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बजट में हिंडोली-नैनवा को कई सौगातें, बूंदी-केशोरायपाटन की अधूरी आस

राज्य सरकार द्वारा बुधवार को विधानसभा में पेश किए गए राज्य के बजट में दशकों से पेयजल संकट से जूझ रहे हिंडोली-नैनवा क्षेत्र के बाशिंदों की पेयजल समस्या को मुख्य रूप से दृष्टिगत रखते हुए संभल से हिंडोली-नैनवा के 284 गांव, मजरे व ढाणियों तक पेयजल पहुंचाने के लिए साढ़े 600 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को बजट में मंजूरी दी गई. वहीं, नैनवा कॉलेज को सरकारी दर्जा दिए जाने की घोषणा के बाद संघर्ष कर रहे विद्यार्थियों में काफी खुशी की लहर देखी गयी.

बजट से बूंदी-केशोरायपाटन में मायूसी
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Published : Jul 10, 2019, 11:37 PM IST

बूंदी. हिंडोली विधायक और राज्य मंत्री अशोक चांदना द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान हिंडोली क्षेत्र को पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिए बड़े प्रोजेक्ट के जरिए हर गांव, ढाणी पर घर तक पानी पहुंचाने का वादा किया था. वहीं, इस तरह बजट में चंबल परियोजना को शामिल करके हिंडोली क्षेत्र के गांव-ढाणी मजबूत तक पानी पहुंचाने के वादे की क्रियान्विति शुरू हो गई है. ऐसा माना जा रहा है कि इस योजना की क्रियान्विति होने के साथ ही हिंडोली क्षेत्र में आगामी 50 वर्ष तक पेयजल की समस्या का निदान हो जाएगा.

बजट से बूंदी-केशोरायपाटन में मायूसी

पेयजल योजना के साथ ही राज्य मंत्री चांदना द्वारा क्षेत्र के किसानों की समस्या को देखते हुए कृषि मंडी के सफल संचालन व सभी सुविधाओं को मुहैया करवाने के लिए कृषि मंडी का प्रोजेक्ट तैयार करके उसके लिए भी राज्य सरकार से 10 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत करवा कर क्षेत्र के किसानों को काफी राहत प्रदान की है. जिसका भी आगामी दिनों में कार्य प्रारंभ हो जाएगा. बता दें कि हिंडोली नेनवा क्षेत्र बीते कई वर्षों से पेयजल संकट की समस्या से जूझ रहा है और भूजल स्तर काफी नीचे चले जाने से क्षेत्र में पेयजल संकट खड़ा हो गया है. वहीं, कई बोरिंग व हैण्डपम्प हवा फेंकना शुरू कर दिया है. जिसके चलते कई जगह पीने का पानी व मवेशियों को पीने का पानी जुटाना भी क्षेत्र के लोगों के लिए काफी गंभीर समस्या बना हुआ है.

केशोरायपाटन विधानसभा क्षेत्र को राज्य सरकार के आम बजट-2019 से काफी उम्मीदें थीं. लेकिन इस बजट ने क्षेत्र के लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. जिससे क्षेत्रवासी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. क्षेत्रवासियों का मानना है कि सरकार ने 'केशव' की नगरी क्षेत्र की बजट में उपेक्षा की है. सत्ताहीन दल का विधायक नहीं होने से क्षेत्र को बजट में जगह नहीं मिली. सरकार के इस रवैये पर लोगों ने रोष जताया.

इस क्षेत्र के लोगों की ये है मांगें...

