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स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी के नवीन सुमन ने किया कमाल...एलोवेरा जेल से तैयार किया एलोई ई-सेल

बूंदी निवासी नवीन सुमन ने एलोवेरा जेल से इको फ्रेंडली एलोय ई-सेल तैयार किया है. जो इको फ्रेंडली है और आमजन के लिए भी वह नुकसान दाई नहीं होगा. एलोवेरा जेल से 1.5 वोल्ट का इको फ्रेंडली सेल तैयार कर लिया गया है. जिसको स्पेन के बार्सिलोना में आयोजित सेमिनार में इस सेल को तैयार करने पर नवीन सुमन 'गो ग्रीन इन द सिटी' के विजेता बनें.

Alloy E-Cell, bundi news, बूंदी समाचार, एलोय ई-सेल
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Published : Oct 10, 2019, 5:43 PM IST

बूंदी. अब कार्बन व प्लास्टिक से सेल नहीं बनेगा. क्योंकि बूंदी शहर के एंटरप्रेन्योर नवीन सुमन ने एलोवेरा जेल से 1.5 वोल्ट का इको फ्रेंडली एलोई-ई सेल तैयार कर पूरे विश्व में भारत, राजस्थान व जिले का नाम रोशन कर दिया है.नवीन सुमन ने अपनी सहयोगी निमिषा वर्मा के साथ अपने इस एलएसएल प्रोजेक्ट का 1 से 5 अक्टूबर तक श्नाइडर इलेक्ट्रिकल द्वारा स्पेन में के बार्सिलोना में आयोजित सेमिनार में प्रेजेंटेशन दिया और 'गो ग्रीन इन द सिटी' के विजेता बनें.

बूंदी के नवीन सुमन ने किया कमाल.. एलोवेरा जेल से तैयार किया एलोई ई-सेल

एंटरप्रेन्योर नवीन ने बताया कि श्नाइडर इलेक्ट्रिकल जो लगभग 100 देशों में कार्यरत है. यहां पर हर साल करवाए जाने वाले कंपटीशन 'गो ग्रीन इन द सिटी' के अंतर्गत उनकी टीम को भारत देश के लिए चुना गया था. प्रोग्राम का उद्देश्य आने वाले भविष्य के लिए दुनिया में क्लीन और ग्रीन एनर्जी सलूशन को बढ़ा देना था. पूरे विश्व से इंडिया, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, हांगकांग, एशिया पेसिफिक, बेल्जियम से 7 टीमों को चुना गया था. जिसमें नवीन सुमन और निमिषा वर्मा की टीम ने भारत की तरफ से हिस्सा लिया था. नवीन ने बताया कि उनके द्वारा 99 प्रतिशत इको फ्रेंडली यह सेल तैयार किया गया है. जो इको फ्रेंडली है और ब्लास्ट नहीं हो सकता. यह सेल 1.5 वोल्ट का है. इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता.
नवीन सुमन अपने इस प्रोजेक्ट पर पिछले 1 वर्ष से कार्य कर रहे हैं. जब यह सेल बाजार में आएगा, तो इसकी कीमत ₹9 से 10 रुपये होगी. नवीन जल्दी ही इसका पैटर्न भी तैयार कराने जा रहे हैं. नवीन द्वारा दिए गए इस प्रेजेंटेशन में मौजूद जोड़ी ने 'गो ग्रीन इन द सिटी' के अंतर्गत बेस्ट इनोवेशन प्रोजेक्ट माना और ग्रो इन द सिटी के विजेता बनकर देश का नाम रोशन किया है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट : सांचौर का एक ऐसा स्कूल जहां पढ़ने से पहले पानी की करनी पड़ती है व्यवस्था

