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बूंदी में ट्रैक्टर रैली लेकर पहुंचे किसान...चक्का जाम की चेतावनी - protest of farmers in Bundi

बूंदी में किसान विरोधी तीनों कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी कृषि उत्पादों की खरीद सुनिश्चित करने की मांग को लेकर किसानों ने आक्रोश रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट का घेराव कर प्रदर्शन किया.

Farmers protest outside the collectorate, बूंदी में किसानों का आक्रोश प्रदर्शन
कलेक्ट्रेट के बाहर किया प्रदर्शन
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Published : Dec 14, 2020, 5:55 PM IST

बूंदी. भारतीय किसान एकता ने सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन किसान विरोधी काले कानून वापस लेने के लिए शहर में आक्रोश रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट का घेराव कर प्रदर्शन किया. बता दें कि उपरोक्त मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा के किसान गत 19 दिनों से दिल्ली की सीमा पर बैठे हैं.

कलेक्ट्रेट के बाहर किया प्रदर्शन

जिले के किसानों ने रैली के माध्यम से सरकार आग्रह किया कि किसान विरोधी बिल वापस लिए जाएं और किसानों की उपरोक्त मांगें पूरी की जाए अन्यथा मांगें नहीं मानने पर भारतीय किसान एकता राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करेंगे और उग्र प्रदर्शन करेंगे.

इससे पूर्व सभी किसान लंका गेट स्थित पुरानी धान मंडी में एकत्रित हुए, जहां किसानों की सभा आयोजित हुई. जिसमें सभी ने एकमत से केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों काले कानून वापस लेने तक आंदोलन जारी रखने पर सहमति बनी. इसके उपरांत सभी किसान ट्रैक्टर ट्रॉली, मोटरसाइकिल से रैली के रूप में मुख्य मार्गो से होते हुए अदालत के बाहर पहुंचे. जहां जिला कलेक्टर को बाहर आकर ज्ञापन लेने की मांग पर अड़े रहे और कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठ गए.

पढ़ें- हरियाणा सीमा पर डटे राजस्थान के किसान, एक दिन के उपवास पर रामपाल जाट

जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिला प्रशासन को हाईवे जाम करने तक की चेतावनी दी. अंत में अतिरिक्त जिला कलेक्टर एयू खान ने बाहर आकर किसानों से ज्ञापन लिया. जिसके जिसके उपरांत किसानों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया. बता दें कि इससे पूर्व किसानों का नेशनल हाईवे 52 को जाम करने की चेतावनी प्रशासन को दी गई थी, लेकिन प्रशासन द्वारा किसानों से समझाइस करने के बाद किसानों ने नेशनल हाईवे जाम का प्रदर्शन टालते हुए बूंदी जिला कलेक्ट्रेट के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. करीब 2 घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद किसानों ने ज्ञापन देते हुए बूंदी में चक्का जाम की चेतावनी दी है. वहीं किसानों के प्रदर्शन को लेकर बूंदी में पुलिस व्यवस्था चाक-चौबंद रही. यहां पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवान तैनात रहे, वहीं बूंदी जिला कलेक्टर छावनी के रूप में दिखा.

बूंदी. भारतीय किसान एकता ने सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन किसान विरोधी काले कानून वापस लेने के लिए शहर में आक्रोश रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट का घेराव कर प्रदर्शन किया. बता दें कि उपरोक्त मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा के किसान गत 19 दिनों से दिल्ली की सीमा पर बैठे हैं.

कलेक्ट्रेट के बाहर किया प्रदर्शन

जिले के किसानों ने रैली के माध्यम से सरकार आग्रह किया कि किसान विरोधी बिल वापस लिए जाएं और किसानों की उपरोक्त मांगें पूरी की जाए अन्यथा मांगें नहीं मानने पर भारतीय किसान एकता राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करेंगे और उग्र प्रदर्शन करेंगे.

इससे पूर्व सभी किसान लंका गेट स्थित पुरानी धान मंडी में एकत्रित हुए, जहां किसानों की सभा आयोजित हुई. जिसमें सभी ने एकमत से केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों काले कानून वापस लेने तक आंदोलन जारी रखने पर सहमति बनी. इसके उपरांत सभी किसान ट्रैक्टर ट्रॉली, मोटरसाइकिल से रैली के रूप में मुख्य मार्गो से होते हुए अदालत के बाहर पहुंचे. जहां जिला कलेक्टर को बाहर आकर ज्ञापन लेने की मांग पर अड़े रहे और कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठ गए.

पढ़ें- हरियाणा सीमा पर डटे राजस्थान के किसान, एक दिन के उपवास पर रामपाल जाट

जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिला प्रशासन को हाईवे जाम करने तक की चेतावनी दी. अंत में अतिरिक्त जिला कलेक्टर एयू खान ने बाहर आकर किसानों से ज्ञापन लिया. जिसके जिसके उपरांत किसानों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया. बता दें कि इससे पूर्व किसानों का नेशनल हाईवे 52 को जाम करने की चेतावनी प्रशासन को दी गई थी, लेकिन प्रशासन द्वारा किसानों से समझाइस करने के बाद किसानों ने नेशनल हाईवे जाम का प्रदर्शन टालते हुए बूंदी जिला कलेक्ट्रेट के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. करीब 2 घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद किसानों ने ज्ञापन देते हुए बूंदी में चक्का जाम की चेतावनी दी है. वहीं किसानों के प्रदर्शन को लेकर बूंदी में पुलिस व्यवस्था चाक-चौबंद रही. यहां पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवान तैनात रहे, वहीं बूंदी जिला कलेक्टर छावनी के रूप में दिखा.

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