  • वर्ष 2000 में बंद हुई शुगर मिल को फिर से चालू किया जाए. शुगर मिल के चलने से समूचे केशोरायपाटन उपखण्ड के सैकड़ों किसानों को लाभ होगा. उपखण्ड के चम्बल की नहरों से सिंचित होने से यहां गन्ना की खेती किसानों को खूब रास आती है. कापरेन की कृषि उपज मंडी को पूर्ण मंडी के रूप में विकसित करने के साथ-साथ इसका दायरा बढ़ाया जाए.
  • रोटेदा के निकल चम्बल नदी पर एनीकट का निर्माण हो. इससे आसपास के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाया जा सके. एनीकट के बनने से कापरेन तक का जलस्तर बढ़ेगा.
  • केशोरायपाटन व लाखेरी में राजकीय महाविद्यालय खोला जाए. कापरेन, करवर, गेण्डोली में औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान खोला जाए.
  • केशोरायपाटन शहर सहित आस पास के गांवो में फ्लोराइड पानी से मुक्ति के लिए कोई ठोस योजना बने. केशोरायपाटन व कापरेन को पेयजल के लिए चम्बल से जोड़ने की योजना को जल्द मुर्तरूप मिले.
  • केशोरायपाटन उपखण्ड में कोटा डोरिया बुनकरों के लिए ठोस योजना बने. अभी रोटेदा में काम कर रहे कारीगरों के लिए औधोगिक क्षेत्र विकसित कर अन्य युवाओं को इससे जोड़ा जाए.
  • धार्मिक नगरी केशोरायपाटन, क्वांलजी, इंद्रगढ़ की माता जी को जोड़ते हुए पर्यटन सर्किट तैयार हो. पंचकोसी परिक्रमा मार्ग से अतिक्रमण हटे, मार्ग विकसित हो.
  • उपखण्ड मुख्यालय पर कृषि आधारित उद्योग लगे. चम्बल की केपाटन व कापरेन ब्रांच का सुदृढ़ीकरण ठीक ढंग से हो. दोनों नहरों की लंबाई और बढ़े.
  • रोटेदा-मंडावरा के बीच चम्बल नदी पर बनी पुलिया की ऊंचाई बढ़े. कापरेन से बोरदामाल-झालीजी का बराना से गेण्डोली को जोड़ने वाली सड़क चौड़ी हो. गेण्डोली के निकट बजरंग घाटी पर पक्की सड़क बने.
  • लाखेरी उपखण्ड मुख्यालय पर पंचायत समिति बने. अभी यहां अंतिम छोर के लोगों को 65 किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है. चम्बल की नहरों को पक्का किया जाए, जिससे टेल तक पानी आसानी से पहुंचे.
  • करवर में कृषि उपज मंडी विकसित हो. रोटेदा क्षेत्र सहित अभ्यारण क्षेत्र के गांवों में वन्य जीवों से फसलों को बचाने के लिए कोई ठोस योजना स्वीकृत हो.

वहीं, बूंदी विधानसभा को भी काफी उम्मीदें थी. केवल सिंचाई परियोजना की इस बजट में सीएम ने घोषणा की, लेकिन पर्यटन को लेकर जो उम्म्मीदें थीं. वह पूरी नहीं हो सकी. जानें क्या थीं मु्ख्य मांगें...

  • शहर में काफी पर्यटक स्थल हैं, जिनमें बावड़ियां कुंड सहित कई स्मारक, छतरियां और मनमोहक स्थल ऐसे हैं जिन्हें देख कर पर्यटक गदगद हो जाते हैं. लेकिन इन जगहों पर संरक्षण के लिए राज्य सरकार से उम्मीद थी कि वह अच्छा पर्यटन पैकेज बूंदी को दे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
  • जजावर में ट्रोमा सेंटर खोलने की मांग कई सालों से की जा रही थी, लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी.

बूंदी. हिंडोली विधायक और राज्य मंत्री अशोक चांदना द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान हिंडोली क्षेत्र को पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिए बड़े प्रोजेक्ट के जरिए हर गांव, ढाणी पर घर तक पानी पहुंचाने का वादा किया था. वहीं, इस तरह बजट में चंबल परियोजना को शामिल करके हिंडोली क्षेत्र के गांव-ढाणी मजबूत तक पानी पहुंचाने के वादे की क्रियान्विति शुरू हो गई है. ऐसा माना जा रहा है कि इस योजना की क्रियान्विति होने के साथ ही हिंडोली क्षेत्र में आगामी 50 वर्ष तक पेयजल की समस्या का निदान हो जाएगा.