इससे पहले भी नवीन ने स्टार्टअप के लिए सिलिकॉन वैली, अमेरिका और दुबई में भी देश का नाम रोशन कर चुके हैं. गत वर्ष भारत सरकार ने एक्सपोजर के लिए सिलिकॉन वैली भेजा था. नवीन ने एप्पल, गूगल, इंटेल नासा और कहीं विख्यात कंपनियों में विजिट कर चुके हैं. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बेरकेली, नॉर्थ ईस्टर्न यूनिवर्सिटी, ड्रेपर यूनिवर्सिटी जैसी कई यूनिवर्सिटी में एक्स्पोजर कर लिया है. नवीन क्लाइमेंट लॉन्चपेड के नेशनल फाइनल्स में भी पहुचे है. इसके लिए फरवरी में दुबई कॉन्फ्रेंस में बुलाया गया था.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: खानवा के मैदान में ही राणा सांगा को लगे थे 80 घाव...आज भी देखी जा सकती है गोला-बारूद से छलनी पहाड़ी

एंटरप्रेन्योर नवीन ने वेदांता कॉलेज से सिविल से बी.टेक किया है. लेकिन रिसर्च में रुचि रखने के कारण नवीन अपने सिविल क्षेत्र को छोड़ते हुए 3 साल से ई-कॉमर्स में वर्क कर रहे हैं. नवीन के विजेता बनने की सूचना से ही भारत पहुंची तो नवीन के घर में बधाई देने वालों का तांता लग गया.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: नशे की लत से युवाओं को दूर करती नशा मुक्ति टीम...अब तक 5 हजार युवाओं की संवारी जिंदगी

मार्केट में केमिकल युक्त सेल
नवीन ने बताया कि आज जिस तरीके से पूरे देश में पर्यावरण से हटकर खतरनाक केमिकल के जरिए सेल का निर्माण किया जा रहा है और फुल पावर के सेल मार्केट में बिक रहे हैं. ऐसे में लोग उनसे लोगों यूज होने के बाद कहीं पर भी फेंक देते हैं जो की खतरनाक साबित हो सकते हैं और बहुत से देशों में खतरनाक साबित भी हो रहे हैं. इन केमिकल की वजह से यह भी सामने आया कि लोगों को खतरनाक बीमारी का सामना इस दौरान करना पड़ा है. उन्होंने बताया कि सेल में उपयोग में लिए जाने वाली सामग्री भारत बाहर से मंगाता है और केवल इंडिया में 7 ऐसी जगह है. जहां पर इस तरीके के कार्य होते हैं और उनके आस पास पाए जाने वाले लोगों को इन खतरनाक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्टः नेहड़ा बांध का पानी साफ रखने के लिए कवायद शुरू, 4 माह के लिए तीन चरणों में रुकेगा पानी

चुनौती ने बनाया यह सेल
नवीन कुमार बताते हैं कि एलोवेरा जेल से तैयार किया गया एलएसएल बनाना एक चुनौती था. लेकिन उनका कहना था कि वह अपने जीवन में पर्यावरण से संबंधित काम करें और ऐसी चीज बनाकर भारत को दें. जिसका यूज सब कर सकें और इको फ्रेंडली हो. इस दौरान उन्होंने पाया कि लोग सबसे ज्यादा सेल को यानी बैटरी को यूज में लेते हैं, तो क्यों ना पर्यावरण के लिए अच्छा साबित हो. ऐसा प्रयास किया जाए तो तब से ही नवीन सुमन ने लक्ष्य तैयार किया और अपने काम में जुट गए. उन्होंने 1 साल पहले इको फ्रेंडली एलएसएल तैयार करने की मुहिम शुरू की और अपने मिशन में जुट गए और एलोवेरा जेल से कई रिसर्च करना शुरू किए. नवीन सुमन ने बताया कि उन्होंने एलोवेरा के माध्यम से अन्य चीजों को मिलाकर रसायन को तैयार किया और उसे एलोई ई सेल का नाम दिया. जिसमें 1. 5 वोल्ट है और पूरी तरह से इको फ्रेंडली वह सेल है.

