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बूंदी में निशुल्क जांच योजना हुई बंद , टेंडर नहीं होने से लगा प्रयोगशाला में ताला

बूंदी में निशुल्क जांच योजना खटाई में पड़ती हुई नजर आ रही है. जिले में  संयुक्त गठबंधन से चल रही, प्रयोगशाला सेवा की अवधि नहीं बढ़ाने के चलते निशुल्क जांच योजना बंद हो गई है.

बूंदी में निशुल्क जांच योजना हुई बंद
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Published : Jul 4, 2019, 2:29 AM IST

Updated : Jul 4, 2019, 5:52 AM IST

बूंदी. जिले में संयुक्त गठबंधन से चल रही प्रयोगशाला सेवा की अवधि न बढ़ाने के कारण निशुल्क जांच योजना बंद हो गई है. प्रयोगशाला में निजी कंपनी की ओर से जांच के लिए सामग्री भेजी जाती थी. लेकिन टेंडर नहीं होने के चलते हुए जांच के सामान नहीं भेजे जा रहे. जिसके चलते योजना बंद हो गई है.

इस कारण करीब 36 महत्वपूर्ण जांच बंद हुई है. वहीं मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना और पीपीपी मोड पर चलने वाली जांच योजना दोनों ही जिला अस्पताल में बंद हो गई . जिस कारण मरीजों को निजी सेंटरों पर जाकर जांच करानी पड़ रही है.

बूंदी में निशुल्क जांच योजना हुई बंद

वहीं जिला अस्पताल में संचालित मुक्त प्रयोगशाला में 30 जून से ताला लग गया है. जानकारी के अनुसार राजस्थान सरकार व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, कृष्णा डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के तहत संयुक्त गठबंधन से जिला अस्पताल में निशुल्क जांच योजना शुरू की गई थी.

जिसके तहत कृष्णा डायग्नोस्टिक की ओर से जिला अस्पताल में रोगियों की जांच की जा रही थी. लेकिन सरकार ने इस योजना की अवधि नहीं बढ़ाई है. इस कारण से रोगियों को जांच के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.

वहीं मरीजों को महंगे दामों पर जांच को निजी सेंटरों पर करवाना पड़ रहा है.वहीं अस्पताल प्रशासन भी जल्द इस मामले में जांच योजना शुरू करवाने की बात कर रहा है. नए टेंडर होते ही जांच शुरू होने की बात कही है.

वहीं आमजन ने भी इस मामले में कहा है कि जल्द सरकार की ओर से मरीजों को राहत प्रदान की जाए और टेंडर कर कंपनी के समय अवधि बढ़ाई जाए, ताकि फिर से निशुल्क जांच योजना के तहत मुफ्त जांच सेवा शुरू हो सके.

बूंदी. जिले में संयुक्त गठबंधन से चल रही प्रयोगशाला सेवा की अवधि न बढ़ाने के कारण निशुल्क जांच योजना बंद हो गई है. प्रयोगशाला में निजी कंपनी की ओर से जांच के लिए सामग्री भेजी जाती थी. लेकिन टेंडर नहीं होने के चलते हुए जांच के सामान नहीं भेजे जा रहे. जिसके चलते योजना बंद हो गई है.

इस कारण करीब 36 महत्वपूर्ण जांच बंद हुई है. वहीं मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना और पीपीपी मोड पर चलने वाली जांच योजना दोनों ही जिला अस्पताल में बंद हो गई . जिस कारण मरीजों को निजी सेंटरों पर जाकर जांच करानी पड़ रही है.

बूंदी में निशुल्क जांच योजना हुई बंद

वहीं जिला अस्पताल में संचालित मुक्त प्रयोगशाला में 30 जून से ताला लग गया है. जानकारी के अनुसार राजस्थान सरकार व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, कृष्णा डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के तहत संयुक्त गठबंधन से जिला अस्पताल में निशुल्क जांच योजना शुरू की गई थी.

जिसके तहत कृष्णा डायग्नोस्टिक की ओर से जिला अस्पताल में रोगियों की जांच की जा रही थी. लेकिन सरकार ने इस योजना की अवधि नहीं बढ़ाई है. इस कारण से रोगियों को जांच के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.