बजट से बूंदी-केशोरायपाटन में मायूसी

पेयजल योजना के साथ ही राज्य मंत्री चांदना द्वारा क्षेत्र के किसानों की समस्या को देखते हुए कृषि मंडी के सफल संचालन व सभी सुविधाओं को मुहैया करवाने के लिए कृषि मंडी का प्रोजेक्ट तैयार करके उसके लिए भी राज्य सरकार से 10 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत करवा कर क्षेत्र के किसानों को काफी राहत प्रदान की है. जिसका भी आगामी दिनों में कार्य प्रारंभ हो जाएगा. बता दें कि हिंडोली नेनवा क्षेत्र बीते कई वर्षों से पेयजल संकट की समस्या से जूझ रहा है और भूजल स्तर काफी नीचे चले जाने से क्षेत्र में पेयजल संकट खड़ा हो गया है. वहीं, कई बोरिंग व हैण्डपम्प हवा फेंकना शुरू कर दिया है. जिसके चलते कई जगह पीने का पानी व मवेशियों को पीने का पानी जुटाना भी क्षेत्र के लोगों के लिए काफी गंभीर समस्या बना हुआ है.

केशोरायपाटन विधानसभा क्षेत्र को राज्य सरकार के आम बजट-2019 से काफी उम्मीदें थीं. लेकिन इस बजट ने क्षेत्र के लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. जिससे क्षेत्रवासी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. क्षेत्रवासियों का मानना है कि सरकार ने 'केशव' की नगरी क्षेत्र की बजट में उपेक्षा की है. सत्ताहीन दल का विधायक नहीं होने से क्षेत्र को बजट में जगह नहीं मिली. सरकार के इस रवैये पर लोगों ने रोष जताया.

इस क्षेत्र के लोगों की ये है मांगें...

  • वर्ष 2000 में बंद हुई शुगर मिल को फिर से चालू किया जाए. शुगर मिल के चलने से समूचे केशोरायपाटन उपखण्ड के सैकड़ों किसानों को लाभ होगा. उपखण्ड के चम्बल की नहरों से सिंचित होने से यहां गन्ना की खेती किसानों को खूब रास आती है. कापरेन की कृषि उपज मंडी को पूर्ण मंडी के रूप में विकसित करने के साथ-साथ इसका दायरा बढ़ाया जाए.
  • रोटेदा के निकल चम्बल नदी पर एनीकट का निर्माण हो. इससे आसपास के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाया जा सके. एनीकट के बनने से कापरेन तक का जलस्तर बढ़ेगा.
  • केशोरायपाटन व लाखेरी में राजकीय महाविद्यालय खोला जाए. कापरेन, करवर, गेण्डोली में औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान खोला जाए.
  • केशोरायपाटन शहर सहित आस पास के गांवो में फ्लोराइड पानी से मुक्ति के लिए कोई ठोस योजना बने. केशोरायपाटन व कापरेन को पेयजल के लिए चम्बल से जोड़ने की योजना को जल्द मुर्तरूप मिले.
  • केशोरायपाटन उपखण्ड में कोटा डोरिया बुनकरों के लिए ठोस योजना बने. अभी रोटेदा में काम कर रहे कारीगरों के लिए औधोगिक क्षेत्र विकसित कर अन्य युवाओं को इससे जोड़ा जाए.
  • धार्मिक नगरी केशोरायपाटन, क्वांलजी, इंद्रगढ़ की माता जी को जोड़ते हुए पर्यटन सर्किट तैयार हो. पंचकोसी परिक्रमा मार्ग से अतिक्रमण हटे, मार्ग विकसित हो.
  • उपखण्ड मुख्यालय पर कृषि आधारित उद्योग लगे. चम्बल की केपाटन व कापरेन ब्रांच का सुदृढ़ीकरण ठीक ढंग से हो. दोनों नहरों की लंबाई और बढ़े.
  • रोटेदा-मंडावरा के बीच चम्बल नदी पर बनी पुलिया की ऊंचाई बढ़े. कापरेन से बोरदामाल-झालीजी का बराना से गेण्डोली को जोड़ने वाली सड़क चौड़ी हो. गेण्डोली के निकट बजरंग घाटी पर पक्की सड़क बने.
  • लाखेरी उपखण्ड मुख्यालय पर पंचायत समिति बने. अभी यहां अंतिम छोर के लोगों को 65 किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है. चम्बल की नहरों को पक्का किया जाए, जिससे टेल तक पानी आसानी से पहुंचे.
  • करवर में कृषि उपज मंडी विकसित हो. रोटेदा क्षेत्र सहित अभ्यारण क्षेत्र के गांवों में वन्य जीवों से फसलों को बचाने के लिए कोई ठोस योजना स्वीकृत हो.