बूंदी. अब कार्बन व प्लास्टिक से सेल नहीं बनेगा. क्योंकि बूंदी शहर के एंटरप्रेन्योर नवीन सुमन ने एलोवेरा जेल से 1.5 वोल्ट का इको फ्रेंडली एलोई-ई सेल तैयार कर पूरे विश्व में भारत, राजस्थान व जिले का नाम रोशन कर दिया है.नवीन सुमन ने अपनी सहयोगी निमिषा वर्मा के साथ अपने इस एलएसएल प्रोजेक्ट का 1 से 5 अक्टूबर तक श्नाइडर इलेक्ट्रिकल द्वारा स्पेन में के बार्सिलोना में आयोजित सेमिनार में प्रेजेंटेशन दिया और 'गो ग्रीन इन द सिटी' के विजेता बनें.

बूंदी के नवीन सुमन ने किया कमाल.. एलोवेरा जेल से तैयार किया एलोई ई-सेल

एंटरप्रेन्योर नवीन ने बताया कि श्नाइडर इलेक्ट्रिकल जो लगभग 100 देशों में कार्यरत है. यहां पर हर साल करवाए जाने वाले कंपटीशन 'गो ग्रीन इन द सिटी' के अंतर्गत उनकी टीम को भारत देश के लिए चुना गया था. प्रोग्राम का उद्देश्य आने वाले भविष्य के लिए दुनिया में क्लीन और ग्रीन एनर्जी सलूशन को बढ़ा देना था. पूरे विश्व से इंडिया, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, हांगकांग, एशिया पेसिफिक, बेल्जियम से 7 टीमों को चुना गया था. जिसमें नवीन सुमन और निमिषा वर्मा की टीम ने भारत की तरफ से हिस्सा लिया था. नवीन ने बताया कि उनके द्वारा 99 प्रतिशत इको फ्रेंडली यह सेल तैयार किया गया है. जो इको फ्रेंडली है और ब्लास्ट नहीं हो सकता. यह सेल 1.5 वोल्ट का है. इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता.
नवीन सुमन अपने इस प्रोजेक्ट पर पिछले 1 वर्ष से कार्य कर रहे हैं. जब यह सेल बाजार में आएगा, तो इसकी कीमत ₹9 से 10 रुपये होगी. नवीन जल्दी ही इसका पैटर्न भी तैयार कराने जा रहे हैं. नवीन द्वारा दिए गए इस प्रेजेंटेशन में मौजूद जोड़ी ने 'गो ग्रीन इन द सिटी' के अंतर्गत बेस्ट इनोवेशन प्रोजेक्ट माना और ग्रो इन द सिटी के विजेता बनकर देश का नाम रोशन किया है.

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इससे पहले भी नवीन ने स्टार्टअप के लिए सिलिकॉन वैली, अमेरिका और दुबई में भी देश का नाम रोशन कर चुके हैं. गत वर्ष भारत सरकार ने एक्सपोजर के लिए सिलिकॉन वैली भेजा था. नवीन ने एप्पल, गूगल, इंटेल नासा और कहीं विख्यात कंपनियों में विजिट कर चुके हैं. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बेरकेली, नॉर्थ ईस्टर्न यूनिवर्सिटी, ड्रेपर यूनिवर्सिटी जैसी कई यूनिवर्सिटी में एक्स्पोजर कर लिया है. नवीन क्लाइमेंट लॉन्चपेड के नेशनल फाइनल्स में भी पहुचे है. इसके लिए फरवरी में दुबई कॉन्फ्रेंस में बुलाया गया था.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: खानवा के मैदान में ही राणा सांगा को लगे थे 80 घाव...आज भी देखी जा सकती है गोला-बारूद से छलनी पहाड़ी

एंटरप्रेन्योर नवीन ने वेदांता कॉलेज से सिविल से बी.टेक किया है. लेकिन रिसर्च में रुचि रखने के कारण नवीन अपने सिविल क्षेत्र को छोड़ते हुए 3 साल से ई-कॉमर्स में वर्क कर रहे हैं. नवीन के विजेता बनने की सूचना से ही भारत पहुंची तो नवीन के घर में बधाई देने वालों का तांता लग गया.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: नशे की लत से युवाओं को दूर करती नशा मुक्ति टीम...अब तक 5 हजार युवाओं की संवारी जिंदगी

