही है. उधर अभिनेत्री ने डीजे कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर कर दी है.
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बता दें कि फिल्म अभिनेत्री पायल रोहतगी ने स्वतंत्रता सेनानी पंडित मोतीलाल नेहरू, प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था. अपने विवादित बयान में फिल्म अभिनेत्री ने यह तक कह दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जवाहरलाल नेहरू की बायोलॉजिकल संतान नहीं हैं. अपने बयान में अभिनेत्री ने कई अश्लील टिप्पणी की थी.
बीजेपी नेता को भी हुई थी जेल
बता दें कि बूंदी के सदर थाने में कुछ ही माह पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का अश्लील चित्रण व्हाट्सएप के माध्यम से प्रसार करने पर कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा व कांग्रेस नेता बाबूलाल वर्मा की गवाही पर आईटी एक्ट के बीजेपी नेता मुकेश वर्मा के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था. जिस पर आरोपी मुकेश शर्मा को गिरफ्तारी के बाद लगभग 3 महीने जेल में रहना पड़ा था और बूंदी डीजे कोर्ट व राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर द्वारा आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.
पायल रोहतगी की ओर से पूर्व लोक अभियोजक अधिवक्ता भूपेंद्र सहाय ने जमानत याचिका दायर की है. वहीं लोक अभियोजक योगेश यादव इस मामले की ओर से पुलिस की पैरवी तथा वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश पारीक कांग्रेस की ओर से न्यायालय में अपना पक्ष रख रहे हैं.