बूंदी. जिले की कुआरती मंडी में लंबे समय बाद किसानों की वापसी से रौनक लौटने लगी है और किसान अपनी उपज को लेकर यहां पहुंच रहे हैं. ऐसे में किसानों की समस्याएं वापस से सामने आने के बाद किसानों का प्रदर्शन भी देखने को मिल रहा है.
वहीं, गुरुवार को मंडी में अव्यवस्थाओं का आलम देखते हुए किसानों ने बूंदी मंडी के दोनों मुख्य दरवाजों पर ताला जड़कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. हंगामे की सूचना पर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और किसानों से समझाइश की, लेकिन किसान नहीं माने और मौके पर जिला कलेक्टर को बुलाने की मांग करने लगे.
ऐसे में बूंदी जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने बूंदी तहसीलदार को अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर भेजा और किसानों से वार्ता की. करीब 2 घंटे तक किसानों ने बूंदी मंडी गेट के बाहर प्रदर्शन किया और गेट को खोलने नहीं दिया. किसानों का एक दल मंडी सचिव और तहसीलदार की वार्ता में शामिल हुआ.
जहां पर किसानों ने कहा कि 2 दिन पहले हुई बरसात के चलते खुले में रखा हुआ और किसानों का माल खराब हो गया और किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. और उस माल का किसान कम दाम ले रहे हैं. जबकि सरकार ने कई दावे किए हुए हैं, लेकिन फिर भी सरकार के नियमों का व्यापारी ठेंगा दिखा रहे हैं. जो मंडी के यार्ड बने हुए हैं उन पर व्यापारियों ने अपना माल जमाया हुआ है.
ऐसे में किसानों को कोई जगह नहीं मिल पा रही है और व्यापारी किसानों को दबाने में तुले हुए हैं ऐसे में हमने कई बार किसानों की मांगों को लेकर व्यापार से बात भी की लेकिन व्यापारी नहीं माने ऐसे में हमने प्रदर्शन करना उचित समझा है.
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बूंदी जिले की मंडी में कई यार्डों पर व्यापारियों के माल का कब्जा रहता है. व्यापारी अपने माल को हटा नहीं पाते और किसानों को जगह नहीं मिल पाती ऐसे में किसानों ने प्रदर्शन कर अपनी मांगे मनवाने को लेकर प्रदर्शन करने पर मजबूर होते है. प्रशासन ने किसानों की सभी मांगें मान ली है और मौके से व्यापारियों के माल को उठवा कर वहां पर फिर से व्यवस्था सुचारु कर दी है. करीब 2 घंटे तक चली वार्ता के बाद किसान माने और मंडी का गेट खोला. इस दौरान मंडी में जाम से भारी यातायात प्रभावित हो गया.