मार्केट में केमिकल युक्त सेल
नवीन ने बताया कि आज जिस तरीके से पूरे देश में पर्यावरण से हटकर खतरनाक केमिकल के जरिए सेल का निर्माण किया जा रहा है और फुल पावर के सेल मार्केट में बिक रहे हैं. ऐसे में लोग उनसे लोगों यूज होने के बाद कहीं पर भी फेंक देते हैं जो की खतरनाक साबित हो सकते हैं और बहुत से देशों में खतरनाक साबित भी हो रहे हैं. इन केमिकल की वजह से यह भी सामने आया कि लोगों को खतरनाक बीमारी का सामना इस दौरान करना पड़ा है. उन्होंने बताया कि सेल में उपयोग में लिए जाने वाली सामग्री भारत बाहर से मंगाता है और केवल इंडिया में 7 ऐसी जगह है. जहां पर इस तरीके के कार्य होते हैं और उनके आस पास पाए जाने वाले लोगों को इन खतरनाक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्टः नेहड़ा बांध का पानी साफ रखने के लिए कवायद शुरू, 4 माह के लिए तीन चरणों में रुकेगा पानी

चुनौती ने बनाया यह सेल
नवीन कुमार बताते हैं कि एलोवेरा जेल से तैयार किया गया एलएसएल बनाना एक चुनौती था. लेकिन उनका कहना था कि वह अपने जीवन में पर्यावरण से संबंधित काम करें और ऐसी चीज बनाकर भारत को दें. जिसका यूज सब कर सकें और इको फ्रेंडली हो. इस दौरान उन्होंने पाया कि लोग सबसे ज्यादा सेल को यानी बैटरी को यूज में लेते हैं, तो क्यों ना पर्यावरण के लिए अच्छा साबित हो. ऐसा प्रयास किया जाए तो तब से ही नवीन सुमन ने लक्ष्य तैयार किया और अपने काम में जुट गए. उन्होंने 1 साल पहले इको फ्रेंडली एलएसएल तैयार करने की मुहिम शुरू की और अपने मिशन में जुट गए और एलोवेरा जेल से कई रिसर्च करना शुरू किए. नवीन सुमन ने बताया कि उन्होंने एलोवेरा के माध्यम से अन्य चीजों को मिलाकर रसायन को तैयार किया और उसे एलोई ई सेल का नाम दिया. जिसमें 1. 5 वोल्ट है और पूरी तरह से इको फ्रेंडली वह सेल है.

Intro:अब कार्बन व प्लास्टिक से सेल नहीं बनेगा क्योंकि अब एक ऐसा सेल तैयार किया गया है जो पर्यावरण के लिए अच्छा होगा । यहां पर बूंदी निवासी नवीन सुमन ने एलोवेरा जेल से एक एलोई ई सेल तैयार किया है जो इको फ्रेंडली है और आमजन के लिए भी वह नुकसान दाई नहीं होगा। एलोवेरा जेल से 1. 5 वाल्ट का इको फ्रेंडली सेल तैयार कर लिया गया है और स्पेन के बार्सिलोना में आयोजित सेमिनार में इस सेल को तैयार करने पर इन द सिटी के विजेता भारत को बनाया है ।


Body:बूंदी । अब कार्बन व प्लास्टिक से सेल नहीं बनेगा क्योंकि बूंदी शहर के एंटरप्रेन्योर नवीन सुमन ने एलोवेरा जेल से 1.5 वाल्ट का इको फ्रेंडली एलोई ई सेल तैयार कर पूरे विश्व में भारत, राजस्थान व जिले का नाम रोशन कर दिया है । नवीन सुमन ने अपनी सहयोगी निमिषा वर्मा के साथ अपने इस एलएसएल प्रोजेक्ट का 1 से 5 अक्टूबर तक शनाइडर इलेक्ट्रिकल द्वारा स्पेन में के बार्सिलोना में आयोजित सेमिनार में प्रेजेंटेशन दिया ओर गो ग्रीन इन द सिटी के विजेता बने ।

