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स्पेशल: कृषि मंडियां गुलजार, लेकिन अब भी अधूरे हैं धरती पुत्रों के अरमान

बूंदी की कृषि मंडी में इन दिनों धान की बंपर आवक हो रही है. कृषि विभाग के आंकड़ों की माने तो दिवाली के बाद से रोजाना 80 हजार से एक लाख बोरियां धान की आवक हो रही है. लेकिन किसानों का कहना है कि मौसम खराब होने के साथ-साथ धान की आवक होने के बावजूद भी किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है.

मंडी में हो रही धान की खरीदारी, किसानों को नहीं मिल रहा फसल का वाजिब रेट,  किसानों के चेहरे पर मायूसी, राजस्थान के किसान, किसान आंदोलन, मंडी में फसलों की खरीद, Bundi Agricultural Market, Rajasthan farmers, farmer protest, Purchase of crops in bundi market
मंडी में धान की आवक जारी, लेकिन नाखुश किसान
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Published : Dec 4, 2020, 7:50 AM IST

Updated : Dec 4, 2020, 11:08 AM IST

बूंदी. कृषि मंडी में धान की बंपर आवक होने से दामों में गिरावट होने लगी है. जहां एक तरफ धान की बंपर आवक हो रही है. वहीं दूसरी तरफ मौसम खराब होने के चलते दामों में गिरावट भी देखने को मिल रही है. ऐसे में भले ही धान की आवक हो रही हो, लेकिन किसानों के चेहरे पर मायूसी देखी जा सकती है. किसानों का कहना है कि सरकार, जिन कृषि कानूनों को लेकर आई है. उस कानून से भी हम किसानों को फसलों का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है. मजबूरन हमें फसलों को औने-पौने दामों में बेचना पड़ रहा है.

मंडी में धान की आवक जारी, लेकिन नाखुश किसान

बता दें कि 365 बीघा में फैली नए कृषि उपज मंडी भी जिंसों के लिए छोटी पड़ गई है. अपनी जींस लेकर आए किसानों को मंडी गेट पर ही जिसों के ढेर लगाने पड़ रहे हैं. जबकि 365 बीघा में तो आराम से डेढ़ लाख बोरी तक जिंसों के ढेर लगाए जा सकते हैं. दिवाली के बाद से ही मंडी में लगातार जिंसों की आवक हो रही है. बुधवार (2 नवंबर) को करीब एक लाख बोरी जींस की आवक हुई, जिसमें करीब 80 हजार बोरी की आवक तो अकेले धान की थी. शाम से ही किसानों का मंडी में पहुंचना शुरू हो जाता है.

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कृषि मंडी में धान की बंपर आवक

यह भी पढ़ें: केंद्र सरकार और किसान के बीच चौथे दौर की वार्ता आज, क्या निकलेगा हल?

मंडी के खाली रहने पर तो उन्हें ढेर लगाने में परेशानी नहीं होती, लेकिन मंडी यार्ड भरे होने पर उन्हें जिंसों से भरे वाहनों को बाहर खड़ा करना पड़ता है. मंगलवार को तुले हुए माल का उठाव नहीं होने से अवस्थाओं का आलम देखने को मिला. देखते ही देखते मंडी में आने जाने वाले के लिए भी बनी दो सड़कों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं. किसानों का कहना है कि यह कैसी व्यवस्था है कि व्यापारियों का माल तो यार्ड के नीचे रखा हुआ है और हमारा माल सड़क पर. वाहनों के टायरों के नीचे किसानों के अरमान पीस रहे हैं और यदि मौसम खराब होता है तो खुले में पड़ा हुआ हमारा माल भीग सकता है. प्रशासनिक अधिकारियों को कहने के बावजूद भी व्यापारियों के सामने प्रशासन नतमस्तक होकर काम कर रहा है.

बूंदी को कहा जाता है धान का कटोरा

छोटी काशी बूंदी को 'धान का कटोरा' भी कहा जाता है. यहां पर युद्ध स्तर पर किसान धान की उपज करते हैं. बूंदी के किसान के साथ मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के किसान भी बूंदी मंडी में धान लेकर पहुंचते हैं. दिवाली के बाद से ही किसान धान के फसल की कटाई करने के साथ ही बूंदी मंडी में लेकर आने शुरू हो गए और रोजाना मंडी में 80 हजार से अधिक धान की बोरियों की आवक हो रही है. यहां देर रात के साथ ही किसान अपनी ट्रालियां लेकर पहुंचते हैं और सुबह अपना नंबर लगाने के साथ ही मंडी में बेच देते हैं. किसानों को बूंदी मंडी में अपना नंबर लगाने के लिए दो से तीन दिन तक का इंतजार करना पड़ता है, तब तक वे लाइनों में ही अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं.

