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Farmers Chakka Jam: बूंदी में भी सड़कों पर उतरे किसान, कृषि कानूनों को निरस्त करने की उठाई मांग

कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के तहत किसानों ने देशव्यापी आह्वान के तहत बूंदी जिले से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग 52, स्टेट हाईवे 148 डी, स्टेट हाईवे 29 सहित कई स्थानों पर चक्का जाम लगाकर किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की.

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बूंदी में किसानों का चक्का जाम
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Published : Feb 6, 2021, 10:36 PM IST

बूंदी. कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के तहत किसानों ने देशव्यापी आह्वान के तहत बूंदी जिले से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग 52, स्टेट हाईवे 148 डी, स्टेट हाईवे 29 सहित कई स्थानों पर चक्का जाम लगाकर किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की. किसानों ने यहां बूंदी में राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर टनल के पास एवं चतरगंज, 148 डी स्टेट हाईवे नैनवां, कोटा लालसोट मेगा हाईवे पर केशोरायपाटन, अनरेठा के पास, लबान स्टेशन रोड तथा स्टेट हाईवे 29 खटकड़ चौराहे सहित करीब एक दर्जन जगहों पर किसानों ने दोपहर 12 से 3 बजे तक हाईवे को जाम कर सड़क पर सभाएं आयोजित की.

बूंदी में किसानों का चक्का जाम

यहां बूंदी टनल पर किसानों की हुई सभा में सभी किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने किसान विरोधी बिल को वापस नहीं लिया तो वह उग्र आंदोलन करेंगे और सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे. वक्ताओं ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सरकार किसान विरोधी है और यह तीनों कृषि कानून किसानों को गर्त में ले जाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार चंद कारोबारियों के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई है और इन्हीं कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह तीनों कृषि कानून पारित करवाए गए हैं.

पढ़ें: राजस्थान निकाय चुनाव 2021: 46 निकायों में निर्दलीय के हाथ में कांग्रेस-भाजपा का भविष्य

देश के किसानों के हक की लड़ाई में कांग्रेस पार्टी का हर कार्यकर्ता किसानों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है और मोदी सरकार को किसानों के हक में यह तीनों कृषि कानून वापस लेने ही होंगे. किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने की वजह से यहां सड़क पर दोनों और वाहनों की लंबी कतारें लग गई. चक्का जाम खत्म होने के बाद यहां एक साथ वाहनों का रेला गुजरता हुआ नजर आया है. किसान सभा को संबोधित करने के लिए खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना का भी कार्यक्रम था. लेकिन किन्ही कारणों के चलते खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना का कार्यक्रम स्थगित हो गया. इसी तरह स्टेट हाईवे 29 पर खटकड़ चौराहे पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले एकत्रित हुए किसानों ने यहां स्टेट हाईवे 29 को जाम कर दिया. यहां पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा भी किसानों के साथ चक्का जाम में भाग लेने खटकड़ पहुंचे.

किसान संघर्ष समिति के जिला संयोजक संदीप पुरोहित ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह मोदी सरकार अपने चंद उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए देश की मंडी व्यवस्था को खत्म करना चाहती है. लेकिन कांग्रेस पार्टी देश के किसानों के साथ छलावा नहीं होने देगी. पुरोहित ने कहा कि मोदी सरकार को अपना हठयोग त्याग कर देश के किसानों के हित में इन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कर देश के किसानों की उन्नति के लिए एमएसपी पर गारंटी कानून लागू करना चाहिए.

बूंदी. कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के तहत किसानों ने देशव्यापी आह्वान के तहत बूंदी जिले से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग 52, स्टेट हाईवे 148 डी, स्टेट हाईवे 29 सहित कई स्थानों पर चक्का जाम लगाकर किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की. किसानों ने यहां बूंदी में राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर टनल के पास एवं चतरगंज, 148 डी स्टेट हाईवे नैनवां, कोटा लालसोट मेगा हाईवे पर केशोरायपाटन, अनरेठा के पास, लबान स्टेशन रोड तथा स्टेट हाईवे 29 खटकड़ चौराहे सहित करीब एक दर्जन जगहों पर किसानों ने दोपहर 12 से 3 बजे तक हाईवे को जाम कर सड़क पर सभाएं आयोजित की.

बूंदी में किसानों का चक्का जाम

यहां बूंदी टनल पर किसानों की हुई सभा में सभी किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने किसान विरोधी बिल को वापस नहीं लिया तो वह उग्र आंदोलन करेंगे और सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे. वक्ताओं ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सरकार किसान विरोधी है और यह तीनों कृषि कानून किसानों को गर्त में ले जाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार चंद कारोबारियों के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई है और इन्हीं कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह तीनों कृषि कानून पारित करवाए गए हैं.

पढ़ें: राजस्थान निकाय चुनाव 2021: 46 निकायों में निर्दलीय के हाथ में कांग्रेस-भाजपा का भविष्य

देश के किसानों के हक की लड़ाई में कांग्रेस पार्टी का हर कार्यकर्ता किसानों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है और मोदी सरकार को किसानों के हक में यह तीनों कृषि कानून वापस लेने ही होंगे. किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने की वजह से यहां सड़क पर दोनों और वाहनों की लंबी कतारें लग गई. चक्का जाम खत्म होने के बाद यहां एक साथ वाहनों का रेला गुजरता हुआ नजर आया है. किसान सभा को संबोधित करने के लिए खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना का भी कार्यक्रम था. लेकिन किन्ही कारणों के चलते खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना का कार्यक्रम स्थगित हो गया. इसी तरह स्टेट हाईवे 29 पर खटकड़ चौराहे पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले एकत्रित हुए किसानों ने यहां स्टेट हाईवे 29 को जाम कर दिया. यहां पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा भी किसानों के साथ चक्का जाम में भाग लेने खटकड़ पहुंचे.

किसान संघर्ष समिति के जिला संयोजक संदीप पुरोहित ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह मोदी सरकार अपने चंद उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए देश की मंडी व्यवस्था को खत्म करना चाहती है. लेकिन कांग्रेस पार्टी देश के किसानों के साथ छलावा नहीं होने देगी. पुरोहित ने कहा कि मोदी सरकार को अपना हठयोग त्याग कर देश के किसानों के हित में इन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कर देश के किसानों की उन्नति के लिए एमएसपी पर गारंटी कानून लागू करना चाहिए.

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