नवीन ने बताया कि शनाइडर इलेक्ट्रॉकल जो लगभग 100 देशों में कार्यरत है यहां पर हर साल करवाए जाने वाले कंपटीशन गो ग्रीन इन द सिटी के अंतर्गत उनकी टीम को भारत देश के लिए चुना गया था । प्रोग्राम का उद्देश्य आने वाले भविष्य के लिए दुनिया में क्लीन और ग्रीन एनर्जी सलूशन को बढ़ा देना था । पूरे विश्व से इंडिया ,नॉर्थ अमेरिका ,साउथ अमेरिका ,हांगकांग ,एशिया पेसिफिक ,बेल्जियम से 7 टीमों को चुना गया था । जिसमें नवीन सुमन व नीमीषा वर्मा की टीम ने भारत की तरफ से पार्टिसिपेट किया था। नवीन ने बताया कि उनके द्वारा 99 प्रतिशत इको फ्रेंडली यह सेल तैयार किया गया है जो इको फैमिली है ओर बलाष्ट नहीं आ सकता । यह सेल 1.5 वाल्ट का है इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता ।

नवीन अपने इस प्रोजेक्ट पर पिछले 1 वर्ष से कार्य कर रहे हैं जब यह सेल बाजार में आएगा इसकी कीमत ₹9 से 10 रुपये होगी । नवीन जल्दी ही इसका पैटर्न भी तैयार कराने जा रहे हैं । नवीन द्वारा दिए गए इस प्रेजेंटेशन मैं मौजूद जोड़ी ने गो ग्रीन इन द सिटी के अंतर्गत बेस्ट इनोवेशन प्रोजेक्ट माना और ग्रो इन द सिटी के विजेता बनकर देश का नाम रोशन किया है। इससे पूर्व भी नवीन ने स्टार्टअप के लिए सिलिकॉन वैली अमेरिका व दुबई में भी देश का नाम रोशन कर चुके हैं । गत वर्ष भारत सरकार ने एक्सपोजर के लिए सिलिकॉन वैली भेजा था । नवीन ने एप्पल, गूगल ,इंटेल नासा और कहीं विख्यात कंपनियों में विजिट कर चुके हैं ।स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी , यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बेरकेली, नॉर्थ ईस्टर्न यूनिवर्सिटी, ड्रेपर यूनिवर्सिटी जैसी कही यूनिवर्सिटी में एक्स्पोज़र कर लिया है । नवीन क्लाइमेंट लॉन्चपेड के नेशनल फाइनल्स में भी पहुचे है । इसके लिए फरवरी में दुबई कॉन्फ्रेंस में बुलाया गया था । एंटरप्रेन्योर नवीन ने वेदांता कॉलेज से सिविल से बीटेक किया है । लेकिन रिसर्च में रुचि रखने के कारण नवीन अपने सिविल क्षेत्र को छोड़ते हुए 3 साल से ई-कॉमर्स में वर्क कर रहे हैं। नवीन के विजेता बनने की सूचना से ही भारत पहुची तो नवीन के घर में बधाई देने वालों का तांता लग गया ।।

मार्केट में केमिकल युक्त सेल

नवीन ने बताया कि आज जिस तरीके से पूरे देश में पर्यावरण से हटकर खतरनाक केमिकल के जरिए सैलो का निर्माण किया जा रहा है और फुल पावर के सेल मार्केट में बिक रहे हैं । ऐसे में लोग उनसे लोगों यूज होने के बाद कहीं पर भी फेंक देते हैं जो कि खतरनाक साबित हो सकते हैं और बहुत से देशों में खतरनाक साबित भी हो रहे हैं लेकिन इन केमिकल की वजह से यह भी सामने आया कि लोगों को खतरनाक बीमारी का सामना इस दौरान करना पड़ा है । उन्होंने बताया कि सेल में उपयोग में लिए जाने वाली सामग्री भारत बाहर से मंगाता है और केवल इंडिया में 7 ऐसी जगह है जहां पर इस तरीके के कार्य होते हैं और उनके आस पास पाए जाने वाले लोगों को इन खतरनाक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है ।