वहीं मरीजों को महंगे दामों पर जांच को निजी सेंटरों पर करवाना पड़ रहा है.वहीं अस्पताल प्रशासन भी जल्द इस मामले में जांच योजना शुरू करवाने की बात कर रहा है. नए टेंडर होते ही जांच शुरू होने की बात कही है.

वहीं आमजन ने भी इस मामले में कहा है कि जल्द सरकार की ओर से मरीजों को राहत प्रदान की जाए और टेंडर कर कंपनी के समय अवधि बढ़ाई जाए, ताकि फिर से निशुल्क जांच योजना के तहत मुफ्त जांच सेवा शुरू हो सके.

Intro:बूंदी में निशुल्क जांच योजना खटाई में पड़ती हुई नजर आ रही है । यहां पर संयुक्त गठबंधन से चल रही प्रयोगशाला सेवा की अवधि नहीं बढ़ाने के चलते निशुल्क जांच योजना बंद हो गई है । यहां निजी कंपनी द्वारा प्रयोगशाला में जांच के लिए सामग्री भेजी जाती थी। लेकिन टेंडर नहीं होने के चलते हुए जांच के सामान नहीं भेजे जा रहे जिसके चलते योजना बंद हो गई है। करीब 36 महत्वपूर्ण जांच बंद हुई है। यानी मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना व पीपीपी मोड पर चलने वाली निजी कंपनी द्वारा जांच योजना दोनों जिला अस्पताल में बंद हो गई है। जिससे अस्पताल प्रशासन भी मरीजों को कुछ जवाब देते हुए नहीं बन रहा है उनके पास विकल्प यही है कि वह निजी सेंटरों पर जाकर अपना जांच करावा पाएगा ।


Body:बूंदी में सरकार ने मरीजो की पीड़ा को और बढ़ा दिया है सुविधा देने की जगह तो सुविधा नहीं मिल पा रही है और जो सुविधा है उन पर ताला लगता नजर आ रहा है। हम बात कर रहे हैं बूंदी जिला अस्पताल में संचालित जांच योजना की जहां पर निशुल्क जांच योजना खटाई में चल रही है। मुक्त प्रयोगशाला जांच सुविधा पर 30 जून से ताला लग गया है । जानकारी के अनुसार राजस्थान सरकार व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, कृष्ना डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के तहत है संयुक्त गठबंधन से निशुल्क जांच योजना के तहत मुक्त प्रयोगशाला में जांच जिला अस्पताल में शुरू की गई थी । इसके तहत कृष्णा डायग्नोस्टिक की ओर से जिला अस्पताल में रोगियों की जांच की जा रही थी । लेकिन सरकार ने इस योजना की अवधि नहीं बढ़ाई है। इस कारण से रोगियों को जांच के लिए इधर भटकना पड़ रहा है। जो बाजार में महंगी जांच है वह मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना में भी शामिल नही थी। क्योंकि प्रयोगशाला में जो जांच होती थी वह मुख्यमंत्री जांच योजनना में नही थी । लेकिन अस्पताल में दोनों जांच केंद्रों को मिलाकर मरीजो को राहत दी जा रही थी लेकिन दोनों बन्द होने से मरीज पर भार पड़ गया है। ऐसे में स्वाइन फ्लू ,स्क्रब ताइपस ,डेंगू बीमारी वालों को सुविधा नहीं मिल पा रही है ।


Conclusion:अब देखना होगा कि 30 जून से यह जांच योजना बंद पड़ी हुई है जिससे मरीजों को महंगे दामों पर जांचों को निजी सेंटरों पर करवाना पड़ रहा है और दो चार होना पड़ा है। अस्पताल प्रशासन भी जल्द इस मामले में जांच योजना शुरू करवाने की बात कर रहा है और नए टेंडर होते ही जांच शुरू होने की बात कह रहा है । वहीं आमजन ने भी इस मामले में कहा है कि जल्द सरकार द्वारा राहत मरीजों को प्रदान की जाए और टेंडर कर कंपनी के समय अवधि बढ़ाई जाए ताकि फिर से निशुल्क जांच योजना के तहत मुफ्त जांच सेवा शुरू हो सके ।

बाईट- रूपेश शर्मा, स्थानीय
बाईट -प्रभात जैन ,स्थानीय
बाईट - ओपी वर्मा , उपनियंत्रक , बूँदी
Last Updated : Jul 4, 2019, 5:52 AM IST
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