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बूंदी में मदरसा पैरा टीचर्स का प्रदर्शन, सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल को काले दिवस के रूप में मनाया

मदरसा पैरा टीचर्स और शिक्षा विभाग के कर्मियों को नियमित करने की मांग को लेकर राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ ने सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल को काले दिवस के रुप में मनाया है.

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Published : Dec 17, 2020, 7:30 PM IST

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मदरसा पैरा टीचर्स का प्रदर्शन...

बूंदी. राजस्थान सरकार के 2 वर्ष पूरे हो गए हैं. एक तरफ सरकार अपने 2 वर्ष पूरे होने पर जिलों में अपनी उपलब्धियां गिनाने में लगी है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टी और संविदा कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मदरसा पैरा टीचर्स और शिक्षा कर्मियों को नियमित करने की मांग को लेकर राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ ने सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल को काले दिवस के रुप में मनाया है. मदरसा पैरा टीचर्स के जिला अध्यक्ष संजय खान ने बताया कि राजस्थान में मदरसा पैरा टीचर्स, पैरा टीचर और शिक्षा कर्मियों को काफी बरसों से संविदा पर कार्यरत है. तृतीय श्रेणी अध्यापक के समान अल्प मानदेय पर कार्य कर रहे हैं.

राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ ने सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल को काले दिवस के रुप में मनाया...

पढ़ें: दो साल तक विवादों में ही उलझी रही सरकार, कभी कुर्सी बचाने में तो कभी विपक्ष से जूझते दिखे गहलोत

विधानसभा चुनावी घोषणा पत्र में सरकार ने मदरसा पैरा टीचर्स को नियमितीकरण का वादा किया था. ऐसे में सरकार वादा करने के बाद भी अब तक पैरा टीचर्स को नियमित करने का कोई कदम नहीं उठाया है. जिससे पूरे प्रदेश भर के मदरसा पैरा टीचर्स शिक्षाकर्मियों में कड़ा आक्रोश है. आंदोलन के तहत सभी मदरसा पैरा टीचर्स 15 किलोमीटर पैदल मार्च निकाला और काले दिवस के रूप में काले झंडे लेकर बूंदी जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने पहुंचे. जहां पर सभी मदरसा पैरा टीचर्स ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और हाथों में काले झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन किया.

पढ़ें: केंद्रीय मंत्री शेखावत का तंज, कहा- गहलोत सरकार जिस गाड़ी पर निकली थी, उसके पहिये ही नहीं हैं

मदरसा पैरा टीचर्स संघ ने राजस्थान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो प्रदेश भर के सभी मदरसा पैरा टीचर्स राजस्थान में आंदोलन करने को मजबूर होंगे. बता दें कि सरकार ने इस मामले में पांच मंत्रियों की एक कमेटी भी बनाई है. जिसमें कमेटी नियमितीकरण सहित विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारियों से वार्ता कर सरकार को एक रिपोर्ट बनाकर भेजना प्रस्तावित है. लेकिन, सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी ने अब तक सरकार को रिपोर्ट नहीं भेजी है. जिसका भी आक्रोश कर्मचारियों ने दर्ज करवाया है.

बूंदी. राजस्थान सरकार के 2 वर्ष पूरे हो गए हैं. एक तरफ सरकार अपने 2 वर्ष पूरे होने पर जिलों में अपनी उपलब्धियां गिनाने में लगी है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टी और संविदा कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मदरसा पैरा टीचर्स और शिक्षा कर्मियों को नियमित करने की मांग को लेकर राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ ने सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल को काले दिवस के रुप में मनाया है. मदरसा पैरा टीचर्स के जिला अध्यक्ष संजय खान ने बताया कि राजस्थान में मदरसा पैरा टीचर्स, पैरा टीचर और शिक्षा कर्मियों को काफी बरसों से संविदा पर कार्यरत है. तृतीय श्रेणी अध्यापक के समान अल्प मानदेय पर कार्य कर रहे हैं.

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विधानसभा चुनावी घोषणा पत्र में सरकार ने मदरसा पैरा टीचर्स को नियमितीकरण का वादा किया था. ऐसे में सरकार वादा करने के बाद भी अब तक पैरा टीचर्स को नियमित करने का कोई कदम नहीं उठाया है. जिससे पूरे प्रदेश भर के मदरसा पैरा टीचर्स शिक्षाकर्मियों में कड़ा आक्रोश है. आंदोलन के तहत सभी मदरसा पैरा टीचर्स 15 किलोमीटर पैदल मार्च निकाला और काले दिवस के रूप में काले झंडे लेकर बूंदी जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने पहुंचे. जहां पर सभी मदरसा पैरा टीचर्स ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और हाथों में काले झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन किया.

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मदरसा पैरा टीचर्स संघ ने राजस्थान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो प्रदेश भर के सभी मदरसा पैरा टीचर्स राजस्थान में आंदोलन करने को मजबूर होंगे. बता दें कि सरकार ने इस मामले में पांच मंत्रियों की एक कमेटी भी बनाई है. जिसमें कमेटी नियमितीकरण सहित विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारियों से वार्ता कर सरकार को एक रिपोर्ट बनाकर भेजना प्रस्तावित है. लेकिन, सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी ने अब तक सरकार को रिपोर्ट नहीं भेजी है. जिसका भी आक्रोश कर्मचारियों ने दर्ज करवाया है.

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