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नहीं मिल रहा किसानों को फसल का वाजिब रेट

यह भी पढ़ें: Special: 'सेम' से उपजाऊ जमीन दलदल में तब्दील, खारा पानी खेतों को बना रहा बंजर...किसान परेशान

बूंदी मंडी में बड़ी तादाद में एक साथ इतनी बोरियों का जमा होना भी अपने आप में बहुत बड़ी बात है. कोरोना संक्रमण के बीच जहां लोग आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं. उधर, मंडी में किसानों की आवाजाही बढ़ रही है और उपज भी. जहां देश में एक ओर किसान कृषि कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं किसानों से मंडी की रौनक लौट रही है. बूंदी कृषि उपज मंडी में जहां तक भी निगाहें जाती हैं, वहां-वहां किसानों का रेला नजर आ रहा है और किसान अपनी उपज को तुलवाता हुआ दिखाई देता है. किसानों की सरकार और प्रशासन से एक ही मांग रहती है कि वह उनकी उपज का अच्छा खासा दाम उन्हें उपलब्ध करवा दे.

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बूंदी मंडी में धान का लगा ढेर

क्या कहना है मंडी सचिव का?

मंडी सचिव राम विलास यादव का कहना है कि अब तक तीन से चार लाख धान की बोरियां आ चुकी हैं. रोजाना करीब एक लाख बोरियों की आवक हो रही है. इसी तरह पिछले कई दिनों से आवक जारी है. मंडी में व्यवस्थाएं माकूल हैं, जगह-जगह पर व्यवस्था करने के लिए गार्ड की व्यवस्था की है. ताकि किसान परेशान न हों. दाम को लेकर व्यापारियों का कहना है कि मंडी में बंपर आवक हो रही है और किसानों को इस संक्रमण के दौर में अच्छा खासा दाम फसलों का मिल रहा है, इसमें कोई दो राय नहीं है.

बूंदी. कृषि मंडी में धान की बंपर आवक होने से दामों में गिरावट होने लगी है. जहां एक तरफ धान की बंपर आवक हो रही है. वहीं दूसरी तरफ मौसम खराब होने के चलते दामों में गिरावट भी देखने को मिल रही है. ऐसे में भले ही धान की आवक हो रही हो, लेकिन किसानों के चेहरे पर मायूसी देखी जा सकती है. किसानों का कहना है कि सरकार, जिन कृषि कानूनों को लेकर आई है. उस कानून से भी हम किसानों को फसलों का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है. मजबूरन हमें फसलों को औने-पौने दामों में बेचना पड़ रहा है.

मंडी में धान की आवक जारी, लेकिन नाखुश किसान

बता दें कि 365 बीघा में फैली नए कृषि उपज मंडी भी जिंसों के लिए छोटी पड़ गई है. अपनी जींस लेकर आए किसानों को मंडी गेट पर ही जिसों के ढेर लगाने पड़ रहे हैं. जबकि 365 बीघा में तो आराम से डेढ़ लाख बोरी तक जिंसों के ढेर लगाए जा सकते हैं. दिवाली के बाद से ही मंडी में लगातार जिंसों की आवक हो रही है. बुधवार (2 नवंबर) को करीब एक लाख बोरी जींस की आवक हुई, जिसमें करीब 80 हजार बोरी की आवक तो अकेले धान की थी. शाम से ही किसानों का मंडी में पहुंचना शुरू हो जाता है.

मंडी में हो रही धान की खरीदारी, किसानों को नहीं मिल रहा फसल का वाजिब रेट,  किसानों के चेहरे पर मायूसी, राजस्थान के किसान, किसान आंदोलन, मंडी में फसलों की खरीद, Bundi Agricultural Market, Rajasthan farmers, farmer protest, Purchase of crops in bundi market
कृषि मंडी में धान की बंपर आवक

यह भी पढ़ें: केंद्र सरकार और किसान के बीच चौथे दौर की वार्ता आज, क्या निकलेगा हल?