वहीं, बूंदी विधानसभा को भी काफी उम्मीदें थी. केवल सिंचाई परियोजना की इस बजट में सीएम ने घोषणा की, लेकिन पर्यटन को लेकर जो उम्म्मीदें थीं. वह पूरी नहीं हो सकी. जानें क्या थीं मु्ख्य मांगें...

  • शहर में काफी पर्यटक स्थल हैं, जिनमें बावड़ियां कुंड सहित कई स्मारक, छतरियां और मनमोहक स्थल ऐसे हैं जिन्हें देख कर पर्यटक गदगद हो जाते हैं. लेकिन इन जगहों पर संरक्षण के लिए राज्य सरकार से उम्मीद थी कि वह अच्छा पर्यटन पैकेज बूंदी को दे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
  • जजावर में ट्रोमा सेंटर खोलने की मांग कई सालों से की जा रही थी, लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी.
Intro:राज्य सरकार द्वारा बुधवार को विधानसभा में पेश किए गए राज्य के बजट में दशकों से पेयजल संकट से जूझ रहे हिंडोली- नेनवा क्षेत्र के बाशिंदों की पेयजल समस्या को मुख्य रूप से दृष्टिगत रखते हुए संभल से हिंडोली नैनवा के 284 गांव मजरे व ढाणियों तक पेयजल पहुंचाने के लिए साडे 600 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को बजट में मंजूरी दी गई वही नैनवा कॉलेज को सरकारी दर्जा दिए जाने की घोषणा के बाद संघर्ष कर रहे विद्यार्थियों में काफी ख़ुशी की लहर देखी गयी। इस घोषणा के साथ ही जानकारी मिलते ही हिंडोली नैनवा क्षेत्र में खुशी की लहर छा गई और क्षेत्र के लोगों को वर्षों से जेल रहे पेयजल समस्या के निराकरण की उम्मीद जग गई.


Body:बूंदी के हिंडोली विधायक राज्य मंत्री अशोक चांदना द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान हिंडोली क्षेत्र को पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिए बड़े प्रोजेक्ट के जरिए हर गांव ढाणी पर घर तक पानी पहुंचाने का वादा किया था और इस तरह बजट में चंबल परियोजना को शामिल करके हिंडोली क्षेत्र के गांव ढाणी मजबूत तक पानी पहुंचाने के वादे की क्रियान्विति शुरू हो गई है और इस योजना की क्रियान्विति होने के साथ ही हिंडोली क्षेत्र में आगामी 50 वर्ष तक पेयजल की समस्या का निदान हो जाएगा। पेयजल योजना के साथ ही राज्य मंत्री चांदना द्वारा क्षेत्र के किसानों की समस्या को देखते हुए कृषि मंडी के सफल संचालन व सभी सुविधाओं को मुहैया करवाने के लिए कृषि मंडी का प्रोजेक्ट तैयार करके उसके लिए भी राज्य सरकार से 10 करोड रुपए की राशि स्वीकृत करवा कर क्षेत्र के किसानों को काफी राहत प्रदान की है जिसका भी आगामी दिनों में कार्य प्रारंभ हो जाएगा। गौरतलब है कि हिंडोली नेनवा क्षेत्र बीते कई वर्षों से पेयजल संकट की समस्या से जूझ रहा है और भूजल स्तर काफी नीचे चल जाने से क्षेत्र में हुए तो जहां सो गई गए हैं लेकिन कई बोरिंग व हेण्डपम्प भी हवा फेंकना शुरू कर दिया है जिसके चलते कई जगह पीने का पानी व मवेशियों को पीने का पानी जुटाना भी क्षेत्र के लोगों के लिए काफी गंभीर समस्या बना हुआ है

Conclusion:केशोराय पाटन विधानसभा क्षेत्र को राज्य सरकार के आम बजट-2019 से काफी उम्मीदें थी।परन्तु इस बजट ने क्षेत्र के लोगो की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।जिससे क्षेत्र वासी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे है।क्षेत्र वासियो का मानना है कि सरकार ने केशव की नगरी क्षेत्र की बजट में उपेक्षा की है।सत्ताहीन दल का विधायक नही होने से क्षेत्र को बजट में जगह नही मिली।सरकार के इस रवैये पर लोगो ने रोष जताया।

