बूंदी. अब कार्बन व प्लास्टिक से सेल नहीं बनेगा. क्योंकि बूंदी शहर के एंटरप्रेन्योर नवीन सुमन ने एलोवेरा जेल से 1.5 वोल्ट का इको फ्रेंडली एलोई-ई सेल तैयार कर पूरे विश्व में भारत, राजस्थान व जिले का नाम रोशन कर दिया है.नवीन सुमन ने अपनी सहयोगी निमिषा वर्मा के साथ अपने इस एलएसएल प्रोजेक्ट का 1 से 5 अक्टूबर तक श्नाइडर इलेक्ट्रिकल द्वारा स्पेन में के बार्सिलोना में आयोजित सेमिनार में प्रेजेंटेशन दिया और 'गो ग्रीन इन द सिटी' के विजेता बनें.
एंटरप्रेन्योर नवीन ने बताया कि श्नाइडर इलेक्ट्रिकल जो लगभग 100 देशों में कार्यरत है. यहां पर हर साल करवाए जाने वाले कंपटीशन 'गो ग्रीन इन द सिटी' के अंतर्गत उनकी टीम को भारत देश के लिए चुना गया था. प्रोग्राम का उद्देश्य आने वाले भविष्य के लिए दुनिया में क्लीन और ग्रीन एनर्जी सलूशन को बढ़ा देना था. पूरे विश्व से इंडिया, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, हांगकांग, एशिया पेसिफिक, बेल्जियम से 7 टीमों को चुना गया था. जिसमें नवीन सुमन और निमिषा वर्मा की टीम ने भारत की तरफ से हिस्सा लिया था. नवीन ने बताया कि उनके द्वारा 99 प्रतिशत इको फ्रेंडली यह सेल तैयार किया गया है. जो इको फ्रेंडली है और ब्लास्ट नहीं हो सकता. यह सेल 1.5 वोल्ट का है. इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता.
नवीन सुमन अपने इस प्रोजेक्ट पर पिछले 1 वर्ष से कार्य कर रहे हैं. जब यह सेल बाजार में आएगा, तो इसकी कीमत ₹9 से 10 रुपये होगी. नवीन जल्दी ही इसका पैटर्न भी तैयार कराने जा रहे हैं. नवीन द्वारा दिए गए इस प्रेजेंटेशन में मौजूद जोड़ी ने 'गो ग्रीन इन द सिटी' के अंतर्गत बेस्ट इनोवेशन प्रोजेक्ट माना और ग्रो इन द सिटी के विजेता बनकर देश का नाम रोशन किया है.
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इससे पहले भी नवीन ने स्टार्टअप के लिए सिलिकॉन वैली, अमेरिका और दुबई में भी देश का नाम रोशन कर चुके हैं. गत वर्ष भारत सरकार ने एक्सपोजर के लिए सिलिकॉन वैली भेजा था. नवीन ने एप्पल, गूगल, इंटेल नासा और कहीं विख्यात कंपनियों में विजिट कर चुके हैं. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बेरकेली, नॉर्थ ईस्टर्न यूनिवर्सिटी, ड्रेपर यूनिवर्सिटी जैसी कई यूनिवर्सिटी में एक्स्पोजर कर लिया है. नवीन क्लाइमेंट लॉन्चपेड के नेशनल फाइनल्स में भी पहुचे है. इसके लिए फरवरी में दुबई कॉन्फ्रेंस में बुलाया गया था.
एंटरप्रेन्योर नवीन ने वेदांता कॉलेज से सिविल से बी.टेक किया है. लेकिन रिसर्च में रुचि रखने के कारण नवीन अपने सिविल क्षेत्र को छोड़ते हुए 3 साल से ई-कॉमर्स में वर्क कर रहे हैं. नवीन के विजेता बनने की सूचना से ही भारत पहुंची तो नवीन के घर में बधाई देने वालों का तांता लग गया.
मार्केट में केमिकल युक्त सेल
नवीन ने बताया कि आज जिस तरीके से पूरे देश में पर्यावरण से हटकर खतरनाक केमिकल के जरिए सेल का निर्माण किया जा रहा है और फुल पावर के सेल मार्केट में बिक रहे हैं. ऐसे में लोग उनसे लोगों यूज होने के बाद कहीं पर भी फेंक देते हैं जो की खतरनाक साबित हो सकते हैं और बहुत से देशों में खतरनाक साबित भी हो रहे हैं. इन केमिकल की वजह से यह भी सामने आया कि लोगों को खतरनाक बीमारी का सामना इस दौरान करना पड़ा है. उन्होंने बताया कि सेल में उपयोग में लिए जाने वाली सामग्री भारत बाहर से मंगाता है और केवल इंडिया में 7 ऐसी जगह है. जहां पर इस तरीके के कार्य होते हैं और उनके आस पास पाए जाने वाले लोगों को इन खतरनाक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है.
चुनौती ने बनाया यह सेल
नवीन कुमार बताते हैं कि एलोवेरा जेल से तैयार किया गया एलएसएल बनाना एक चुनौती था. लेकिन उनका कहना था कि वह अपने जीवन में पर्यावरण से संबंधित काम करें और ऐसी चीज बनाकर भारत को दें. जिसका यूज सब कर सकें और इको फ्रेंडली हो. इस दौरान उन्होंने पाया कि लोग सबसे ज्यादा सेल को यानी बैटरी को यूज में लेते हैं, तो क्यों ना पर्यावरण के लिए अच्छा साबित हो. ऐसा प्रयास किया जाए तो तब से ही नवीन सुमन ने लक्ष्य तैयार किया और अपने काम में जुट गए. उन्होंने 1 साल पहले इको फ्रेंडली एलएसएल तैयार करने की मुहिम शुरू की और अपने मिशन में जुट गए और एलोवेरा जेल से कई रिसर्च करना शुरू किए. नवीन सुमन ने बताया कि उन्होंने एलोवेरा के माध्यम से अन्य चीजों को मिलाकर रसायन को तैयार किया और उसे एलोई ई सेल का नाम दिया. जिसमें 1. 5 वोल्ट है और पूरी तरह से इको फ्रेंडली वह सेल है.