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नेत्र दान करने में पीछे नहीं रहेंगी बूंदी की महिलाएं, लिया संकल्प

बूंदी में दूसरे के अंधेरे जीवन में उजाला लाने की सोच को बढ़ावा देने के लिए बूंदी इनेटिव क्लब की 10 से अधिक महिलाओं ने नेत्रदान का संकल्प लिया है और नेत्रदान महादान के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम किया है. बूंदी में नेत्रदान करवाने वाली संस्था शाइन इंडिया को इस क्लब की महिलाओं ने शपथ लेकर संकल्प पत्र सौंपे हैं.

बूंदी की खबर, Chairman Neelima Mathur, Bundi Initiative Club
महिलाएं कर रही नेत्र दान के लिए लोगों को जागरुक
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Published : Dec 2, 2019, 10:22 PM IST

बूंदी. नेत्रदान महादान की श्रृंखला में पूरे भारतवर्ष में लगभग 25 लाख व्यक्तियों को नेत्र की आवश्यकता है, लेकिन भारतवर्ष में कई सामाजिक संगठनों और कई प्रयासों के बाद भी वर्ष भर में लगभग 20 से 25 हजार ही नेत्रदान हो पाते हैं. जिससे कई नेत्रहीन लोग इस संसार को देखने से वंचित रह जाते हैं.

इसी बात को ध्यान में रखते हुए बूंदी के इनेटिव क्लब की महिलाओं ने अब नेत्रदान करने का बीड़ा उठाया है. वहीं, सोमवार को बूंदी में शाइन इंडिया संस्था को इस क्लब की महिलाओं ने संकल्प लेकर पत्र सौंपे हैं.

इनेटिव क्लब की अध्यक्ष नीलिमा माथुर का कहना है कि महिलाएं आज के समय में जीवन संघर्ष में कदम से कदम मिलाकर पुरुषों का साथ दे रही हैं. वहीं अभी भी महिलाओं के हौसले बुलंद होने के बाद भी वह अपनी जिज्ञासाओं को दबा लेती हैं. लेकिन अब महिलाओं को जागरूक करने के लिए आज हम नेत्रदान करने का संकल्प और प्रतिज्ञा लेकर अन्य महिलाओं को भी जागरूक करने को लेकर अग्रसर हैं.

महिलाएं कर रही नेत्र दान के लिए लोगों को जागरूक

नेत्रदान आने वाले समय में अत्यंत जरूरी है इसीलिए छोटे से शहर बूंदी से हम महिलाओं ने इसकी शुरुआत की है और हमारे इस हौसले को देखकर आशा है कि अन्य महिलाएं भी नेत्रदान करने में आगे आएंगी.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट : हाथ से ही उखड़ रही सड़क, 1 हफ्ते भी नहीं टिका घटिया सामग्री से किया पैचवर्क

उनका कहना है कि इस कार्य के लिए साइन इंडिया फाउंडेशन के कोऑर्डिनेटर इदरीश बोहरा ने हमें नेत्रदान के लिए प्रेरित किया और उनसे प्रेरित होकर आज हमने अपने नेत्रदान के लिए प्रतिज्ञा के साथ संकल्प पत्र भी भरा है .

बूंदी में वर्ष 2015 से संचालित संस्था ने अभी तक 19 लोगों को मरणोपरांत नेत्रदान करवाकर दूसरे लोगों की जिंदगी में उजाला लाने का प्रयास किया है. अभी लोगों में जागरुकता की कमी के चलते नेत्रदान जितना होना चाहिए, उतना नहीं हो पा रहा. नेत्रदान के लिए लोगों को समझाकर संकल्पित पत्र भरवाए जाते हैं. अभी तक लगभग दो सौ से अधिक लोगों ने संकल्पित पत्र भरे हैं. किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उनके परिजनों की सहमति से ही नेत्रदान की प्रक्रिया की जाती है. बूंदी की इनेटिव क्लब की महिला सदस्यों ने करीब 10 से अधिक नेत्रदान के संकल्प पत्र संस्था को सोपे है.

बूंदी. नेत्रदान महादान की श्रृंखला में पूरे भारतवर्ष में लगभग 25 लाख व्यक्तियों को नेत्र की आवश्यकता है, लेकिन भारतवर्ष में कई सामाजिक संगठनों और कई प्रयासों के बाद भी वर्ष भर में लगभग 20 से 25 हजार ही नेत्रदान हो पाते हैं. जिससे कई नेत्रहीन लोग इस संसार को देखने से वंचित रह जाते हैं.

इसी बात को ध्यान में रखते हुए बूंदी के इनेटिव क्लब की महिलाओं ने अब नेत्रदान करने का बीड़ा उठाया है. वहीं, सोमवार को बूंदी में शाइन इंडिया संस्था को इस क्लब की महिलाओं ने संकल्प लेकर पत्र सौंपे हैं.

इनेटिव क्लब की अध्यक्ष नीलिमा माथुर का कहना है कि महिलाएं आज के समय में जीवन संघर्ष में कदम से कदम मिलाकर पुरुषों का साथ दे रही हैं. वहीं अभी भी महिलाओं के हौसले बुलंद होने के बाद भी वह अपनी जिज्ञासाओं को दबा लेती हैं. लेकिन अब महिलाओं को जागरूक करने के लिए आज हम नेत्रदान करने का संकल्प और प्रतिज्ञा लेकर अन्य महिलाओं को भी जागरूक करने को लेकर अग्रसर हैं.

