बूंदी. लॉकडाउन के बाद देश की संघर्ष करती हुई अर्थव्यवस्था के बीच पलायन करने वाले प्रवासियों के वापस लौटने की सुखद तस्वीर सामने आई है. लॉकडाउन के दौरान राजस्थान से अपने प्रदेशों में पलायन करने वाले प्रवासी मजदूर अब लौटने लगे हैं. कोविड महामारी में भय और अनिश्चय के वातावरण में करोड़ों प्रवासी मजदूर छोटे बच्चों, महिलाओं परिवार सहित काफी संख्या में अपने मूल प्रदेशों में पहुंचे थे.
वहीं अब ये प्रवासी, सहायता कंट्रोल रूम के प्रभारी चर्मेश शर्मा द्वारा सहयोग और सुरक्षा का भरोसा दिया जाने के बाद वापस बूंदी पहुंच रहे हैं. कांग्रेस प्रवासी सहायता की टीम ने जिला कलेक्ट्रेट पर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थल पर इनका का स्वागत किया.
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चना बेचने वाले प्रवासी टिंकू राजभर ने कहा कि माता-पिता और परिवार वाले तो बूंदी भेजने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे. कोरोना महामारी के कारण हमें बूंदी आने से डर लग रहा था, लेकिन जब प्रवासी सहायता प्रभारी चर्मेश शर्मा से हमारी बात हुई तो उन्होंने भरोसा दिलाया कि बूंदी में सब कुछ सामान्य है. यहां के लोग आने के लिए कोई परेशान भी नहीं करेंगे. वह बूंदी में आकर अपना चना बेचने का कार्य कर सकेंगे. इसी के साथ यह दोनों मजदूर बूंदी पहुंचे हैं. वापस से अपना कार्य शुरू करेंगे.
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बता दें कि, यह प्रवासी लोग लंबे वक्त से बूंदी शहर में चना बेजते हुए आ रहे हैं. यहां पर चना बेच कर अपने परिवार का खर्च चलाते हैं. ऐसे में यह वापस अपने मूल कार्य को शुरू करने के लिए धीरे-धीरे बूंदी पहुंचना शुरू हो गए हैं.