चुनोती ने बनाया यह सेल

नवीन कुमार बताते हैं कि एलोवेरा जेल से तैयार किया गया एलएसएल बनाना एक चुनौती था । लेकिन उनका कहना था कि कि वह अपने जीवन में पर्यावरण से संबंधित काम करें और ऐसी चीज बनाकर भारत को दे उसका यूज़ सब कर सके और इको फ्रेंडली वह हो। पर्यावरण के लिए बने ऐसी चीजों की उन्होंने चुनौती वाली लिस्ट तैयार की और यह पाया गया कि लोग सबसे ज्यादा सेल को यानी बैटरी को यूज में लेते हैं तो क्यों ना पर्यावरण के लिए अच्छा साबित हो ऐसा प्रयास किया जाए तो तभी सही नवीन सुमन ने लक्ष्य तैयार किया और अपने काम में जुट गए उन्होंने 1 वर्ष पूर्व इको फ्रेंडली एलएसएल तैयार करने की मुहिम शुरू की और अपने मिशन में जुट गए और एलोवेरा जेल से कई रिसर्च करना शुरू किए। यहां उन्होंने बताया कि एलोवेरा को जरूरी उपयोग में नहीं समझा तो उन्होंने फल फ्रूट से सेल बनाने की सोची लेकिन फल फ्रूट से वह वाल्ट तैयार नहीं कर सके तो उन्होंने एलोवेरा के माध्यम से अन्य चीजों को मिलाकर रसायन को तैयार किया और उसे एलोई ई सेल का नाम दिया जिसमें 1. 5 वोल्ट है और पूरी तरह से इको फ्रेंडली वह सेल है ।




Conclusion:नवीन सुमन बूंदी शहर के लंकागेट निवासी हैं उनका जुनून और उनकी सोच नहीं आज पूरे भारत में उनका नाम रोशन किया है और ग्रीन इन द सिटी के विजेता बने हैं । उनका कहना है कि जल्द ही इसका पैटर्न तैयार करवाया जा रहा है और एलोवेरा जेल के 1.5 वोल्ट का इको फ्रेंडली सेल मार्केट में नजर आएगा । उनका कहना है कि जब से इस इको फ्रेंडली सेल को तैयार किया गया है तब से बड़ी-बड़ी कंपनियां उन से टाइप करने में लगी हुई है और उनसे कोशिश कर रही है कि वह उनका पैटर्न उनसे तैयार करवा ले। लेकिन नवीन सुमन अपनी सहयोगी निमिषा वर्मा के साथ ही इस प्रोजेक्ट को खुद तैयार करेंगे और देश हित में काम आने वाली इस इको फ्रेंडली हेलो इस वेल को जनता को समर्पित करेंगे ।

यकीनन यह कह सकते हैं कि अगर कुछ सोच लिया जाए तो वह चीज खुद-ब-खुद सामने आंखों पर आ जाती है और ऐसा ही करके नवीन कुमार सुमन ने दिखाया है उन्होंने पर्यावरण के लिए हानिकारक चीजों की लिस्ट को तैयार कर चुनौती माना और उस लिस्ट से सेल को शरीर के लिए चुनौती माना और उस चुनौती को पर्यावरण के लिए कैसे अच्छा साबित किया जा सकता है यह ठानी और केमिकल से ना बनाकर एक पेड़ से उन्होंने रसायन तैयार कर इको फ्रेंडली ई सेल का निर्माण कर दिया जो कि काबिले तारीफ है ।

बाईट - नवीन सुमन , होनहार
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