महिलाएं कर रही नेत्र दान के लिए लोगों को जागरूक

नेत्रदान आने वाले समय में अत्यंत जरूरी है इसीलिए छोटे से शहर बूंदी से हम महिलाओं ने इसकी शुरुआत की है और हमारे इस हौसले को देखकर आशा है कि अन्य महिलाएं भी नेत्रदान करने में आगे आएंगी.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट : हाथ से ही उखड़ रही सड़क, 1 हफ्ते भी नहीं टिका घटिया सामग्री से किया पैचवर्क

उनका कहना है कि इस कार्य के लिए साइन इंडिया फाउंडेशन के कोऑर्डिनेटर इदरीश बोहरा ने हमें नेत्रदान के लिए प्रेरित किया और उनसे प्रेरित होकर आज हमने अपने नेत्रदान के लिए प्रतिज्ञा के साथ संकल्प पत्र भी भरा है .

बूंदी में वर्ष 2015 से संचालित संस्था ने अभी तक 19 लोगों को मरणोपरांत नेत्रदान करवाकर दूसरे लोगों की जिंदगी में उजाला लाने का प्रयास किया है. अभी लोगों में जागरुकता की कमी के चलते नेत्रदान जितना होना चाहिए, उतना नहीं हो पा रहा. नेत्रदान के लिए लोगों को समझाकर संकल्पित पत्र भरवाए जाते हैं. अभी तक लगभग दो सौ से अधिक लोगों ने संकल्पित पत्र भरे हैं. किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उनके परिजनों की सहमति से ही नेत्रदान की प्रक्रिया की जाती है. बूंदी की इनेटिव क्लब की महिला सदस्यों ने करीब 10 से अधिक नेत्रदान के संकल्प पत्र संस्था को सोपे है.

Intro:बूंदी में दूसरे के अंधेरे जीवन में उजाला लाने की सोच को बढ़ावा देने के लिए बूंदी इनेटिव क्लब की 10 से अधिक महिलाओं ने नेत्रदान का संकल्प लिया है और नेत्रदान महादान के प्रति लोगो को जागरूक करने का काम किया है। बूंदी में नेत्रदान करवाने वाली संस्था शाइन इंडिया को इस क्लब की महिलाओं ने शपथ लेकर संकल्प पत्र सोपें है।

Body:बूंदी। नेत्रदान महादान की श्रंखला में पूरे भारतवर्ष में लगभग 25 लाख व्यक्तियों को नेत्र की आवश्यकता है मगर भारतवर्ष में कई सामाजिक संगठनों वह कई प्रयासों के बाद भी वर्ष भर में लगभग 20 से 25 हजार ही नेत्रदान हो पाती है जिससे कहीं नेत्रहीन लोग इस संसार को देखने से वंचित रह जाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए बूंदी के इनेटिव क्लब की महिलाओं ने अब नेत्रदान करने का बीड़ा उठाया है.आज बूंदी में शाइन इंडिया संस्था को इस क्लब की महिलाओं ने संकल्प लेकर पत्र सोपे है। इनेटिव क्लब की अध्यक्ष नीलिमा माथुर का कहना है कि महिलाएं आज के समय में जीवन संघर्ष में कदम से कदम मिलाकर पुरुषों का साथ दे रही है वहीं अभी भी महिलाओं के हौसले होने के बाद भी वह अपनी जिज्ञासाओं को दबा लेती है मगर अब महिलाओं को जागरूक करने के लिए आज हम नेत्रदान करने का संकल्प व प्रतिज्ञा लेकर अन्य महिलाओं को भी जागरूक करने को लेकर अग्रसर हैं। नेत्रदान आने वाले समय में अत्यंत जरूरी है इसीलिए छोटे से शहर बूंदी से हम महिलाओं ने इसकी शुरुआत की है और हमारे इस हौसले को देख कर आशा है कि अन्य महिलाएं भी नेत्रदान करने में आगे आएगी। उनका कहना है कि इस कार्य के लिए आईनेत्र के साइन इंडिया फाउंडेशन के कोऑर्डिनेटर इदरीश बोहरा ने हमें नेत्रदान के लिए प्रेरित किया और उनसे प्रेरित होकर आज हमने अपने नेत्रदान के लिए प्रतिज्ञा के साथ संकल्प पत्र भी भरा है ।

Conclusion:बूंदी में वर्ष 2015 से संचालित संस्था ने अभी तक 19 लोगों को मरणोपरांत नेत्रदान करवाकर दूसरे लोगों की जिंदगी में उजाला लाने का प्रयास किया है। अभी लोगों में जागरुकता की कमी के चलते नेत्रदान जितना होना चाहिए, उतना नहीं हो पा रहा। नेत्रदान के लिए लोगों को समझाकर संकल्पित पत्र भरवाए जाते हैं। अभी तक लगभग दो सौ से अधिक लोगों ने संकल्पित पत्र भरे हैं। किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उनके परिजनों की सहमति से ही नेत्रदान की प्रक्रिया की जाती है। बूंदी की इनेटिव क्लब की महिला सदस्यों ने करीब 10 से अधिक नेत्रदान के संकल्प पत्र संस्था को सोपे है।

बाईट - नीलम माथुर, इनेटिव क्लब अध्यक्ष
बाईट - प्रीति जसोतानी सदस्य
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