1.वर्ष 2000 में बंद हुई शुगर मिल को फिर से चालू किया जाए।शुगर मिल के चलने से समूचे केशोरायपाटन उपखण्ड के सैकड़ो किसानों को लाभ होगा।उपखण्ड के चम्बल की नहरों से सिंचित होने से यहां गन्ना की खेती किसानों को खूब रास आती है।कापरेन की कृषि उपज मंडी को पूर्ण मंडी के रूप में विकसित करने के साथ साथ इसका दायरा बढ़ाया जाए।

2.रोटेदा के निकल चम्बल नदी पर एनीकट का निर्माण हो।इससे आसपास के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाया जा सके।एनीकट के बनने से कापरेन तक का जलस्तर बढेगा।

3.केशोरायपाटन व लाखेरी में राजकीय महाविद्यालय खोला जाए।कापरेन,करवर,गेण्डोली में औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान खोला जाए।

4.केशोराय पाटन शहर सहित आस पास के गांवो में फ्लोराइड पानी से मुक्ति के लिए कोई ठोस योजना बने।केशोरायपाटन व कापरेन को पेयजल के लिए चम्बल से जोड़ने की योजना को जल्द मुर्त रूप मिले।

5.केशोरायपाटन उपखण्ड में कोटा डोरिया बुनकरों के लिए ठोस योजना बने।अभी रोटेदा में काम कर रहे कारीगरों के लिए औधोगिक क्षेत्र विकसित कर अन्य युवाओ को इससे जोड़ा जाए।

6.धार्मिक नगरी केशोरायपाटन,क्वांलजी,इंद्रगढ़ की माता जी को जोड़ते हुए पर्यटन सर्किट तैयार हो।पंचकोसी परिक्रमा मार्ग से अतिक्रमण हटे,मार्ग विकसित हो।

7.उपखण्ड मुख्यालय पर कृषि आधारित उद्योग लगे।चम्बल की केपाटन व कापरेन ब्रांच का सुदृढीकरण ठीक ढंग से हो।दोनो नहरों की लंबाई ओर बढे।

8.रोटेदा-मंडावरा के बीच चम्बल नदी पर बनी पुलिया की ऊँचाई बढे।कापरेन से बोरदामाल-झालीजी का बराना से गेण्डोली को जोड़ने वाली सड़क चौड़ी हो।गेण्डोली के निकट बजरंग घाटी पर पक्की सड़क बने।

9.लाखेरी उपखण्ड मुख्यालय पर पंचायत समिति बने।अभी यहां अंतिम छोर के लोगो को 65 किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है।चम्बल की नहरों को पक्का किया जाए।जिससे टेल तक पानी आसानी से पहुँचे।

10.करवर में कृषि उपज मंडी विकसित हो। रोटेदा क्षेत्र सहित अभ्यारण क्षेत्र के गांवो में वन्य जीवों से फसलों को बचाने के लिए कोई ठोस योजना स्वीकृत हो।

वही बूंदी विधानसभा को भी काफी उम्मीदे थी केवल सिचाई परियोजना की इस बजट में सीएम ने घोषणा की लेकिन पर्यटन को लेकर जो उम्म्मीदे थी वह पूरी नहीं हो चाकी

01 - शहर में काफी पर्यटक स्थल है जिनमे बावड़ियां कुंड सहित कई स्मारक ,छतरियां ,मनमोहक स्थल ऐसे है जिन्हे देख कर पर्यटक गदगद हो जाते है लेकिन इन जगहों पर सरक्षण के लिए राज्य सरकार से उम्मीद थी की वह अच्छा पर्यटन पैकेज बूंदी को दे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

02 - जजावर में ट्रॉमा सेंटर खोले की मांग कई सालो से की जा रही थी लेकिन वह पूरी नहीं जो सकी

बाईट - ममता गुर्जर ,हिण्डोली प्रधान
बाईट - चंद्रकांता मेघवाल , विधायक ,केशवरायपाटन , बीजेपी
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