मंडी के खाली रहने पर तो उन्हें ढेर लगाने में परेशानी नहीं होती, लेकिन मंडी यार्ड भरे होने पर उन्हें जिंसों से भरे वाहनों को बाहर खड़ा करना पड़ता है. मंगलवार को तुले हुए माल का उठाव नहीं होने से अवस्थाओं का आलम देखने को मिला. देखते ही देखते मंडी में आने जाने वाले के लिए भी बनी दो सड़कों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं. किसानों का कहना है कि यह कैसी व्यवस्था है कि व्यापारियों का माल तो यार्ड के नीचे रखा हुआ है और हमारा माल सड़क पर. वाहनों के टायरों के नीचे किसानों के अरमान पीस रहे हैं और यदि मौसम खराब होता है तो खुले में पड़ा हुआ हमारा माल भीग सकता है. प्रशासनिक अधिकारियों को कहने के बावजूद भी व्यापारियों के सामने प्रशासन नतमस्तक होकर काम कर रहा है.

बूंदी को कहा जाता है धान का कटोरा

छोटी काशी बूंदी को 'धान का कटोरा' भी कहा जाता है. यहां पर युद्ध स्तर पर किसान धान की उपज करते हैं. बूंदी के किसान के साथ मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के किसान भी बूंदी मंडी में धान लेकर पहुंचते हैं. दिवाली के बाद से ही किसान धान के फसल की कटाई करने के साथ ही बूंदी मंडी में लेकर आने शुरू हो गए और रोजाना मंडी में 80 हजार से अधिक धान की बोरियों की आवक हो रही है. यहां देर रात के साथ ही किसान अपनी ट्रालियां लेकर पहुंचते हैं और सुबह अपना नंबर लगाने के साथ ही मंडी में बेच देते हैं. किसानों को बूंदी मंडी में अपना नंबर लगाने के लिए दो से तीन दिन तक का इंतजार करना पड़ता है, तब तक वे लाइनों में ही अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं.

मंडी में हो रही धान की खरीदारी, किसानों को नहीं मिल रहा फसल का वाजिब रेट,  किसानों के चेहरे पर मायूसी, राजस्थान के किसान, किसान आंदोलन, मंडी में फसलों की खरीद, Bundi Agricultural Market, Rajasthan farmers, farmer protest, Purchase of crops in bundi market
नहीं मिल रहा किसानों को फसल का वाजिब रेट

यह भी पढ़ें: Special: 'सेम' से उपजाऊ जमीन दलदल में तब्दील, खारा पानी खेतों को बना रहा बंजर...किसान परेशान

बूंदी मंडी में बड़ी तादाद में एक साथ इतनी बोरियों का जमा होना भी अपने आप में बहुत बड़ी बात है. कोरोना संक्रमण के बीच जहां लोग आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं. उधर, मंडी में किसानों की आवाजाही बढ़ रही है और उपज भी. जहां देश में एक ओर किसान कृषि कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं किसानों से मंडी की रौनक लौट रही है. बूंदी कृषि उपज मंडी में जहां तक भी निगाहें जाती हैं, वहां-वहां किसानों का रेला नजर आ रहा है और किसान अपनी उपज को तुलवाता हुआ दिखाई देता है. किसानों की सरकार और प्रशासन से एक ही मांग रहती है कि वह उनकी उपज का अच्छा खासा दाम उन्हें उपलब्ध करवा दे.

मंडी में हो रही धान की खरीदारी, किसानों को नहीं मिल रहा फसल का वाजिब रेट,  किसानों के चेहरे पर मायूसी, राजस्थान के किसान, किसान आंदोलन, मंडी में फसलों की खरीद, Bundi Agricultural Market, Rajasthan farmers, farmer protest, Purchase of crops in bundi market
बूंदी मंडी में धान का लगा ढेर

क्या कहना है मंडी सचिव का?

मंडी सचिव राम विलास यादव का कहना है कि अब तक तीन से चार लाख धान की बोरियां आ चुकी हैं. रोजाना करीब एक लाख बोरियों की आवक हो रही है. इसी तरह पिछले कई दिनों से आवक जारी है. मंडी में व्यवस्थाएं माकूल हैं, जगह-जगह पर व्यवस्था करने के लिए गार्ड की व्यवस्था की है. ताकि किसान परेशान न हों. दाम को लेकर व्यापारियों का कहना है कि मंडी में बंपर आवक हो रही है और किसानों को इस संक्रमण के दौर में अच्छा खासा दाम फसलों का मिल रहा है, इसमें कोई दो राय नहीं है.

Last Updated : Dec 4, 2020, 11:08 AM IST
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